स्‍वास्‍थ्‍य और अध्‍यात्‍म में है गहरा संबंध

अध्‍यात्‍म का संबंध केवल धर्म से नहीं है। यह मन को शांत करने की प्रक्रिया का नाम है। और यह आप किसी भी काम से कर सकते हैं। यदि आप आध्‍यात्मिक हैं तो आपका चित्‍त शांत रहेगा और ऐसे में आप कई बीमारियों से बचे रह सकते हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
स्‍वास्‍थ्‍य और अध्‍यात्‍म में है गहरा संबंध


अध्‍यात्‍म क्‍या है। यह कैसे किया जाता है। क्‍या है अध्‍यात्‍म का मार्ग। ऐसे कई सवाल हैं जो हमारे मन में उठते हैं। वास्‍तव में अध्‍यात्‍म अपने जीवन का अर्थ जानने की प्रक्रिया का नाम है। इसके जरिये आप उस आशा और सहजता को पहचानते हैं जो आपके जीवन में भीतरी शांति स्‍थापित करने में सहायता करती है। कुछ लोग धर्म-मार्ग पर चलकर अधायत्‍म प्राप्‍त करते हैं, तो कुछ के लिए संगीत ही आध्‍यात्मिक जीवन का तरीका और सलीका बन जाता है। कुछ प्रकृति से जुड़कर अध्‍यात्‍म की अपनी पिपासा को शांत करते हैं और कुछ जीवन के आदर्शों और नियमों में ही अध्‍यात्‍म की तलाश कर लेते हैं।

Spirituality in Hindi
क्‍या है अध्‍यात्‍म और स्‍वास्‍थ्‍य में संबंध

इस बारे में सीधा और सरल जवाब शायद किसी के पास न हो। आखिर अध्‍यात्‍म का स्‍वास्‍थ्‍य से क्‍या संबंध है। क्‍या है जो एक दूसरे को जोड़कर रखता है। यह तो हम जानते हैं कि तन, मन और आत्‍मा का आपस में संबंध होता है। इन तीनों के बीच संतुलन होना जरूरी है। किसी एक की सेहत खराब होने का असर दूसरे पर पड़ता है। यानी देखा जाए तो स्‍वास्‍थ्‍य की कुंजी इन तीनों के हाथ में ही है।

कुछ शोध साबित करते हैं कि सकारात्‍मक सोच, सहजता, धर्म से प्राप्‍त होने वाली शक्ति, ध्‍यान और प्रार्थना आदि का मेल भी व्‍यक्ति को सुख और सुकून का अहसास देता है। अपने आध्‍यात्मिक स्‍वास्‍थ्‍य में बढोत्‍तरी करने से भले ही आपको बीमारी दूर करने का इलाज न मिले, लेकिन इससे आप बेहतर महसूस करते हैं। और यही शक्ति आपको कुछ स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर रखने में मदद करती है। इसके सथ ही आप बीमारी, तनाव और मृत्‍यु से लड़ने की शक्ति मिलती है।

आध्‍यात्मिक स्‍वास्‍थ्‍य कैसे सुधारें

अगर आप अपनी आध्‍यात्‍मिक सेहत सुधारना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों का खयाल रखना होगा। याद रखिये हर व्‍यक्ति अलग होता है और यह भी संभव है कि जो चीज किसी व्‍यक्ति को माफिक आए वह दूसरे के लिए भी सही साबित हो। तो, अपनी सुविधा और सहजता के अनुसार नियम चुनें।

उन चीजों की पहचान करें जो आपको भीतरी शांति, सहजता, शक्ति, प्रेम और जुड़ाव का आभास करवायें।

दिन में कुछ वक्‍त आध्‍यात्मिक गतिविधियों के लिए निकालें। यह सामाजिक सेवा हो सकती है, प्रार्थना, ध्‍यान, गीत गाने, प्रेरणादायी पुस्‍तकें पढ़ना, प्राकृतिक स्‍थलों वाले स्‍थानों पर घूमना, या फिर अकेले बैठकर सोचना भी हो सकता है। योग, खेलना अथवा धार्मिक गतिविधियों में भाग लेकर भी आधात्‍यमिक शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।

Health and Spirituality in Hindi
डॉक्‍टर के लिए क्‍यों है जरूरी

आपकी आध्‍यात्मिक आदतों के बारे में डॉक्‍टर को पता होना जरूरी है। अगर आप किसी बीमारी का इलाज करवा रहे हैं, तो डॉक्‍टर से अपनी आध्‍यात्‍मिक आदतों का जिक्र अवश्‍य करें। संभव है कि इनसे डॉक्‍टर को यह जानने में मदद मिले कि अपनी बीमारी को लेकर आप क्‍या सोचते हैं। अगर आपको ऐसा लगे कि आपकी आध्‍यात्मिक मान्‍यतायें आपको डॉक्‍टर की सलाह मानने से रोक रही हैं, तो अपने डॉक्‍टर को इस बारे में जरूर बतायें।

अगर अपनी आध्‍यात्म्कि चिंताओं के कारण आपको तनाव हो रहा है, तो इस बारे में अपने डॉक्‍टर से बात करें। वह आपको मदद कर सकता है।

image source - getty

 

Read More Articles on Sprituality in Hindi

Read Next

कहीं आत्म-आलोचना न कम कर दे आत्म सम्मान को

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version