हमारे शरीर के अन्य अंगों की तरह की दांतों की सफाई का ख्याल रखना भी बहुत आवश्यक है। दांत ना सिर्फ आपके भोजन को चबाने मे मदद करते हैं, बल्कि पूरे शरीर को भी स्वस्थ रखते हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि खराब दांत, आपके दिल को बीमार कर देते हैं। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित जांच कराना जरूरी है। नियमित डेंटल चेकअप आपको ओरल कैंसर जैसी बीमारी से बचा सकता है। आधुनिक तकनीकों के साथ दांतों की जांच करना आसान है। इस लेख में विस्तार से जानिये नियमित रूप से डेंटिस्ट के पास क्यों जाना चाहिए।
नियमित रूप से जरूरी है दांतों की जांच
आपके मुंह की सेहत के लिए वैसे भी डेंटिस्ट के पास नियमित रूप से विजिट करना जरूरी होता है। और अगर किसी के मुंह में कोई असामान्य बदलाव जैसे कि गांठ या निशान आदि नजर आए तब डॉक्टर के पास जाने से परहेज करना बड़े खतरे को न्यौता देने जैसा हो सकता है। ऐसे लोग जो धूम्रपान व अल्कोहल का इस्तेमाल करते हैं उन्हें नियमित रूप से डेंटिस्ट से जांच जरूर करानी चाहिए ताकि ऐसे किसी भी लक्षण की पहचान समय रहते की जा सके जो आगे चलकर कैंसर की वजह बन सकते हैं। सामान्यत: साल में दो बार या फिर आपके दांतों के स्वास्थ्य के अनुसार रेगुलर डेंटल चेकअप कराते रहना चाहिए।
ओरल कैंसर की पहचान
कैंसर के मामलों की तरह ओरल कैंसर भी जानलेवा हो सकता है, अगर इसकी पहचान शुरूआत में न हो सके तो। कैंसर किसी खास हिस्से की कोशिकाओं का अनियंत्रित विकास है, जिसके संपर्क में आने से स्वस्थ कोशिकाएं भी डैमेज हो जाती हैं। ओरल कैंसर मुंह के किसी भी हिस्से जैसे कि होंठ, जीभ, गाल, गला अथवा कोई अन्य हिस्सा में हो सकता है। डिजिटल रेडियोग्राफी के क्षेत्र मे हुए नए विकास से अब समस्याओं की सही और वक्त पर पहचान संभव हो गई है। बड़े डेंटल चेन में डिजिटल ओपीजी यानी डाइग्नोस्टिक डेंटल एक्सरे की सुविधा उपलब्ध है, जिससे जांच में मदद मिलती है डिजिटल ओपीजी से स्पष्ट और सही तस्वीर सामने आती है जिससे इलाज की बेहतर योजना बनाई जा सकती है।
![दांतो की देखभाल Dental Care]()
दिल को रखे सलामत
शरीर के किसी भी हिस्से में लंबे समय तक इन्फेक्शन हो तो वह हमारे दिल को भी नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन दांतों का दिल की बीमारियों से गहरा रिश्ता इसलिए भी होता है क्योंकि दांत हमारे शरीर का वह हिस्सा है, जिसका खाने से निरंतर संपर्क रहता है और इस वजह से यहां संक्रमण की आशंका सबसे अधिक होती है। हाल ही में किए गए शोध से यह प्रमाणित हो चुका है कि अगर मसूड़े में बैक्टीरिया की वजह से जिंजिवाइटिस का इन्फेक्शन हो जाए तो इससे बैक्टीरिया खून के जरिये दिल तक पहुंच जाता है। यह दिल की नसों को नुकसान पहुंचाता है और इससे हार्टअटैक का खतरा बढ जाता है। संक्रमण की वजह से दांतों में कुछ ऐसे हानिकारक तत्व बनते हैं, जो ब्लड के जरिये हार्ट तक पहुंचकर उसे नुकसान पहुंचाते हैं। कई बार इससे हार्ट के वॉल्व या आर्टरीज की दीवारों पर ब्लड क्लॉट की समस्या भी हो जाती है।
दांतों की सही स्थिति
अगर आपके दांत सड़ गए हैं, टूट गए हैं या टेढ़े-मेढ़े हैं, तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि अब डेंटिस्ट के पास इन्हें ठीक करने की कई नयी तकनीकें मौजूद हैं। लेकिन इस तरह के इलाज काफी महंगे होते हैं, इसलिए हो सकता है कि शायद आपको अपनी हैसियत से ज़्यादा खर्च करना पड़े। फिर भी, कई लोगों को लगता है कि इलाज जितना महंगा है, उतना बढ़िया फायदा भी मिलता है। हो सकता है, डेंटिस्ट आपको इस काबिल बना दें कि आप फिर से खाना चबा सकें। या यह भी हो सकता है कि आपके टेढ़े-मेढ़े दांत ठीक करके वे आपकी मीठी मुस्कान लौटा दें।
खर्चा कम करना
कई लोग डेंटिस्ट के पास जाने से इसलिए कतराते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसमें बहुत पैसे खर्च होंगे। लेकिन अगर आप अभी से चेकअप करवाकर अपने दांतों को सही हालत में रखें, तो बाद में उठनेवाली समस्याओं और महंगे इलाज से आप बच सकते हैं। कई जगहों पर किफायती से लेकर महंगे डेंटिस्ट होते हैं। यहां तक कि छोटे-से-छोटे दांतों के क्लिनिक में आपको एक्स-रे मशीन और हाई-स्पीड ड्रिल की सुविधाएं मिल सकती हैं।
अक्सर लोग समझते हैं कि सुबह एक बार दांतों पर ब्रश करना ही उपयुक्त है। फिर दिन भर जो भी खाए तो दांत साफ करने की आवश्यकता नहीं। लेकिन दिन में कम से कम दो बार ब्रश करना जरूरी है।