मेनोपॉज या रजोनिवृति किसी की महिला के शरीर का वो पडाव है जब उसका मासिक स्त्राव हमेशा के लिए बंद हो जाता है। मेनोपॉज को अंतिम माहवारी के बाद के 12 महीनों की तारीख के रूप में परिभाषित किया जाता है। मेनोपॉज तक पहुंचने की औसत उम्र 51, 39 से 59 उम्र की सामान्य सीमा के साथ होती है।
नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी के अनुसार, मेनोपॉज एस्ट्रोजन के उत्पादन को धीमा कर देता है। शुरूआत में इससे दिल और हड्डियों को बहुत जोखिम होता है। लेकिन लंबे समय तक एस्ट्रोजन का जोखिम विशेष रूप से ब्रेस्ट और ओवरियन कैंसर के खतरे को बहुत ज्यादा बढ़ा देता है।
ओवरियन कैंसर का खतरा
हालांकि देर से मेनोपॉज होने के कई लाभ है। अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित अक्टूबर 2003 के अंक में नॉर्वे में महिलाओं पर हुए एक 37 साल के अध्ययन के अनुसार, जिन महिलाओं को 52 की उम्र के बाद मेनोपॉज होता है, वह अन्य महिलाओं के मुकाबले लंबा जीवन जीती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अमेरिका में महिलाओं में मृत्यु का सबसे आम कारण यानी हृदय रोग, एस्ट्रोजन की उपस्थिति के कारण एक हद तक रोका जा सकता है, जो मेनोपॉज से घटता है।
शोध के अनुसार
आमतौर पर देर से मेनोपॉज महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है, लेकिन एस्ट्रोजन के लंबे समय तक एक्सपोजर से सबसे पहला जोखिम ओवरियन कैंसर का होता है। मई 2010 राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दिशा निर्देशों के अनुसार, यह जोखिम मासिक धर्म की शुरूआत में विशेष रूप से मजबूत होता है और अगर आपका शरीर गर्भावस्था और स्तनपान के माध्यम से एस्ट्रोजन जोखिम से नहीं टूटता तो यह बढ़ने लगता है
![मेनोपॉज menopause in hindi]()
शोध के नतीजे
शोध के दौरान एक समूह में महिलाएं विशेष रूप से देर से होने वाले मेनोपॉज के खतरे में थी। यह महिलाएं 12 साल की उम्र से पहले मासिक धर्म के प्रारंभिक शुरुआत के संचयी जोखिम में थी। इन महिलाओं में प्रजनन दवाओं का उपयोग कर गर्भधारण करने की बार-बार कोशिश के बावजूद एक पूर्ण अवधि की गर्भावस्था नहीं हुई, और बाद में मेनोपॉज भी देर से हुया। एसीओजी के अनुसार, साथ ही आनुवंशिक गड़बड़ी के कारण ओवरियन कैंसर का जोखिम और भी बढ़ गया।
मेनोपॉज में एस्ट्रोजन के स्तर को प्राकृतिक रूप से गिरने की अनुमति देने की बजाय उच्च जोखिम वाली महिलाओं को उनके देखभाल प्रदाता हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का प्रयोग करने की सलाह देते हैं। इसी तरह एसीओजी के दिशानिर्देंश के अनुसार, उच्च जोखिम वाली महिलाओं को 25 से कम बॉडी मास इंडेक्स और कमर का साइज 35 इंच से कम रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि फैट एस्ट्रोजन का उत्पादन और मोटापा ओवरियन कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।
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