कोरोना महामारी के बीच क्या हमारी मुसीबत बढ़ा सकता है बर्ड फ्लू? जानें कोरोना काल में बर्ड फ्लू कितना खतरनाक है

पिछले 10 दिनों में भारत में बर्ड फ्लू के चलते लाखों पक्षियों की मौत हुई है। अब कोविड-19 के बीच, सरकार ने बर्ड फ्लू को देखते हुए अलर्ट जारी किया है।

Pallavi Kumari
Written by: Pallavi KumariUpdated at: Jan 11, 2021 18:41 IST
कोरोना महामारी के बीच क्या हमारी मुसीबत बढ़ा सकता है बर्ड फ्लू? जानें कोरोना काल में बर्ड फ्लू कितना खतरनाक है

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साल 2020 को लोग कोरोना वायरस महामारी का साल कहते हैं, पर अब इस नए साल में भी मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। साल की शुरुआत बर्ड फ्लू (Bird Flu) के साथ हुई और देखते ही देखते ये भारत के 7 राज्यों,  केरल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और पंजाब तक फैल (bird flu news) गया है। इन सभी राज्‍य में सरकारें अलर्ट पर हैं। तो,  केंद्र सरकार ने अब स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली में एक कंट्रोल रूम बनाया है, जिससे हर राज्‍य के संपर्क में रहा जा सके। सरकार का कहना है कि सर्दियों में आए प्रवासी पक्षियों की वजह से ये बीमारी फैली है, पर प्रश्न ये है कि क्या इंसानों को भी इस बर्ड फ्लू (bird flu outbreak)से कोई खतरा है? क्या कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू (Bird Flu in Corona Time) हमारी मुसीबत और बढ़ा सकता है? 

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इंसानों के लिए कितना खतरनाक है बर्ड फ्लू-Can bird flu affect humans?

कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू (bird flu in india latest news in hindi) इंसानों के लिए टेंशन की बात इसलिए है कि कोरोना वायरस के बेसिक लक्षण, बर्ड फ्लू के लक्षणों से मिलते हैं और ये दोनों ही सांस की गंभीर बीमारी (severe respiratory illness)है। दरअसल, बर्ड फ्लू एक एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस है, जो कि पक्षियों में वायरल संक्रमण फैलाता है। आसान भाषा में समझें, तो  यह एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जो इन्फ्लुएंजा टाइप ए वायरस के कारण होती है जो आम तौर पर मुर्गियों और टर्की जैसे पक्षियों को प्रभावित करती है। वायरस के कई प्रकार हैं, जिनमें कुछ हल्के लक्षणों वाले हैं, तो कुछ गंभीर और घातक हैं। बर्ड फ्लू इंफेक्शन चिकन, टर्की, गीस और बतख की प्रजाति जैसे पक्षियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इसमें सबसे ज्यादा पॉपुलर बर्ड फ्लू वायरस एच5एन1 (H5N1)है जिससे की इंसान और पक्षियों , दोनों की मौत हो सकती है।

बर्ड फ्लू कैसे फैलता है-How did bird flu spread?

बर्ड फ्लू की शुरुआत पक्षियों से हुई है, खास कर ये जंगली जलीय पक्षी जैसे बत्तख और गीस से फैला है। दरअसल,  बत्तख और गीस (geese) में इन्फ्लुएंजा ए (Influenza A)वायरस का प्राकृतिक भंडार हैं और यही दोनों इसे बाकी पक्षियों में फैलाने का कारण बनते हैं। वो ऐसे कि

