छोटे बच्चों में अक्सर भूख नहीं लगने के मामले देखे जाते हैं, ये शुरुआत में स्वाभाविक हो सकते हैं, लेकिन अगर लंबे समय तक शिशु में यही स्थिति बनी हुई है तो यह कई बार समस्या का संकेत भी हो सकता है। आमतौर पर अगर शिशु ने सुबह कुछ खाने के बाद दिन में अगर कुछ नहीं खाया तो ऐसे में माता-पिता घबरा जाते हैं। बच्चों में यह समस्या सामान्य होती है, जो आमतौर पर दो साल तक के बच्चों में हो सकती है। चलिए बच्चों के डॉ. सईद मुजाहिद हुसैन डॉ. (हाईफाई) से जानते हैं बच्चों में यह समस्या कितनी सामान्य होती है।
कितना सामान्य है भूख लगना?
डॉ. हुसैन के मुताबिक कई बार बच्चों में यह समस्या काफी आम होती है। यह 8-10 महीने से लेकर साल भर के बच्चों में भी देखी जाती है। इस स्थिति को सेलेक्ट लॉस ऑफ एपेटाइट कहा जाता है, जिसमें बच्चे बहुत लिमिटेड फूड लेने के साथ ही खाने-पीने में रुचि नहीं दिखाते हैं। ऐसे में चिंता करने की कोई बात नहीं है। इस स्थिति में आपको यह देखना है कि आपके बच्चे में पॉटी और पेशाब करने की प्रक्रिया सामान्य रूप से हो रही है या नहीं। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना है कि बच्चा बिना खाए भी कितना एक्टिव है। अगर सभी प्रक्रियाएं सामान्य हैं तो ऐसे में बिलकुल न घबराएं।
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बच्चे को जबरदस्ती न खिलाएं
डॉक्टर के मुताबिक बच्चा अगर ठीक से खाना नहीं खा रहा है तो ऐसे में मां उन्हें जबरदस्ती खाना खिलाती हैं। कुछ लोग ऐसे में बच्चे को सिरिंज की मदद से दूध पिलाते हैं। ऐसा करने से बचें क्योंकि इससे बच्चे को चिड़चिड़ापन होने लगता है और वह खाने-पीने में बिल्कुल रुचि नहीं दिखाता है। अगर आपके बच्चे की आंखों में चमक है तो इससे समझें कि बच्चा हाइड्रेटेड और एनर्जेटिक है। इसलिए उसे जबरदस्ती खिलाने से बचें। कई बार बच्चा अगर लंबे समय से ठीक तरह से नहीं खा रहा है तो ऐसे में पेट का इन्फेक्शन, पेट में कीड़े या फिर बच्चे के बीमार होने की भी आशंका रहती है।