आज बेशक जौ का भारतीय भोजन में इतना महत्व नहीं है, लेकिन राजा- महाराजाओं के दौर में जौ को मोटे अनाज का राजा माना जाता था। कई पोषक तत्वों से भरपूर जौ की लोकप्रियता बेशक गेंहू, बाजार बाजरे जैसे अनाज से कम रही हो गई हो, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से गांवों और छोटे शहरों में इसका सेवन आज भी किया जाता है। जौ को अंग्रेजी में बार्ले (ENGLISH) कहा जाता है। जौ में विटामिन सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक शोध के मुताबिक बार्ले ग्रास (जौ की पत्तियां) और बार्ले ग्रेन (जौ के बीज) दोनों ही कई बीमारियों से राहत दिलाने में मदद कर सकती है सकते हैं। हालांकि ज्यादातर लोग जौ को आटे के तौर पर ही खाना पसंद करते हैं। तो चलिए आज जानते हैं जौ के आटे का सेवन करने के फायदे
वजन घटाने में मददगार
गेंहू या अन्य किसी अनाज की रोटी के मुकाबले जौ के आटे की रोटी में कैलोरी बहुत ही कम मात्रा में पाई जाती है। जो लोग वजन घटाना चाहते हैं, उन्हें जौ के आटे की रोटी खाने की सलाह दी जाती है।
पाचन क्रिया को बनाता है मजबूत
जौ में फास्फोरस एसिड, सैलिसिलिक एसिड और लेक्टिक लैक्टिक एसिड पाया जाता है। जिन लोगों को पेट संबंधित समस्या होती है, उन्हें गेंहू की के बजाय जौ के आटा की रोटी खाने की सलाह दी जाती है।
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बैड कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए
ये बात तो हर कोई जानता है कि शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का मतलब है दिल से संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ना। बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाने के लिए जौ के आटे की रोटी को सर्वोत्तम माना जाता है।
नर्वस सिस्टम को शांत रखने में मददगार
जौ के आटे की रोटी में विटामिन्स और, मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके साथ ही यह मैंगनीज का भी अच्छा सोर्स माना जाता है। अगर आप प्रतिदिन जौ के आटे का सेवन करते हैं, तो यह नर्वस सिस्टम को शांत रखने और शरीर को हमेशा ऊर्जावान बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है।
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इम्यूनिटी को बूस्ट करने में सहायक
कोरोना काल में इम्यूनिटी की अहमियत हम सबने ने जान ली है। जौ के आटे में मौजूद विटामिन सी इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा यह तनाव के स्तर को भी कम करने में मदद करता है।
अगर आप प्रेगनेट हैं या किसी तरह की दवा का सेवन कर रहे हैं, तो जौ के आटे को डेली डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।