मौसम के बदलने के साथ ही हर साल नवरात्रि जैसे त्यौहारों का भी मौसम आता है। नवरात्रि के समय में लगभग सभी घरों में मांसाहार लेना अच्छा नहीं माना जाता और कुछ घरों में तो लोग, खाना बनाने के लिए प्याज़ व लहसुन का भी प्रयोग नहीं करते। नवरात्रों के व्रत दूसरे धर्म की तुलना में कुछ अलग होते हैं। इस व्रत में आप फलाहार का सेवन कर सकते हैं या कुछ खास पेय भी ले सकते हैं। व्रत में खाने-पीने के साथ इस बात पर भी ध्यान देना भी बेहद आवश्यनक होता है कि आप स्वैस्थं आहार लें।
फिट रहने के लिए यह आहार अपनायें :
- कुट्टू के आटे की रोटी या इडली
- सामक के चावल या सामक के चावल का डोसा
- लौकी, कद्दू या खीरे का रायता
- लस्सीक, मिल्करशेक, सब्जि़यों का जूस
- हरी चाय या काफी
- फलों का चाट (पपीते, नाशपाती और सेब का प्रयोग कर सकते हैं)
- खाने के बीच में बादाम खायें
- उबली हुई सब्जि़यां खायें
ध्यान रखें यह बातें:
• ज्यादा तला-भुना ना खायें
• डायबिटिक्स को नवरात्रों में खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है और उन्हें अधिक देर तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए।
• अगर आपको किसी खास प्रकार के आहार से एलर्जी है, तो उसे ना लें।
• अगर आपको पूरा दिन खाली पेट रहने से एसिडिटी की शिकायत रहती है, तो ठंडा दूध पीयें और थोड़े-थोड़े अंतराल पर कुछ खाते रहें।
आपके व्रत का ध्येय वज़न कम करना भी हो सकता है और इस दृष्टि से ऊपर दिये गये आहार बहुत ही अच्छे विकल्प हैं। इन आहार-निर्देश का पालन करें क्योंकि व्रत के लिए आहार ऐसा होना चाहिए, जिसमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, फैट, विटामिन्सह और मिनरल्स हों।
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