बच्चों में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन हो सकता है खतरनाक, ये हैं लक्षण

सांस नली में होने वाले इंफेक्शन को रेस्पिरेटरी इंफेक्शन कहते हैं। इस इंफेक्शन का शिकार आमतौर पर छोटे बच्चे और नवजात शिशु होते हैं। इस इंफेक्शन की वजह से अक्सर सांस नली के ऊपरी हिस्से में परेशानी होती है।
  • SHARE
  • FOLLOW
बच्चों में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन हो सकता है खतरनाक, ये हैं लक्षण

सांस नली में होने वाले इंफेक्शन को रेस्पिरेटरी इंफेक्शन कहते हैं। इस इंफेक्शन का शिकार आमतौर पर छोटे बच्चे और नवजात शिशु होते हैं। इस इंफेक्शन की वजह से अक्सर सांस नली के ऊपरी हिस्से में परेशानी होती है और नाक, गले और मुंह में इंफेक्शन का प्रभाव देखा जा सकता है। रेस्पिरेटरी इंफेक्शन खतरनाक रोग है क्योंकि छोटे बच्चे कई बार इसकी वजह से सांस नहीं ले पाते। सांस न ले पाने के कारण कई बार बच्चों की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ जाती है और कई बार मौत भी हो जाती है। इसलिए इस रोग के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।

रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का कैसे पता लगाएं

अगर आपका नवजात शिशु सांस लेने के समय आवाजें करता है तो आपको उस ध्वनि को नोटिस करना चाहिए। इसी से आप बच्चे की श्वसन नली में आने वाली रूकावट संबंधी समस्याओं के बारे में जान सकते हैं। अगर बच्चे के सांस लेते समय सीटी की आवाज आती है तो इसका मतलब है कि नवजात को सांस लेने में थोड़ी सी परेशानी हो रही है। ऐसे में अगर बच्चे के श्वसन नली में रुकावट आती है तो बच्चे के नाक को अच्छी तरह से साफ करके सांस की रुकावट को दूर किया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें:- क्या अंगूठा चूसने से खराब हो जाते हैं शिशु के दांत?

कई बार रुक जाती है सांस

जब बच्चे के रोने या फिर चिल्लानें पर यदि आवाज में गड़बड़ हो, या फिर बलगम निकलें तो ऐसा श्वसन नली के मार्ग में बलगम फंसने से होता है। कई बार बच्‍चे के रोने के कारण समझ नहीं आते जिसकी वजह से बच्‍चा रोने लगता हैं। अगर बच्चे को सांस लेने में बहुत जोर लगाना पड़ रहा है या फिर खांसी-जुकाम हो तो ऐसे में चिकित्त्सक से सलाह लेनी चाहिए।

सांस लेने के दौरान आवाजें आना

जब बच्चा सांस लेने के दौरान गडगड़ाहट की आवाज करने लगे तो बच्चे की श्वसन नली में बड़ी परेशानी है और बच्चे को सांस लेने में बहुत जोर लगाना पड़ रहा है ऐसे में चिकित्त्सक से सलाह लेनी चाहिए।

इसे भी पढ़ें:- इतने किग्रा. से कम नहीं होना चाहिए जन्‍म के समय शिशु का वजन, जानें क्‍यों

कफ का अधिक बनना

जब कभी ऐसी स्थिति होती है तो बच्चे को खांसी-जुकाम की नौबत तक आ जाती हैं या फिर शिशुओं में छिंकने की समस्‍याएं होने लगती हैं, ऐसे में बच्चे का जल्द से जल्द उपचार करवाना चाहिए।

कफ का अधिक बनना

जब कभी ऐसी स्थिति होती है तो बच्चे को खांसी-जुकाम की नौबत तक आ जाती हैं या फिर शिशुओं में छींकने की समस्‍याएं होने लगती हैं, ऐसे में बच्चे का जल्द से जल्द उपचार करवाना चाहिए।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On NewbornCare in Hindi

Read Next

मां का दूध पीने वाले बच्चे हमेशा रहते हैं संक्रमण मुक्त, जानें अन्य फायदे

Disclaimer