नए कोरोना स्ट्रेन को लेकर अलर्ट मोड में दुनिया भर के देश, भारत सरकार ने भी जारी किए ये खास निर्देश

कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन को देखते हुए अब भारत सरकार ने कुछ सख्त गाइडलाइन्स जारी किए हैं। आइए जानते हैं क्यों डरा रहा है कोरोना को नया स्ट्रेन।
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नए कोरोना स्ट्रेन को लेकर अलर्ट मोड में दुनिया भर के देश, भारत सरकार ने भी जारी किए ये खास निर्देश

भारत में कोरोनावायरस से संक्रमितों का आंकड़ा 1 करोड़ के पार जा चुका है और अब भी राहत की कोई खबर नहीं आ रही। इसके उल्टे ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (Mutant Coronavirus Strain) से पूरी दुनिया में डर का माहौल है। हालांकि दुनिया भर के तमाम देश और उनकी सरकारें हाई अलर्ट पर हैं पर फिर भी सभी को इस बात का डर है कि कहीं किसी लापरवाही के चलते कोरोना का नया स्ट्रेन दबे पांव उनके यहां न आ जाए। इस डर में जहां भारत ही नहीं बल्कि इटली, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, आयरलैंड और बुल्गारिया ने पहले से ही यूरोपीय देशों के आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दी है, वहीं भारत सरकार ने अब बढ़ते खतरे को देखते हुए ब्रिटेन से आई फ्लाइट्स के लिए SOP जारी किया है। हालांकि कोरोना वायरस में ये म्यूटेशन नया नहीं है, बल्कि वुहान में पाए गए कोरोना वायरस के बाद से अब तक कोविड-19 के वायरस में कम से कम 25 बार म्यूटेशन हो चुका है। पर प्रश्न ये है कि इस बार इस म्यूटेशन से ही लोगों को क्यों डर लग रहा है? जानेंगे इस प्रश्न का जबाव पर सबसे पहले एक नजर डालते हैं कोरोना पर क्या है भारत सरकार के नए निर्देश।

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कोरोना स्ट्रेन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसीजर -Mutant Coronavirus Strain SOPs

कोरोनावायरस के नए म्यूटेंट स्ट्रेन को लेकर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑफ प्रोसीजर (SOPs) जारी किया है। अब इन नए नियमों के तहत यूरोपीय देशों के फ्लाइट से आने वाले ऐसे यात्रियों को जिनमें कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन मिलता है, उन्हें अलग से बने आइसोलेशन वॉर्ड में रखा जाएगा और उनकी खास निगरानी की जाएगी। इसके अलावा पॉजिटिव निकले सह-यात्रियों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन में रखा जाएगा। इस SOPs में ऐसे मरीजों के टेस्टिंग के लिए भी नए नियम जारी किए गए हैं। जैसे कि 

  • - यूके से आने वाले सभी यात्रियों का एयरपोर्ट पर ही RT-PCR टेस्ट करवाया जाएगा। 
  • -जो यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए जाएंगे उनको एक अलग आइसोलेशन यूनिट में इंस्टिट्यूशन क्वारंटीन किया जाएगा। पॉजिटिव आए लोगों के सैंपल को जिनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी, पुणे भेजा जाएगा
  • -अगर व्यक्ति पॉजिटिव निकलता है और उसका वेरिएंट नया नहीं है तो उसका इलाज मौजूदा प्रोटोकॉल के हिसाब से किया जाएगा।
  • - लेकिन अगर उसमें नया स्ट्रेन यानी कि जिनोमिक सीक्वेंसिंग में पाया जाता है तो फिर उसका इलाज मौजूदा प्रोटोकॉल पर किया जाएगा लेकिन उसका 14वें दिन फिर से टेस्ट किया जाएगा।
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क्यों डरा रहा है कोरोना को नया स्ट्रेन-Is This Coronavirus Strain More Dangerous?

