शांभवी मुद्रा के हैं कई बड़े फायदे, आप भी जानें...

इस मुद्रा की खास बात यह है कि इसके तहत आपकी आंखें खुली रहती हैं, लेकिन फिर भी आप कुछ देख नहीं पाती। वास्तव में योगाचार्यों के मुताबिक यह मुद्रा एक कठिन साधना की तरह होता है। शांभवी मुद्र की विधि और उसके फायदों पर एक नजर।
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शांभवी मुद्रा के हैं कई बड़े फायदे, आप भी जानें...


क्या आप जानती हैं कि योगा जगत में शांभवी मुद्रा आसन की खास जगह है? असल में शांभवी मुद्रा आसन मेडिटेशन के दौरान किया जाता है जो कि मन और मस्तिष्क को शांत करने में कारगर भूमिका निभाता है। इस मुद्रा की खास बात यह है कि इसके तहत आपकी आंखें खुली रहती हैं, लेकिन फिर भी आप कुछ देख नहीं पाती। वास्तव में योगाचार्यों के मुताबिक यह मुद्रा एक कठिन साधना की तरह होता है। शांभवी मुद्र की विधि और उसके फायदों पर एक नजर।

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शांभवी मुद्रा की विधि

ध्यान के आसन में बैठें और अपनी पीठ सीधी रखें। आपके कंधे और हाथ बिलकुल ढीली अवस्था में होने चाहिए। इसके बाद हाथों को घुटनों पर चिंमुद्रा, ज्ञान मुद्रा या फिर योग मुद्रा में रखें। आप सामने की ओर किसी एक बिंदु पर दृष्टि एकाग्र करें। इसके बाद ऊपर देखने का प्रयास करें। ध्यान रखिए आपका सिर स्थिर रहे। इस बीच आप अपने विचारों को भी नियंत्रित करने की केशिश करें। सिर्फ और सिर्फ ध्यान रखें। इस बीच कुछ न सोचें।

शांभवी मुद्र के दौरान आपकी आपकी पलकें झपनी नहीं चाहिएं और हां, आपकी दृष्टि एक वस्तु की ओर सभी टिकी हुई नहीं होनी चाहिए, जिससे मन भटकने की आशंका होती है। इस आसन को शुरुआती दिनों में कुछ ही सेकेंड तक करें। यानी जैसे-जैस आपकी ध्यान लगाने की और अपने विचारों पर नियंत्रण करने की क्षमता में विकास हो, वैसे वैसे इस आसन को करने के समय सीमा भी बढ़ाती रहें। इसे आप अधिकतम 3 से 6 मिनट कर सकती हैं।

शांभवी मुद्रा के लाभ

शांभवी मुद्रा आज्ञा चक्र को जगाने वाली एक शक्तिशाली क्रिया है। आपको बताते चलें कि आज्ञा चक्र निम्न और उच्च चेतना को जोड़ने वाला केंद्र है। इस मुद्रा से आपको शारीरिक लाभ तो हासिल होगा ही इसके अलावा यह मुद्र आपकी आंखों के स्नायुओं को भी मजबूत बनाता है। इतना ही नहीं यह मुद्र आपके मन और मस्तिष्क को शांत रखता है। अर्थात यदि आप किसी बात से तनाव महसूस करें तो इस मुद्र का मदद से अपने तनाव को कम कर सकती हैं। जैसा कि पहले ही जिक्र किया गया है कि यह मुद्रा बहुत खास है क्योंकि इसके तहत आंखें खुली रखकर भी व्यक्ति सो रहा होता है और ध्यान का आनंद ले रहा होता है। इसके योग मुद्रा के जरिए आप डिप्रेशन जैसी बीमारी से भी खुद को दूर कर सकती हैं।

सावधानी

योगाचर्य हमेशा इस बात पर विशेष जोर देते हैं कि आप कोई भी योगा करें, उसे विशेषज्ञों की देखरेख में ही करें। क्योंकि हर योग क्रिया में समय से लेकर मुद्रा तक बहुत महत्वपूर्ण होता है। ठीक ऐसे ही शांभवी मुद्रा के तहत भी है। हालांकि यह अभ्यास बेहद सरल और सुरक्षित है। इस हर उम्र वर्ग की महिला व लड़कियां कर सकती हैं। पुरुषों के लिए भी यह योग मुद्रा काफी लाभदायक है। बावजदू इसके इस आसन को करते समय कुछ सावधानी बरतें। शांभवी मुद्रा के लिए जो चीजें बताई गई हैं, उसे धीरे-धीरे करें। जल्दबाजी करने की कोशिश न करें।

अगर आप किसी तरह की कोई शारीरिक समस्या है और इस मुद्रा को करते हुए आपको दर्द का अहसास हो रहा है तो इस आसन को न करें। ध्यान रखें कि इस आसन को 7 साल की उम्र के बाद ही करना सही रहता है। छोटी बच्चियों से यह आसन मुद्रा जबरन न कराएं। इसके अलावा चश्मा पहने हुए इस मुद्रा को न करें। और हां, अगर आपका पेट साफ न हो तो इस आसन में आप एकाग्र नहीं हो पाएंगी। मतलब यह कि इस अभ्यास को करने से पहले अपना पेट साफ करें ताकि आप अच्छी तरह एकाग्र हो सकें। अगर आप इस मुद्र को किसी योगाचर्य के अंतर्गत करेंगी, तो आपके लिए लाभकारी होगा।

 

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