मुस्‍कुराइये और जिंदगी को सेहतमंद और खुशनुमा बनाइये

बहुत थोड़ी सी मेहनत लगती है मुस्‍कुराने में। गुस्‍से से तो बहुत ही कम। लेकिन, जरा सी मुस्‍कुराहट आपको तनाव, चिंता और हृदय रोग जैसी कई बीमारियों से बचाने में करती है मदद। तो इंतजार किस बात का मुस्‍कुराइये और सेहतमंद और खुशनुमा रहिये।
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मुस्‍कुराइये और जिंदगी को सेहतमंद और खुशनुमा बनाइये


कई बार आपका आनंद आपकी मुस्‍कान का कारण होती है, लेकिन कई बार आपकी मुस्‍कान आपके आनंदित होने के मूल में होती है। किसी बौद्ध भिक्षु की यह उक्ति जीवन को सरस, सुखद और आनंदित बनाने का मूल प्रकट करती है।

अकसर मुस्‍कान को सकारात्‍मक मनोस्थिति और घटनाक्रम से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन, शोध बताते हैं कि सिर्फ मुस्‍कुराना ही अपने आप में आनंदित होने का मूल स्रोत हो सकता है। मीठी मुस्‍कान आपको क्‍या कुछ नहीं दे सकती, अद्भुत वस्‍तुयें, घटनायें, बेहतर रिश्‍ते, और... बहुत कुछ। मुस्‍कान तो मुफ्त है। इसके दाम है न ही इसे खरीदा जा सकता है दुनिया के किसी बाजार से। यह मुफ्त है, आसान है और सर्वसुलभ भी। तो, बस मुस्‍कुराइये और जिंदगी को खुशनुमा बनाइये।

चलिये, जानते हैं मुस्‍कुराने के पांच फायदे, जो आपको बतायेंगे कि आखिर क्‍यों आपको अपने जीवन में अधिेक से अधिक मुस्‍कुराना चाहिए। उम्‍मीद है कि यह लेख आपको जीवन में कुछ नया सिखाएगा। कुछ ऐसा जिससे आप पहले से अधिक मुस्कुरा सकेंगे। कुछ ऐसा जो आपके मूड को पहले से बेहतर कर सकेगा। कुछ ऐसा जो आपके जीवन को बेहतर बना सकेगा। और कुछ ऐसा जो आपके गमों को दूर सकेगा।

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भावनात्‍मक और शारीरिक रूप से बेहतर महसूस करेंगे

भले ही आप खुश न हों, लेकिन मुस्‍कुराना आपके मूड को बेहतर कर सकता है। चार्ल्‍स डार्विन ने सन् 1872 में ही कह दिया था कि अपने चेहरे की भावनाओं में जरा सा परिवर्तन लाकर हम भावनात्‍मक रूप से बेहतर महसूस कर सकते हैं। डार्विन ने इसे चेहरे का प्रतिक्रियात्‍मक सिद्धांत का नाम दिया। इस दिशा में किये गये मनोवैज्ञानिक शोध में कहा गया है कि भावनायें केवल आपकी मनोदशा पर ही निर्भर नहीं करती हैं। बल्कि इससे भावनाओं को नियंत्रित भी किया जा सकता है।

 

यूनिवर्सिटी ऑफ केनसस के शोधकर्ताओं तारा क्राफ्ट और साराह प्रेसमैन ने भी अपने शोध में मुस्‍कुराने के फायदों के बारे में बताया। उन्‍होंने बताया कि किस तरह से जरा सी मुस्‍कान तनाव को छूमंतर कर सकती है। शोध में यह बात निकलकर आयी कि मुस्‍कान तेज भागती दिल की धड़कन और अनुभव स्‍तर को नियंत्रित करती है। भले ही उस समय आप वास्‍तव में खुश महसूस कर रहे हों या नहीं। तो, बजाय इसके कि आप मुस्‍कुराने के लिए किसी खुशी का इंतजार करें, मुस्‍कुरायें... खुशी खुद-ब-खुद चलकर आपके पास आ जाएगी। याद रखिये खुश रहने की ताकत सिर्फ आपके पास है। तो बेहतर मूड और बेहतर जीवन के लिए मुस्‍कुराइये...