दरअसल, कोविड -19 की वैश्विक डेटा को रखने वाली सबसे बड़ी संस्था सीओजी-यूके (COG-UK)की जीआईएसएआईडी (GISAID) की मानें, तो वैरिएंट कोरोनोवायरस एसएआरएस-सीओवी -2 के स्पाइक प्रोटीन में कई म्यूटेशन का परिणाम है, पर इस बार इसके आरएनए वायरस के अन्य जीनोमिक क्षेत्रों में भी उत्परिवर्तन (रेप्लीकेशन) हुआ है। प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि यह पहले वाले वेरिएंट की तुलना में अधिक तेजी से फैल सकता है।

COG-UK ने इनमें इस म्यूटेशन की पहचान "N501Y" के रूप में की, जो स्पाइक प्रोटीन में मानव कोशिका ACE2 रिसेप्टर में एक प्रमुख प्रोटीन को बांधता है और तेजी से रेप्लीकेट करके वायरस के ट्रांसमिशन को आसान बना रहा है। इस वेरिएंट की पहचान जीनोमिक सर्विलांस में COVID-19 Genomics UK (COG-UK) द्वारा की गई है और इनका नाम जीनोम बी.1.1.7 रखा गया है। हालांकि अभी भी इस वायरस को लेकर और रिसर्च होना बाकी है पर ब्रिटेन ने आधिकारिक रूप से इस वायरस को 70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलने वाला बताया है।

क्या नए स्ट्रेन का पता लगाएगा RT-PCR टेस्ट ?

वायरस के नए रूप की पहचान सामान्य  RT-PCR टेस्ट में हुई है और तब से इसके इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। दरअसल, ब्रिटेन में आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए टेकपैथ की टेस्ट किट का उपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। इस किट से जांच करने पर सामान्यत: कोरोना के तीन जीन सामने आते हैं, पर हाल के दिनों में ऐसे मामले बढ़ने लगे, जिसमें केवल दो जीन ही सामने आ रहे थे। इसकी पड़ताल करने पर पता चला कि वायरस के नए रूप ने एक जीन को छुपा दिया। इस बीच मामलों में अचानक तेजी नजर आने लगी। तब इस बात की पुष्टि हुई कि नए वायरस के कारण ऐसा हो रहा था। अब इस टेस्ट किट के उपयोग को भारत ने भी मंजूरी मिल गई है, जिसका इस्तेमाल यूरोपीय देशों के फ्लाइट से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए किया जाएगा। पर वैज्ञानिकों को मानना है कि नए स्ट्रेन के लिए मौजूदा RT-PCR शायद सक्षम न हो इसलिए फूड एंड ड्रग एसोसिएशन ने ICMR को खत लिखकर जल्द टेस्टिंग अपग्रेड करने की मांग की है।

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BioNTech का दावा नए स्ट्रेन के लिए 6 छह हफ्ते में बना सकते हैं वैक्सीन

कोरोना का  खतरनाक म्यूटेंट वायरस स्ट्रेन को लेकर जहां हर तरफ एक डर और संशय का माहौल है, वहीं टीका बनाने वाली कंपनी BioNTech का दावा है कि वे कोरोना वायरस म्युटेशन (Corona Virus Mutation) को मात देने वाली वैक्सीन को भी 6 हफ्ते में बना सकते हैं। कंपनी के सह-संस्थापक उगर साहिन की मानें, तो वैज्ञानिक रूप से, इस बात की संभावना बहुत अधिक है कि इस वैक्सीन की प्रतिरक्षा क्षमता वायरस के नए वेरिएंट से निपट सकती है, पर जरूरत पड़ेगी तो तकनीकी तौर पर वे 6 सप्ताह के भीतर नया टीका बना देंगे।

पर अब कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों को नया सवाल ये है कि क्या पुराने कोरोना वायरस के तर्ज पर बनी वैक्सीन, वायरस में हो रहे हर बदलाव के लिए कारगर हो पाएगी? क्या आगे भी कोरोना वायरस में होने वाले  म्यूटेंशन पर ये तमाम वैक्सीन काबू पा पाएंगे। तब तक के लिए सोशल डिस्टेसिंग और सैनिटाइजेशन का पालन करें और सुरक्षित रहें।

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