साल 2020 खत्म होने को है और दुनिया भर के लोग नए साल 2021 में कोरोना वायरस महामारी से छुटकारा पाना चाहते हैं। पर जिस तरह से कोरोना के नए स्ट्रेन (coronavirus new strain)के साथ कोरोना का डर बढ़ गया है, ऐसे में साल 2021 को लेकर लोगों में निराशा बढ़ती जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चिंता भी लगातार बढ़ रही है। माना जा रहा है कि ये महामारी पिछले 20 वर्षों की उन्नति और ग्लोबल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे उबरने में पूरी दुनिया को कई साल लग जाएंगे। इसलिए कोरोना के बाद (health issues after covid 19) विश्व के तमाम देशों और उनकी सरकारों को इन स्थितियों से अवगत कराने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने अब साल 2021 की स्वास्थ से जुड़ी बड़ी चुनौतियां की एक लिस्ट जारी की है, जिसका सामना पूरी दुनिया को करना पड़ सकता है। हम आज इस लिस्ट से आपको 5 बड़ी चुनौतियों के बारे बताएंगे, जो कि भारत के लिए भी चिंता की बात हो सकती है।
साल 2021 की स्वास्थ से जुड़ी 5 बड़ी चुनौतियां - Global Health Issues To Focus In Year 2021
विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organization latest news) ने कहा है कि अगले साल, COVID-19 के खिलाफ लड़ने के साथ-साथ, दुनिया भर के देशों को विभिन्न बीमारियों से लड़ने के लिए अपने स्वास्थ्य संगठनों और सेवाओं को और उन्नत और मजबूत बनाना होगा। सबसे ज्यादा तमाम स्वास्थ्य से जुड़ी प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत होगी। ऐसे में इन विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सूचीबद्ध इन 5 वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों को अगले साल ट्रैक करने की आवश्यकता है।
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1. कॉम्निकेबल डिजीज (Communicable diseases)
हाल के दशकों में, डब्लूएचओ और इनके भागीदारों ने पोलियो, एचआईवी, पीलिया, मलेरिया को खत्म करने और खसरा और दिमागी बुखार जैसी बीमारियों की महामारी को रोकने के लिए पूरी तरह से काम किया है। पर 2020 में COVID-19 ने इस काम को बहुत पीछे छोड़ दिया। ऐसे में सबसे पहले साल 2021 में कॉम्निकेबल डिजीज (Communicable diseases) यानी कि फैलने वाली बीमारियों को रोकने पर तेजी से काम करना होगा। साथ ही 2021 में महामारी के दौरान छूटे हुए लोगों को पोलियो और अन्य बीमारियों के टीके लगवाने होंगे।
2. ड्रग रेजिस्टेंस (Drug Resistance)
डब्लूएचओ की मानें, तो संक्रामक रोगों को समाप्त करने के वैश्विक प्रयास केवल तभी सफल होंगे जब हमारे पास उनके इलाज के लिए प्रभावी दवाएं होंगी। इसलिए स्वास्थ्य संस्थाओं, खाद्य और कृषि संगठन और पशु स्वास्थ्य के लिए विश्व संगठन (OIE) और सभी क्षेत्रों में हितधारकों के साथ ड्रग रेजिस्टेंस परेशानियों पर मिल कर काम करना होगा। एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस आने वाले वक्त में कई बीमारियों और महामारियों के फैलने का कारण बन सकता है, जिससे बचाव के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाना होगा और स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयारियां करनी होंगी।
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3.मानसिक बीमारियां (Mental Health Conditions)
डब्ल्यूएचओ के नवीनतम वैश्विक स्वास्थ्य अनुमानों से पता चला है कि गैर-संचारी रोग ( Non Communicable diseases) 2019 में मृत्यु के शीर्ष 10 कारणों में से 7 के लिए जिम्मेदार थे। जिसमें मानसिक बीमारियों का बड़ा हाथ है। पर अब कोरोनावायरस के कारण हुए नुकसानों और लॉकडाउन ने दुनिया भर में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। 2021 में हमें सामुदायिक तौर पर मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए सेवाओं के विस्तार करना होगा और लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काम करना होगा।
4. स्वास्थ्य असमानताओं से लड़ना होगा (Health Inequities)
हेल्थकेयर एक्सेस यानी कि स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ानी होगी और इसके लिए लोगों के बीच असमानता से निपटने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे। इसके लिए WHO ने फैसला किया है कि 2021 में, वह अपने डेटाबेस का इस्तेमाल करेगा और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज पहल को आगे बढ़ाएगा। डब्ल्यूएचओ ने दावा किया कि यह देशों के साथ अपने काम के साथ-साथ लिंग, जातीयता, आय, शिक्षा, व्यवसाय, आदि के आधार पर स्वास्थ्य सेवा में अंतर जैसे मुद्दों पर नजर रखेगा और स्वास्थ्य असमानताओं को खत्म करने की कोशिश करेगा।
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5. सभी के लिए अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करना (Ensuring advance health for all)
अगले साल, डब्ल्यूएचओ अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सभी देशों में एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा, जिससे महामारी के लिए और अधिक प्रभावी योजनाएं होंगी। इसका उद्देश्य सभी देशों में एक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का निर्माण करना होगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि गरीब से गरीब इंसान तक को उसके अपने घरों के करीब जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों।
इन सबके अलावा डब्ल्यूएचओ का ये भी कहना है कि अगले साल कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियों के लिए स्क्रीनिंग और उपचार कार्यक्रम उन सभी के लिए भी सुलभ हों जिनको इसकी जरूरत है और वो पहुंच नहीं पा रहें। यह 2021 में एक बड़ा फोकस होगा। साथ ही नई ग्लोबल डायबिटीज कॉम्पैक्ट के साथ साल 2021 में 100 मिलियन लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए जरूरी अभियान चलाए जाएंगे। तो, इन तमाम बातों पर अगले साल हर देश को काम करना है, ताकि हम आगे बढ़ सकें।
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