वर्तमान समय में बिजी दिनचर्या और आॅफिस के काम के चलते हर कोई व्यस्त रहता है। 8 से 9 घंटे की जॉब के बाद जब व्यक्ति सुबह शाम 2 से 3 घंटे जाम में रहता है तो इसका नींद पर असर पड़ना लाजमी है। लेकिन आपको ये जानना जरूरी है कि भरपूर नींद ना लेने की वजह से ना सिर्फ आपका लाइफस्टाइल खराब होता है, बल्कि आपकी सेहत पर भी इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है। भरपूर नींद की कमी के चलते दिल की बीमारी, तनाव, अवसाद, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा आदि समस्याएं होने के चांस काफी हद तक बढ़ जाते हैं।
जीवनशैली में आए इस बदलाव के कारण लोगों में नींद पूरी नहीं होने की शिकायतें सबसे आम हैं। डॉक्टर्स का भी मानना है कि उनके पास दिन में 100 में से 30 मरीज नींद ना आने की समस्या लेकर आते हैं। इस चीज का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ता है जो शिफ्ट में काम करते हैं। ऐसे लोगों के लिए जरूरी है कि वे अपने काम के हिसाब से एक रूटीन बनाएं जिससे उनके शरीर को पर्याप्त आराम मिल सके। ऐसा नहीं होने पर शरीर की जैविक घड़ी असंतुलित हो जाती है। इसे नियमित करने के लिये आहार, व्यायाम और अन्य कई बातों पर विशेष ध्यान देना होता है। आइए जानते हैं हमारे स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित करती है नींद की कमी।
मन का भटकना
नींद की कमी का प्रभाव हमारे मन भी पड़ता है। अगर आप 24 घंटे तक बिना सोए काम करते रहते हैं या 24 घंटे जगे रहते हैं तो इससे आपका ध्यान किसी भी काम में एकाग्रचित्त नहीं हो सकते हैं। इतने देर तक लगातार काम करने के कारण अगर आप कॉफी पीकर अपने मूड को बढ़ाना चाहते हैं तो वह भी बेअसर रहता है।
पाचन क्रिया पर प्रभाव
नींद की कमी से पाचन क्रिया भी प्रभावित होती है। जो लोग मात्र 5 घंटे या उससे कम सोते हैं उनके पेट को नियमित करने वाले पेप्टिन हार्मोन का उत्पादन 15.5 प्रतिशत कम हो जाता है जिससे खाना पचने में दिक्कत हो सकती है।
कमर पर प्रभाव
कम नींद लेने वालों की बीएमआई (बॉडी मॉस इंडेक्स) 3.6 प्रतिशत तक अधिक होती है। 5 घंटे तक सोने वाले लोगों के कमर के पास अधिक चर्बी होती है। साथ ही कमर में दर्द और अकड़न की शिकायत के साथ जोड़ों में दर्द भी होता है।
ब्लड प्रेशर
जो लोग 6 घंटे से कम नींद लेते हैं उनका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे लोगों का बीपी 132 (120 या उससे कम सामान्य होता है) या इससे अधिक हो सकता है। इसलिए भरपूर नींद लें।
दिमाग पर असर
कम नींद लेने से दिमाग की कोशिकायें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। इसके कारण अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी दिमागी बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। नींद की कमी का प्रभाव याद्दाश्त और स्मरण शक्ति पर भी पड़ता है।
दिल पर असर
भरपूर नींद न लेने का असर दिल पर भी पड़ता है। ब्रिटेन में वार्विक मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार, भरपूर नींद नहीं मिलने पर होने वाली नींद की कमी से हृदयाघात (दिल का दौरा पड़ने) का खतरा 48 प्रतिशत बढ़ जाता है।
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