
आयुर्वेद में ब्राह्मी को दुनिया का सबसे बेहतरीन 'ब्रेन टॉनिक' बताया गया है। जानें दिमाग की क्षमता और याददाश्त बढ़ाने में कैसे फायदेमंद है ब्राह्मी।
कोरोना वायरस महामारी ने एक बार फिर से दुनिया को आयुर्वेद का महत्व समझा दिया है। वायरस के संक्रमण से बचने के लिए भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा जिन इम्यूनिटी बूस्टर प्रोडक्ट्स का प्रयोग किया जा रहा है, उनमें ज्यादातर आयुर्वेदिक सिद्धांतों और औषधियों के प्रयोग से बनाई गई हैं। गिलोय, तुलसी, दालचीनी, आंवला आदि का प्रयोग तो इन दिनों चर्चा में है, लेकिन एक और खास आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है, जो बहुत गुणकारी होता है, इसकी चर्चा अभी लोगों के बीच कम हुई है। ये पौधा है ब्राह्मी का पौधा। ब्राह्मी को आयुर्वेद में मस्तिष्क की क्षमताएं बढ़ाने वाले पौधे के रूप में बताया गया है। आयुर्वेदिक चिकित्सक ब्राह्मी का प्रयोग मस्तिष्क संबंधी कई बीमारियों को रोकने और ठीक करने में करते हैं। आइए आपको बताते हैं ब्राह्मी के फायदे क्या हैं और इसे कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
मस्तिष्क के लिए सबसे बेहतरीन टॉनिक है ब्राह्मी
ब्राह्मी को मस्तिष्क के लिए सबसे बेहतरीन प्राकृतिक औषधि माना जाता है। ब्राह्मी के अर्क के सेवन से याददाश्त की कमी, अल्जाइमर, सोचने-समझने की क्षमता, व्यवहारिक दक्षता आदि को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। हम सभी के मस्तिष्क में एक खास हिस्सा होता है, जिसे हिप्पोकैम्पस (hippocampus) कहते हैं। इस हिस्से से मनुष्य के याद करने और सीखने की क्षमता कंट्रोल होती है। रिसर्च बताती हैं कि ब्राह्मी के सेवन से व्यक्ति के इसी हिस्से को स्टिमुलेट (उत्तेजित) करने में मदद मिलती है। इसके अलावा ब्राह्मी में एक खास तत्व होता है, जिसे bacosides कहते हैं। ये डैमेज हो चुकी ब्रेन सेल्स और टिशूज को रिपेयर करता है, जिससे व्यक्ति की याददाश्त लंबे समय तक स्थायी रहती है।
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रिसर्च में भी माना गया, मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है ब्राह्मी
साइकोफार्मेकोलॉजी नामक जर्नल में छपे एक अध्ययन के मुताबिक रोजाना 300 मिलीग्राम ब्राह्मी का कैप्सूल लेने से लोगों के सीखने की क्षमता और पहचानने की क्षमता में काफी सुधार आया। इसी तरह कई अन्य रिसर्च में भई इस बात का पता चला है कि ब्राह्मी के प्रयोग से कॉग्नीटिव स्किल्स को सुधारने में भी मदद मिलती है। कुल मिलाकर आयुर्वेद के अलावा वैज्ञानिक प्रयोगों में भी ब्राह्मी को दिमाग की क्षमता बढ़ाने में कारगर पाया गया है।
कैसे करना चाहिए ब्राह्मी का प्रयोग
ब्राह्मी के पौधे में इसकी पत्तियां सबसे ज्यादा फायदेमंद मानी जाती हैं। आप इन पत्तियों को पालक, धनिया की तरह अपने रोजाना के खानपान में सलाद की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप इसकी पत्तियों को देसी घी में छौंका लगाकर पकाकर सब्जी के रूप में भी खा सकते हैं। ब्राह्मी की पत्तियों को सुखाकर इसका पाउडर बनाकरी भी इसका सेवन कर सकते हैं। बाजार में भी ब्राह्मी की सूखी पत्तियों का पाउडर कैप्सूल के रूप में बेचा जाता है। इसके अलावा आप नीचे बताए गए तरीके से ब्राह्मी का जूस बनाकर पी सकते हैं, जो कि आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होगा।
ऐसे बनाएं ब्राह्मी का जूस
ब्राह्मी का जूस रोजाना पीने के लिए हम आपको बता रहे हैं टेस्टी जूस बनाने की आसान प्रक्रिया।
जरूरी सामग्री
- ब्राह्मी की पत्तियां एक मुट्ठी
- भुना हुआ जीरा- आधा चम्मच
- सूखा नारियल (लच्छा या बुरादा)- 2-3 चम्मच (आप चाहें तो नारियल को कद्दूकस भी कर सकते हैं)
- नमक, गुड़ (या चीनी) और थोड़े से मसाले
ब्राह्मी का जूस बनाने की विधि
- एक मुट्ठी ताजी ब्राह्मी की पत्तियां लें और इन्हें अच्छी तरह धोकर छोटे-छोटे हिस्से में काट लें।
- अब इसे ग्राइंडर या ब्लेंडर में डालें और साथ में नारियल, भुना जीरा और दूसरे मसाले डाल दें।
- थोड़ा सा पानी डालकर इसे अच्छी तरह पीस लें।
- पीसने के बाद जो जूस बने, उसे छलनी की मदद से छान लें।
- अब इसमें थोड़ा सा गुड़ पिघलाकर डालें या फिर गुड़ को तोड़कर डालें और घोल लें।
- टेस्ट के लिए थोड़ा सा नमक डालें और इसे पी लें।
क्या ब्राह्मी के दुष्प्रभाव भी हैं?
हर आयुर्वेदिक औषधि की तरह ब्राह्मी के भी ढेर सारे फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान भी हैं।
- जिन लोगों को थायरॉइड की समस्या है, उन्हें ब्राह्मी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि से समस्या को बढ़ा सकता है।
- हार्ट के मरीजों को ब्राह्मी का सेवन बिना डॉक्टर या आयुर्वेद एक्सपर्ट से पूछे बिना नहीं करना चाहिए और क्योंकि कई बार इसके सेवन से हार्ट रेट कम हो जाता है।
- अगर आपको कोई अन्य समस्या भी है, तो एक बार आयुर्वेदिक चिकित्सक को अपनी समस्या बताकर उनसे ब्राह्मी के सेवन के बारे में और डोज की मात्रा के बारे में जरूर पूछ लें।
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