यूनिसेफ (UNICEEF) की एक हालिया रिपोर्ट की मानें, तो 275 मिलियन से अधिक भारतीय बच्चे खून में लेड के खतरनाक स्तर के साथ जीते हैं। वैश्विक मानकों के अनुसार, इस जहरीली धातु की सुरक्षित सीमा बस प्रति लीटर ब्लड में 5 माइक्रोग्राम ही माना जाती है। इससे अधिक मात्रा में इस धातु को लेना लेड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। लेड की तरह अन्य भारी धातुओं का सेवन करना कई मायनों में शरीर के लिए नुकसानदेह है। सीसे (लेड) के अलावा, अन्य विषाक्त भारी धातुएं की बात करें, तो आर्सेनिक (arsenic), पारा (mercury) और निकल (nickel) आदि का नाम आता है। ये तत्व मिट्टी, हवा, पानी, भोजन और घरेलू वस्तुओं के माध्यम से शरीर में चले जाते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने खान-पान में कुछ ऐसी चीजों को भी शामिल करें, जो शरीर से इन विषाक्त भारी धातुओं को डिटॉक्स करके बाहर निकाल सकें।
भारी धातुओं से दिमाग कमजोर कैसे होता है?
विषाक्त भारी धातुओं जैसे कि आर्सेनिक (arsenic), पारा (mercury) और निकल (nickel) आदि का सेवन मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज्यादा नुकसानदेह है। दरअसल इन भारी धातुओं के सेवन से बच्चों के विकास में देरी पैदा कर सकता है। साथ ही उनके आईक्यू को इससे हानि होती है। ये सिर्फ बच्चों में ही नहीं होता है, बल्कि इससे बड़ों के मस्तिष्क को न्यूरोलॉजिकल क्षति होती है। ये शारीरिक शिथिलता, मांसपेशियों और इम्यूनिटी से जुडे विकारों और यहां तक कि कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकता है। कुछ मामलों में, यह एनीमिया, पाचन विकार और नींद से जुड़ी परेशानियों का कारण बनता है। यही कारण है कि आपको इन धातुओं को बीच-बीच में डिटॉक्स करने के लिए हैवी मेटल डिटॉक्स डाइट (Heavy Metal Detox) की मदद लेती रहनी चाहिए।
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कैसे काम करता है हैवी मेटल डिटॉक्स डाइट (Heavy Metal Detox Diet)?
हैवी मेटल डिटॉक्स डाइट शरीर से इन भारी धातुओं को दूर करने के लिए इसे शरीर से डिटॉक्स कर देता है। यह वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से शरीर से विषाक्त धातुएं निकल जाती हैं। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है, बस अपने खाने-पान में इन चीजों को शामिल करना है।
1. विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां
संतरे, नींबू और अंगूर जैसे फलों के साथ-साथ पालक, पपीता, और ब्रोकोली जैसी सब्जियां विटामिन सी से भरपूर होती हैं। ये सभी इन धातुओं के कारण शरीर में इक्ठा होने वाले टॉक्सिन को बाहर निकाने में मदद करते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है और शरीर से इनकी सफाई कर देता है।
2. लहसुन और प्याज
ये सल्फर से भरपूर होते हैं जो आपके लिवर को टॉक्सिक मेटल्स जैसे लेड और आर्सेनिक से डिटॉक्सीफाई करते हैं। इसके लिए आप इन्हें पानी के साथ कच्चा भी ले सकते हैं या चाहें, तो इन्हें पी कर एक साथ चटनी के रूप में इनका सेवन कर सकते हैं।
3. फ्लैक्स और चिया सीड्स
ओमेगा -3 फैटी एसिड और फाइबर से भरपूर, ये आपके कोलन के डिटॉक्सीफिकेशन में मदद करते हैं, जो आपके पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है। ये खाद्य पदार्थ धातु की विषाक्तता और सूजन की संभावना को कम करते हैं।
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4. मछली और प्रोसेस्ड फूड्स न लें
टूना, स्वोर्डफिश और मैकेरल जैसी कई मछलियों में पारा जैसे भारी धातु हो सकते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को एक से अधिक तरीकों से प्रभावित करता है। ये हानिकारक योजक के साथ आते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही आपको प्रोसेस्ड फूड्स को लेने से भी बचना चाहिए क्योंकि इन्हें टेस्टी बनाने के लिए इन तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है।
इन तमाम चीजों के साथ इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि जब आप हेवी मेटल डिटॉक्स पर हों तो शराब का सेवन न करें। शराब वैसे भी बहुत अधिक विषाक्त होता है। इसके अलावा, यह आपके लीवर की अन्य विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की क्षमता को खराब कर सकता है। इसलिए अगर आपको अपना दिमाग सही रखना है, तो शराब को कहें न और इस खास डाइट को जरूर फॉलो करें।
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