  • -कई पंक्षी जिनमें ये एच5एन1 (H5N1) वायरस होता है, वो बिना किसी लक्षण और बीमारी के घूमते रहते हैं। 
  • -फिर ये पंक्षी यहां-वहां जाते हैं और वायरस को किसी बहाने से फैला देते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि जैसे इंसानों के थूक और छींक की बूंदों से वायरस फैलता है, वैसे ही पंक्षी वायरस के इन बूंदों को बहा देते हैं और संक्रमण फैलने लगता है। 
  • - चूंकि पक्षी उड़ान भरते समय भी अपना वेस्ट प्रोडक्ट यानी कि गंदगी निकालते रहते हैं, इससे ये वायरस दुनिया भर में तेजी से फैलने लगता है।
  • -पानी के पक्षी, जो कि कई लंबी दूरी की यात्रा करते हैं, वायरस को मुर्गी और स्थलीय पक्षियों में फैलाते हैं।
  • -फिर कभी-कभी, ये वायरस सूअरों, घोड़ों, बिल्लियों और कुत्तों जैसे स्तनधारियों में भी फैल जाता है।
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इंसानों में पहली बार कैसे फैला बर्ड फ्लू- How does Bird Flu spread to Humans? 

बर्ड फ्लू दुनिया भर के मुर्गों और अन्य पंक्षियों को दशकों से प्रभावित कर रहा है, पर इंसानों में इसके फैलने का मामले कम ही नजर आए। पहली बार इंसानों में बर्ड फ्लू 1997 में हांगकांग  (Hong Kong) शहर में फैला। हुआ ये कि हांगकांग के एक जीवित पक्षी बाजार में बर्ड फ्लू फैला हुआ था और वायरस का H5N1 स्ट्रेन इंसानों को बीमार करने लगा। उस वक्त लगभग 18 लोगों को इस वायरस ने बीमार किया, जिनमें से 6 लोगों की मौत हो गई थी।

लेकिन कुछ वर्षों बाद दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फिर से उभरा और इंसानों की मौत का कारण बना। विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में। तब से बर्ड फ्लू को संक्रमित मुर्गों और प्रवासी पक्षियों की आवाजाही और एक अवैध पक्षी व्यापार को फैलने का परिणाम माना जाता है। कुछ स्तनधारी जैसे बिल्ली और शेर भी इससे कई बार संक्रमित हो चुके हैं। इसके बाद, वायरस के कई अन्य प्रकारों, जैसे H5N2 और H5N8 ने जानवरों से मनुष्यों तक छलांग लगाई और इस प्रकार से  बर्ड फ्लू (Bird Flu)वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का कारण बन गई।

क्या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है बर्ड फ्लू- Is bird flu highly contagious?

आमतौर पर, संक्रमित जीवित या मृत पक्षियों के निकट संपर्क में आने वाले लोगों ने H5N1 बर्ड फ्लू जल्दी से फैलता है। हालांकि WHO के अनुसार,  बर्ड फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। डब्लूएचओ का कहना है कि अब तक कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है कि बर्ड फ्लू एक से दूसरे इंसान में फैल जाए। डब्लूएचओ का कहना है कि यह बीमारी लोगों में संक्रमित मांस और अधपके हुए भोजन के माध्यम से फैल सकती है। हालांकि, वायरस गर्मी के प्रति संवेदनशील है, इसलिए अगर तेज तापमान पर खाना पकाने से इसे मारा जा सकता है।

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कोरोना महामारी के बीच लोगों के लिए क्यों चिंताजनक है बर्ड फ्लू ?- Bird Flu In Corona Time

1. वायरस का रेप्लीकेशन 

किसी भी वायरस को लेकर साइंस और वैज्ञानिकों का डर हमेशा से यही रहा है कि वायरस तेजी से अपना रूप बदलते हैं यानी कि रेप्लीकेट होते हैं। वक्त के साथ वायरस का रेप्लीकेशन (Replication) और तेज और संक्रामक हो सकता है। जैसे कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के साथ हो रहा है। H5N1 गंभीर और घातक है और मनुष्यों में 10 में से 6  मामलों में ये मौत का कारण भी बना है। इंसानों की चिंता यही है कि अगर वायरस उत्परिवर्तित  (Replicate) हो जाता है और व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से स्थानांतरित हो जाता है, तो मानव कोशिकाओं को अधिक प्रभावी ढंग से हथिया लेगा और फिर आकार को बदलकर, एक महामारी का कारण बन सकता है।

