
हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में उपयोग की जाने वाली एक दवा, माइग्रेन के दौरों के उपचार में मददगार साबित हो सकती है। शोधकर्ताओं ने एक शोध में पाया कि हाई ब्लड प्रेशर में दी जाने वाली कैंडेसरटन नामक दवा उन रोगियों पर भी काम कर सकती है, जिन्हें किसी अन्य दवा से राहत नहीं मिलती।
नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू) में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत 'लार्स जैकब स्टोवनर' ने बताया, "यह चिकित्सकों को और संभावनाएं देती है और इसके इस्तेमाल से हम ज्यादा लोगों की मदद कर सकेंगे।"
शोधकर्ताओं के अनुसार , "कैंडेसरटन, का प्रयोग पहले से ही माइग्रेन से बचाव की औषधि के तौर पर किया जा रहा है। लेकिन, हमारा शोध यह सबूत देता है कि यह दवा असल में माइग्रेन के उपचार के तौर पर भी काम करती है।"
शोधकर्ताओं ने बताया कि 'एनटीएनयू' का यह अध्ययन एक ट्रिपल ब्लाइंड परीक्षण था। जिसका अर्थ है कि चिकित्सक और रोगी दोनों को ही नहीं पता था कि रोगी को प्रायोगिक दवा दी गई है या फिर असली।
शोधकर्ताओं ने कैंडेसरटन और प्रोप्रेनोलोल दोनों का परीक्षण कुल 72 रोगियों पर किया। इन रोगियों को प्रत्येक महीने में दो बार माइग्रेन का दौरा पड़ता था। इन रोगियों ने एक साल तक कैंडेसरटन, प्रोप्रनोलोल या प्रयोगिक औषधि दोनों का उपयोग किया। माइग्रने के 20 प्रतिशत से अधिक रोगियों ने बताया कि उन्हें प्रयोगिक दवा की अपेक्षा कैंडेसरटन दवा से समस्या में ज्यादा राहत मिली।
हालांकि ब्लाइंड परीक्षण दर्शाते हैं कि कैंडेसरटन ने अन्य 20 से 30 प्रतिशत रोगियों के लिए निवारक का काम किया। गौरतलब है कि दुनिया भर में माइग्रेन से पीड़ित लोगों की संख्या लगभग एक अरब है।
Inputs From: Americannewsreport
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