मोटापा ही नहीं इन 5 कारणों से भी बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे करें बचाव

दिल का दौरा तब होता है जब हृदय तक रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। यह रुकावट वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण से होता है। दिल का दौरा, जिसे मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन भी कहा जाता है, घातक हो सकता है। दिल की बीमारियां के पीछे आमतौर पर मोटापा जिम्‍मेदार होता है। हालांकि, जीवनशैली में बदलाव कर हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है। 
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मोटापा ही नहीं इन 5 कारणों से भी बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे करें बचाव

दिल का दौरा तब होता है जब हृदय तक रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। यह रुकावट वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण से होता है। दिल का दौरा, जिसे मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन भी कहा जाता है, घातक हो सकता है। दिल की बीमारियां के पीछे आमतौर पर मोटापा जिम्‍मेदार होता है। हालांकि, जीवनशैली में बदलाव कर हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है। यहां हम आपको हार्ट अटैक के कारणों और बचाव के बारे में बता रहे हैं। 

 

उम्र के साथ बढ़ती है ह्रदय रोग की समस्‍या 

पुरुषों में 45 वर्ष और महिलाओं में 55 वर्ष की आयु के बाद कार्डियोवस्‍कुलर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही वसायुक्‍त प्‍लार्क जमा होने से उम्र के साथ-साथ धमनियों में रक्‍तप्रवाह कमतर होता जाता है। इससे कई समस्‍यायें हो सकती हैं। शोध में सामने आया है कि कोरोनेरी हार्ट डिजीज से होने वाली मौतों में 83 फीसदी की आयु 65 वर्ष अथवा उससे अधिक होती है। बुजुर्ग महिलाओं की हृदयाघात के कुछ सप्‍ताह बाद मृत्‍यु होने की आशंका बुजुर्ग पुरुषों के मुकाबले अधिक होती है।

पुरुषों को खतरा अधिक

पुरुषों को दिल की बीमारियां होने का खतरा महिलाओं की अपेक्षा अधिक होता है। इसके साथ ही कम उम्र में ही उनका दिल बीमार पड़ जाता है। इतना ही नहीं उनकी धमनियों में प्‍लार्क जमने का खतरा भी महिलाओं की अपेक्षा अधिक होता है। लीस्‍टर स्थित डिपार्टमेंट ऑफ कार्डिवस्‍कुलर साइंस में कार्डियोवस्‍कुलर मेडिसन में न्‍यू ब्‍लड लेक्‍चरर डॉक्‍टर मैकीज तोमास्‍जेवस्‍की, का कहना है कि इसके पीछे सेक्‍स हॉर्मोन हो सकते हैं। शोध में यह बात सामने आयी कि ये सेक्‍स हॉर्मोन बेड कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाकर गुड कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा कम कर सकते हैं।

धूम्रपान भी है जिम्‍मेदार 

तम्‍बाकू दिल की खराब सेहत का बड़ा कारण है। तम्‍बाकू दिल की बीमारियों का खतरा चार गुना बढ़ा देता है। धूम्रपान में मौजूद तम्‍बाकू रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। यह दिल और रक्‍त वाहिनियों की कार्य प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है। धूम्रपान आपके दिल को कितना नुकसान पहुंचाता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि धूम्रपान करने वाले व्‍यक्तियों को दिल का दौरा पड़ने की आशंका धूम्रपान न करने वालों की अपेक्षा दोगुना अधिक होती है। केवल धूम्रपान करने वालों को ही नहीं, बल्कि परोक्ष धूम्रपान करने वाले भी दिल की बीमारियों के खतरे से नहीं बच पाते।

उच्‍च कोलेस्‍ट्रॉल

रक्‍त में कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से दिल की बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे हृदय को रक्‍त पहुंचाने वाली कोशिकायें अवरुद्ध हो जाती हैं। संतृप्‍त वसा ब्‍लड कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने की सबसे बड़ी वजह होती है। जानकारों का कहना है कि आपके रक्‍त में कोलेस्‍ट्रॉल का कुल स्‍तर 200 मिग्रा/डीएल होना चाहिए। इनमें से पुरुषों में एचडीएल 40 मिग्रा/डीएल और महिलाओं में 50 मिग्रा/डीएल से अधिक होना चाहिए और एलडीएल का स्‍तर 130मिग्रा/डीएल से कम होना चाहिए।

उच्‍च रक्‍त चाप

उच्‍च रक्‍तचाप दिल का काम बढ़ा देता है। इससे हृदय मोटा और कठोर हो जाता है। इसके साथ ही उच्‍च रक्‍तचाप स्‍ट्रोक, हृदय रोग, किडनी फैल्‍योर और हार्ट फैल्‍योर का भी कारण बनता है। इसके साथ ही अगर आप मोटापे, धूम्रपान और शराब के सेवन से ग्रस्‍त हैं, तो यकीन जानिये आपका खतरा काफी बढ़ जाता है। तनाव के कारण भी रक्‍तचाप बढ़ जाता है, लेकिन लंबे समय तक इस पर टिके रहने से हमारी खानपान और जीवनशैली की आदतें भी प्रभावित होती हैं।

अनुवांशिक

हृदय रोग अनुवांशिक भी हो सकता है। जिन लोगों के माता-पिता अथवा नजदीकी रिश्‍तेदारों को हृदय रोग हो, उन्‍हें इसका खतरा काफी अधिक होता है। ऐसे लोगों को अतिरिक्‍त सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

मोटापा

वे लोग जिनके शरीर पर, विशेषकर कमर और उसके आसपास काफी चर्बी जमा होती है, उन्‍हें दिल की बीमारियां होने का खतरा बढ़ ताता है। इसके साथ ही स्‍ट्रोक भी उन्‍हें अपना शिकार बना सकता है। भले ही ऐसे लोगों को कोई अन्‍य जोखिम कारक न हो, फिर भी उन्‍हें अपने दिल को स्‍वस्‍थ रखने के लिए मोटापे से निजात पाने के प्रयास करने चाहिए।

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डायबिटीज

भले ही आप पूरी तरह स्‍वस्‍थ नजर आते हों, लेकिन अकेली डायबिटीज ही आपके दिल को बीमार कर सकती है। वास्‍तविकता यह है कि टाइप 2 डायबिटीज से पीडि़त लोगों को हृदय रोग होने और दिल की बीमारियों से मौत होने का खतरा उतना ही होता है, जितना ऐसे लोगों को जिन्‍हें पहले ही हृदयाघात हो चुका हो। दूसरी बात यह है कि अगर डायबिटीज अन्‍य जोखिम कारकों के साथ मिलकर दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ा देती है। 

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जीवनशैली  

अपने दिल को स्‍वस्‍थ रखने के लिए आपको स्‍वस्‍थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। यदि हम व्‍यायाम नहीं करते और दिन का अधिकतर वक्‍त बैठकर खाने और सोने में ही गुजार देते हैं, तो हम अपने दिल के साथ ज्‍यादती कर रहे हैं। इससे आपको दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि स्‍वस्‍थ दिल के लिए रोजाना कम से कम तीस मिनट तक जरूर व्‍यायाम करें।  

व्‍यायाम न करने से दिल तो बीमार पड़ता ही है साथ ही कैंसर, टाइप टू डायबिटीज और ऑस्‍टिओपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है। इन सबसे बचने के लिए जरूरी नहीं कि आप कड़ा व्‍यायाम करें। दौड़ना, पैदल चलना, तैराकी और साइक्लिंग आदि भी आपको काफी मदद कर सकते हैं।

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