Abdominal Obesity: पेट पर लटकती चर्बी इस बात का संकेत है कि आप जल्द ही गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं। मोटापे के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे- गलत खानपान, अनहेल्दी आदतें, जेनेटिक समस्याएं आदि। अगर आपका बीएमआई 30 या उससे ज्यादा है, तो समझ जाएं कि आप मोटापे का शिकार हैं। मोटापा कई प्रकार का होता है जिसमें से एक है एब्डॉमिनल ओबेसिटी। इस तरह के मोटापे में पेट पर अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है। यह स्थिति सेहत के लिए बेहद हानिकारक होती है क्योंकि पेट के आस-पास जमा चर्बी से पेट और आस-पास के अंग प्रभावित होते हैं। पेट की चर्बी के कारण कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसी ही 5 बीमारियों के बारे में हम आगे जानेंगे। साथ ही आपको बताएंगे एक्स्ट्रा फैट घटाने के आसान उपाय। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
पेट के मोटापे से होने वाली बीमारियां- Diseases Caused By Abdominal Obesity
1. गॉलब्लेडर स्टोन- Gallbladder Stone
गॉलब्लेडर हमारे पाचनतंत्र का हिस्सा है। यह अंग पेट में स्थित होता है। पेट की चर्बी बढ़ने के कारण गॉलब्लेडर की सेहत प्रभावित होने लगती है। कई लोगों को मोटापे के कारण गॉलब्लेडर में स्टोन हो सकते हैं। ये स्टोन कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण होते हैं। मोटापे से पीड़ित ज्यादातर मरीजों को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी होती है।
2. ऑस्टियोअर्थराइटिस- Osteoarthritis
पेट की चर्बी बढ़ने के कारण ऑस्टियोअर्थराइटिस हो सकता है। इससे पीठ, कूल्हे, घुटने प्रभावित होते हैं। जब आप ओवर वेट होते हैं, तो जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है। इस कारण कार्टिलेज घिसने लगती है और दर्द का एहसास होता है।
3. दिल की बीमारी- Heart Disease
एब्डॉमिनल ओबेसिटी के कारण दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ज्यादा तला-भुना खाने के कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। इससे ब्लड प्रेशर पर प्रभाव पड़ता है और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। मोटापे के कारण स्ट्रोक का खतरा भी बना रहता है।
4. अनिद्रा की समस्या- Insomnia
एब्डॉमिनल ओबेसिटी के कारण अनिद्रा की समस्या भी हो सकती है। जो लोग मोटापे से पीड़ित होते हैं, उन्हें पाचन से जुड़ी शिकायतें भी होती हैं। पाचन खराब होने के कारण अनिद्रा की समस्या हो सकती है। अनिद्रा के कारण कार्य क्षमता तो खराब होती ही है, साथ ही आपकी मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है।
5. टाइप 2 डायबिटीज- Type 2 Diabetes
पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी के कारण टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। वजन कंट्रोल करके या बेली फैट कम करके डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है। शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर 70 से 120 मिलीग्राम/डीएल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है और शरीर कई बीमारियों की चपेट में आ सकता है।
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पेट की चर्बी कम करने के उपाय- How To Reduce Belly Fat
- पेट की चर्बी कम करने के लिए ग्रीन टी, अदरक की चाय, हिबिस्कस चाय और दालचीनी की चाय का सेवन करना चाहिए।
- अतिरिक्त फैट कम करने के लिए दिन भर बैठे न रहें। इससे शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है। हर घंटे अपनी पोजिशन बदलनी चाहिए और कुछ देर वॉक करें।
- फाइबर रिच फूड्स का सेवन करें। ताजे फल और सब्जियों में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। इसे डाइट में शामिल करें।
- ट्रांस फैट वाली चीजों का सेवन न करें। स्ट्रीट फूड में तेल और मसालों के कारण शरीर में ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है।
- प्रोटीन रिच फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें। अंडे, दाल, बीन्स में प्रोटीन पाया जाता है।
पेट की चर्बी बढ़ जाने के कारण टाइप 2 डायबिटीज, अनिद्रा, दिल की बीमारी, गॉलब्लेडर में स्टोन, ऑस्टियोअर्थराइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पेट की चर्बी को कम करने के लिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज पर फोकस करें।