तनाव और चिंता के कारण बढ़ सकता है मानसिक रूकावट का खतरा, एक्सपर्ट से जानें क्या है इससे बचाव का तरीका

अगर आप भी बहुत ज्यादा तनाव और चिंता के बीच रहते हैं तो जान लें कैसे बढ़ता है मानसिक रूकावट का खतरा और क्या है इससे बचाव का तरीका।
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तनाव और चिंता के कारण बढ़ सकता है मानसिक रूकावट का खतरा, एक्सपर्ट से जानें क्या है इससे बचाव का तरीका

मेंटल ब्लॉकेज एक मानसिक विकार की स्थिति है जिसमें आप अपने दिमाग की क्षमता को खो बैठते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जो आपको दिमाग या मस्तिष्क को पूरी तरह से ब्लॉक करने का काम करते हैं। इस दौरान न तो आप कुछ सोचने पाते हैं, न ही आप किसी के साथ बातचीत कर पाते हैं और कई मामलों में आपको ये भी नहीं पता चलता कि आप क्या कर रहे हैं। ये बहुत ज्यादा तनाव के कारण हो सकता है या फिर किसी गहरे सदमें के कारण। एक्सपर्ट बताते हैं कि ऐसी स्थिति एक मानसिक थकान के बाद दिखाई दे सकती है जो मानसिक थकान को दिखाती है। इसका सीधा असर आपके शारीरिक गतिविधियों पर पड़ता है जो कई बार आपके नियंत्रण से बाहर होती हैं। मेंटल ब्लॉकेज को अच्छी तरह से समझने और इससे बचाव और इलाज के लिए हमने बात की इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक असेसमेंट एंड काउंसलिंग की अध्यक्ष और माइंड डिजायनर डॉक्टर कोमलप्रीत कौर से। 

कैसे करें मानसिक रुकावट से बचाव

छोटे लक्ष्य तय करें

मानसिक विकार या मानसिक रुकावट आपके सोचने की क्षमता को कम करने के काम कर देता है, जिसके कारण आप किसी भी काम को करने में असमर्थ हो सकते हैं। इसलिए इस दौरान आपके लिए  जरूरी है कि आप आसान काम या छोटे कामों को तय करें जिससे की आप उन्हें करने में सफल हो सके। हो सकता है कि आप एक ऐसी स्थिति या सदमें से निकले हो जिसके बाद आप किसी भी काम को करने में असफल हो रहे हों, लेकिन आप बार-बार कोशिश के बाद उसे कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि आप किसी बड़े काम को एक बार में करने की कोशिश न करें। इसके लिए आप एक टू-डू सूची तैयार कर सकते हैं और अपने कार्यों को बांटते हुए उसमें सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आप आसानी से किसी भी छोटे लक्ष्य पर अपना फोकस लगाते हुए उसे पूरा कर सकते हैं, लेकिन जब आप मानसिक रुकावट के साथ होते हैं तो इस दौरान आप बड़े काम की ओर अपना फोकस नहीं लगा सकते। 

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जरूरत पर ब्रेक जरूर लें

जरूरी नहीं कि आप किसी स्थिति का शिकार हों तभी आप मानसिक रुकावट का शिकार हो सकते हैं, बल्कि जब आप बहुत ज्यादा तनाव और दबाव में होते हैं तब भी आप इस स्थिति का शिकार हो सकते हैं। ऐसे ही जब आप बहुत ज्यादा मानसिक थकावट और तनाव के साथ जीवनशैली में रहते हैं तो एक समय पर आपका मस्तिष्क पूरी तरह से रुक सकता है जिसके कारण आपको इसके लक्षण शारीरिक बदलावों में भी नजर आ सकते हैं। लेकिन कई लोग फिर दबाव और तनाव के साथ काम करने की कोशिश करते हैं जबकि उस दौरान वो और भी ज्यादा गलतियां कर सकते हैं जिसके कारण आपको खुद पर बार-बार गुस्सा भी आ सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप जब भी ऐसा महसूस करें कि आप मानसिक रुकावट का शिकार हो रहे हैं तो आप उस दौरान अपने लिए एक ब्रेक लें। इस तरह के ब्रेक से आप शारीरिक रूप से ऊर्जा प्राप्त कर लेंगे साथ ही आप अपने मस्तिष्क को भी स्वस्थ रख सकते हैं।

तनाव को कम करने की कोशिश करें

तनाव आपके मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालने का काम करता है। तनाव बढ़ने के कारण आप धीरे-धीरे अवसाद की स्थिति में भी जा सकते हैं, इन मानसिक विकारों की स्थितियों से ही बचने के लिए जरूरी है कि आप तनाव को कम से कम करने की कोशिश करें। इससे आप खुद के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार देख सकते हैं। जब आप तनाव और चिंता की स्थिति से बाहर रहते हैं तो इससे आपके सोचने की क्षमता बढ़ती है, बातचीत करने का तरीका बेहतर होता है और आप किसी भी काम को आसानी से करने के लिए तैयार हो जाते हैं और उसमें सफलता प्राप्त करते हैं। तनाव को कम करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आप जितना तनावमुक्त रहेंगे उतना ही आप खुद को ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, जब कोई मानसिक रुकावट के कारण परेशान रहता है तो हम उसे इलाज के लिए सबसे पहले उसके तनाव का कारण या  उसके मन में जिस चीज को लेकर तनाव होता है उस बारे में जानने की कोशिश करते हैं। जिसकी मदद से उसे तनावमुक्त करने का विकल्प तलाशा जाए और उसकी मानसिक रुकावट वाली स्थिति को कम से कम किया जा सके।

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एक्सरसाइज 

एक्सरसाइज आपके पूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है, इसकी मदद से आप अपने ज्यादातर मानसिक विकारों को कम कर सकते हैं। आप अगर रोजाना कामकाज के कारण खुद को तनाव या चिंता की स्थिति में देखते हैं तो आपके लिए जरूरी है कि आप रोजाना करीब 30 मिनट तक एक्सरसाइज करें। ये आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में ऊर्जा बढ़ाने का काम करता है और इससे आप लंबे समय तक एक्टिव रह सकते हैं। इसके अलावा जो लोग अक्सर एक्सरसाइज नहीं कर पाते उन लोगों को रोजाना कम से कम 30 मिनट तक पैदल चलने की कोशिश करनी चाहिए। 

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