
Heart Attack Prevention measures in hindi: देश की राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। सर्दी का सितम ये है कि कई शहरों में तापमान 2 से 3 डिग्री के पार पहुंच चुका है। देश में जिस तरह से सर्दी बढ़ रही है हार्ट अटैक के मामलों में भी वृद्धि देखी जा रही है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले एक सप्ताह में शीतलहर के हार्ट अटैक की वजह से 98 लोगों की मौत हो चुकी है। कानपुर स्थित लक्ष्मीपत सिंघानिया हृदय रोग संस्थान द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1 से 7 जनवरी के 4862 मरीज हृदय की समस्या को लेकर अस्पताल पहुंचे थे।
इन मरीजों का इलाज इमरजेंसी और ओपीडी में किया गया। संस्थान द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि 1 सप्ताह के भीतर जिन 98 लोगों की मौत हुई है उनमें 44 मरीज ऐसे रहे जिनकी मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई। वहीं, 54 मरीज मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचे थे। लक्ष्मीपत सिंघानिया हृदय रोग संस्थान के निदेशक डॉ. विनय कृष्ण का कहना है कि शीतलहर के कारण हृदय रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि शीतलहर के कारण सिर्फ उम्रदराज लोग ही नहीं बल्कि युवा भी हार्ट से संबंधित बीमारियों का इलाज कराने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक से सात जनवरी के बीच हुई 98 मौतों में 18 मरीजों की उम्र 40 वर्ष के अंदर थी।
इसे भी पढ़ेंः क्या कोरोना वैक्सीन की वजह से लोगों को आ रहे हैं हार्ट अटैक? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक आने के क्या कारण हैं?
सर्दियों में हार्ट अटैक और हार्ट से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैः
- ठंड के मौसम में सर्द हवाओं के कारण ब्लड सेल्स यानी की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती है। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर के बढ़ने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर ज्यादा होने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।
- सर्द हवाओं के बीच शरीर के तापमान को नॉर्मल बनाए रखने के लिए हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ज्यादा प्रेशर की वजह से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि सर्दियों के मौसम में शरीर का तापमान 95 डिग्री से कम हो जाता है तो हाइपोथर्मिया के कारण हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
शीत लहर में हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें?
दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार का कहना है कि गर्मियों के मुकाबले सर्दियों के मौसम में लोगों को हार्ट अटैक की समस्या ज्यादा होती है। डॉक्टर ने कहा, 'दिल का दौरा कोरोनरी धमनियों में रक्त के थक्के बनने के कारण होता है। यह देखा गया है कि सर्दियों के दौरान हमारे शरीर में फाइब्रिनोजेन का स्तर 23 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसके अलावा प्लेटलेट काउंट भी बढ़ जाता है और इससे रक्त का थक्का बन सकता है और दिल का दौरा पड़ सकता है।' सर्दियों में शीतलहर की वजह से हार्ट अटैक या हार्ट से संबंधित अन्य समस्याएं न हो इसके लिए आपको इन चीजों को फॉलो करना चाहिए।
सुबह की वॉक या एक्सरसाइज से बचें
डॉक्टर का कहना है कि शीतलहर का प्रकोप आपके शरीर पर कम पड़े इसके लिए सुबह की वॉक या एक्सरसाइज जैसी एक्टिविटी से बचना चाहिए। डॉक्टर का कहना है कि अगर आप सर्दियों के मौसम में एक्सरसाइज करना चाहते हैं तो घर की चार दीवारी में ही करें।
विटामिन डी का सेवन करें
सर्दियों के मौसम में विटामिन डी की कमी की वजह से भी हार्ट अटैक की संख्या बढ़ती है। हार्ट अटैक की समस्या न हो इसके लिए विटामिन डी युक्त आहार लें। अगर आप किसी विटामिन डी सप्लीमेंट या कैप्सूल को डाइट में शामिल करना चाहते हैं तो इसके लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
इसे भी पढ़ेंः सोनाली फोगाट को मेथामफेटामाइन ड्रग के कारण आया हार्ट अटैक, जानें क्या है ये और क्यों खतरनाक है
पर्याप्त कपड़े पहनें
सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्माहट मिल सके इसके लिए पर्याप्त मात्रा में कपड़े अवश्य पहनना चाहिए। कपड़ों की सही लेयर पहनने से शरीर गर्माहट मिलती है और हार्ट को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती।
मोजे और टोपी जरूर पहनें
डॉक्टर का कहना है कि सर्दियों के मौसम घर से बाहर निकलते वक्त टोपी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। शीतलहर से बचने के लिए सिर और कानों को ढका रहना जरूरी है, ताकि शरीर गर्म रह सके। डॉक्टर का कहना है कि सिर और पैर के गर्म रहने से शरीर को प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
Pic Credit - Freepik.com
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version