2.फ्लू वायरस का तेजी से म्यूटेट होना

वायरस में रेप्लीकेशन होने के अलावा एक बात का और डर है, जो कि इंसानों के लिए खतरनाक है वो ये कि फ्लू वायरस में तेजी से म्यूटेशन (mutation) होता है। दरअसल, फ्लू वायरस उत्परिवर्तन (mutation) के लिए अधिक प्रवण होते हैं क्योंकि उनमें एक खंडित जीनोम होता है। फ्लू के सभी ज्ञात स्ट्रेन जैसे कि  मौसमी फ्लू और महामारी फ्लू सहित सभी आसानी से म्यूटेट हो सकते हैं और इस तरह पक्षियों से मनुष्यों में कूद सकते हैं।

3.कोरोना वायरस के लक्षणों से मिलते हैं बर्ड फ्लू के लक्षण -Common Symptoms of COVID-19 and Bird Flu

किसी भी बीमारी का इलाज तब आसानी से किया जा सकता है, जब उस बीमारी का पता सही से और जल्दी लगाया जाए। कोरोना महामारी के साथ यही एक परेशानी रही है। कोरोना के आम लक्षण (Symptoms of Coronavirus in hindi) जैसे कि बलगम वाली खांसी,  बुखार व थकान,  गंध और स्वाद का पता न लगना और सांस लेने में मुश्किल होना आदि है, पर ये आम सर्दी-जुकाम के लक्षणों से भी मेल खाते हैं। इसी तरह, बर्ड फ्लू के लक्षणों में भी   (Symptoms of Bird Flu  in hindi) तेज बुखार, खांसी, गले की खराश और जोड़ों का दर्द व थकान आदि शामिल हैं, जो कि कोरोना के लक्षणों से मेल खाते हैं।

इसके अलावा जैसे कोरोना वायरस के लक्षणों को सामने आने में कई दिन लग जाते हैं, वैसे ही बर्ड फ्लू के लक्षण भी  2-8 दिनों में जाहिर होते हैं। बच्चों को भी यही लक्षण सामने आते हैं और ये वायरल संक्रमण बढ़कर न्यूमोनिया हो सकता है जो कि सांस की परेशानी पैदा करती है। बर्ड फ्लू न्यूमोनिया का बहुत आक्रामक रूप लेने की वजह बनता है जो, अक्सर घातक होता है।

4. बर्ड फ्लू और कोरोनावायरस दोनों ही फेफड़ो पर हमला करता है

पक्षियों के विपरीत, बर्ड फ्लू जहां आमतौर पर ये उनके आंत को संक्रमित करता है, वहीं एवियन इन्फ्लूएंजा मनुष्यों के श्वसन पथ पर हमला करता है और इससे श्वसन संबंधी गंभीर बीमारियां जैसे कि निमोनिया या एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (Acute Respiratory Distress Syndrome) हो सकती हैं। इसी तरह कोरोनावायरस भी सबसे पहले फेफड़ों पर ही हमला करता है और बाद में पूरे शरीर पर।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, एंटीवायरल ड्रग्स, विशेष रूप से ओसेल्टामिविर (oseltamivir), मनुष्यों में इसके लक्षणों को कम करते हैं। साथ ही मंत्रालय ने पोल्ट्री में काम करने वाले लोगों को पीपीई किट का उपयोग करने और हाथ की स्वच्छता का पालन करने की सलाह दी है। तो, कोरोनावायरस को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और सफाई का पालन करने को कहा है। तो, कोरोना काल में बर्ड फ्लू से बचे रहें और इसके लिए मरे हुए पक्षियों से दूर रहें, बर्ड फ्लू वाले एरिया में नॉनवेज न खाएं और मास्‍क पहनकर बाहर निकलने की कोशिश करें।

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