कई लोगों को रात में सोते समय दिल की धड़कन तेज होती हुई महसूस होती है। ये सामान्य नहीं है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। हार्ट से जुड़ी बीमारियों के अलावा जीवनशैली से जुड़ी आदतों के कारण भी रात में हार्ट पल्पिटेशन यानी दिल की धड़कन तेज होती हुई महसूस हो सकती है। दिल की धड़कन तेज हो जाने पर नींद तो खराब होती ही है साथ ही अन्य लक्षण नजर आते हैं। जैसे घबराहट होना, अचानक पसीना आना, एंग्जाइटी महसूस होना आदि। इस लेख में हम रात में दिल की धड़कन अचानक बढ़ने के कारण और इलाज जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
रात में दिल की धड़कन बढ़ने के कारण
जो लोग ज्यादा तनाव लेते हैं, उनमें दिल की धड़कन बढ़ने या हार्ट पल्पिटेशन की समस्या हो सकती है। स्ट्रेस हार्मोन, शरीर में असंतुलन बना देता है और सोने में परेशानी हो सकती है। रात में दिल की धड़कन बढ़ने के पीछे अन्य कारण भी सकते हैं। जानते हैं इनके बारे में-
शुगर लेवल बढ़ने से हार्ट रेट बढ़ सकता है
अगर शरीर में ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा है, तो हार्ट रेट बढ़ सकता है। शुगर लेवल बढ़ने से इंसुलिन को तेजी से काम करना पड़ता है। इससे स्ट्रेस भी बढ़ता है। रात में हार्ट रेट बढ़ने का एक कारण एल्काेहल का सेवन भी हो सकता है। एल्कोहल किसी भी तरह से सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता है।
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बुखार के कारण बढ़ सकता है हार्ट रेट
रात को सोते समय दिल की धड़कन अचानक तेज होने का कारण बुखार भी हो सकता है। शरीर में तापमान बढ़ने से कुछ असामान्य लक्षण नजर आते हैं जिनमें से एक है हार्ट की धड़कन तेज होना। शरीर को तापमान कंट्रोल करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जिसके कारण हार्ट रेट बढ़ जाता है।
कैफीन का ज्यादा सेवन करना
अगर कैफीन के रूप में चाय या कॉफी का ज्यादा सेवन करते हैं, तो रात को सोते समय हार्ट रेट बढ़ता हुआ महसूस हो सकता है। कैफीन के ज्यादा सेवन से अनिद्रा की समस्या होती है। अनिद्रा से हार्ट रेट बढ़ जाता है। हार्ट के मरीजों को कैफीन के सेवन से पूरी तरह से बचना चाहिए।
अनिद्रा के कारण बढ़ सकती है दिल की धड़कन
रात को नींद नहीं आने के कारण दिल की धड़कन बढ़ सकती है। नींद की कमी के कारण शरीर में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। नींद पूरी न करने के कारण हार्टबीट बढ़ जाती है। हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेना चाहिए।
दिल की तेज धड़कन का इलाज
अगर आपको रेसिंग हार्ट या हार्ट पल्पिटेशन की समस्या है, तो डॉक्टर फिजिकल एग्जामिनेशन के जरिए लक्षणों की जानकारी लेंगे। उसके बाद एक्सरे, इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम, कोरोनरी एंजियोग्राफी की जा सकती है। इन जांच की मदद से दिल की धड़कन तेज होने का कारण पता चलेगा। दिल की धड़कन तेज होने के साथ सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द, चक्कर आने जैसे लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये गंभीर लक्षण माने जाते हैं। हेल्दी डाइट और कसरत के साथ दवाओं की मदद से डॉक्टर इस समस्या का इलाज करते हैं।
हार्ट पल्पिटेशन से कैसे बचें?
- एल्कोहल का सेवन न करें।
- धूम्रपान या अन्य नशीली चीजों के सेवन से बचें।
- नींद पूरी करें। अनिद्रा के कारण हार्ट बीमार पड़ सकता है।
- ज्यादा मिर्च-मसाले वाले भोजन को डाइट में शामिल न करें।
दिल की तेज धड़कन महसूस होना ठीक नहीं है। डॉक्टर के जरिए इलाज करवाएं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।
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