 

 

जीवन करे लंबा

मुस्‍कुराहट न सिर्फ आपकी जिंदगी को बेहतर बनाती है, बल्कि उसे लंबा भी करती है। वेन स्‍टेट यूनिवर्सिटी का शोध बताता है कि मुस्‍कुराना आपकी जिंदगी में कुछ बरस जोड़ सकता है। 1952 में बेसबॉल खिलाडि़यों पर एक शोध किया गया। इसमें देखा गया कि सिर पर गेंद लगने के बाद जो खिलाड़ी मुस्‍कुराते थे, उनकी औसत उम्र 79.9 वर्ष रही। यह अमेरिका की कुल राष्‍ट्रीय आयु से दो वर्ष अधिक थी। वे खिलाड़ी अपनी तस्‍वीरों में भी बिलकुल ही नहीं मुस्‍कुराते थे, उनकी औसत आयु 72.9 वर्ष रही। यह उम्र मुस्‍कुराने वाले खिलाडि़यों से सात वर्ष कम थी। इतना ही नहीं एक अन्‍य शोध में यह बात भी सामने आयी है कि मुस्‍कुराने से आपका दिल बेहतर काम करने लगता है। तनाव के दौरान अथवा तनावपूर्ण वातावरण में मुस्‍कुराना आपके हृदय को स्‍वस्‍थ रखता है। तो, अपने दिल की बेहतर सेहत के लिए आहार, व्‍यायाम और नींद के साथ मुस्‍कान को भी जोड़ लीजिये। इससे आप न केवल लंबा जीवन जियेंगे, बल्कि आपका जीवन स्‍वस्‍थ भी रहेगा।

 

 

किसी और का दिन होगा बेहतर

मदर टेरेसा ने कहा, 'जब आप किसी को मुस्‍कुराकर देखते हैं, तो यह उस इनसान के लिए किसी खूबसूरत तोहफे से कम नहीं होता'। कितना सही कहा था उन्‍होंने। एक ह्यूलेट पैक्‍अर्ड की ओर से किये गए एक शोध में कहा गया कि किसी मुस्‍कुराते चेहरे को देखना आपके दिल और दिमाग को उत्‍तेजित कर देता है। यह उत्‍तेजना चॉकलेट खाने, सेक्‍स करने और धन हासिल करने से भी अधिक होती है। जरा सोचिये, किसी छोटे बच्‍चे को मुस्‍कुराते देखने से सुखद भला और क्‍या हो सकता है। और तो और हंसी तो संक्रामक होती है। आप मुस्‍कुराकर देखिये सामने वाला भी अपने चेहरे की मांसपेशियों को फैलने से नहीं रोक पायेगा। 

 

स्‍कैनडिनविअन जर्नल ऑफ साइकोलॉजी में छपे एक शोध में कहा कि मिमिक्री देखना या करने से हमारे आसपास जो भावनात्‍मक वातावरण तैयार होता है, उससे बच पाना संभव नहीं। ऐसा संभव नहीं है कि आपके साथ बैठे किसी व्‍यक्ति की हंसी के छींटे आप तक न आएं।

 

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आपका रिश्‍ता होगा मजबूत

मुस्‍कुराने वाले लोगों का शादीशुदा जीवन अधिक खुशनुमा और मजबूत होता है। 2001 में केलटनर और हारकेर ने ईयरबुक फोटो में महिलाओं की मुस्‍कान का आकलन किया। उन्‍होंने पाया कि जिन महिलाओं की मुस्‍कान अधिक प्रभावी थी, वे 52 वर्ष की उम्र में अपने वैवाहिक जीवन से अधिक संतुष्‍ट थीं। इसी प्रकार का एक शोध वर्ष 2009 में किया गया, जिसमें मुस्‍कान और तलाक दर के बीच के संबंधों की विवेचना की गयी। इसमें पाया गया कि कम मुस्‍कुराने वालों या बिलकुल न मुस्‍कुराने वालों में तलाक का अंदेशा पांच गुना अधिक था। तो, आखिर मुस्‍कुराने का शादीशुदा जिंदगी से क्‍या लेना-देना है ? ज्‍यादा मुस्‍कुराने वाले लोग अधिक आशावान, खुशनुमा और भावनात्‍मक रूप से अधिक स्थिर होते हैं। जिससे उनका रिश्‍ता अधिक मजबूत बनता है।

 

लोगों का आपको देखने के नजरिये में आता है बदलाव

जो लोग अधिक मुस्‍कुराते हैं, उन्‍हें आमतौर पर अपने साथियों के मुकबले अधिक विश्‍वसनीय, गंभीर, सामाजिक और प्रतिस्‍पर्धी माना जाता है। इसके साथ ही ऑर्बिट की ओर से कराये कराए गए एक शोध में कहा गया कि 70 फीसदी लोगों को महिलायें मेकअप के स्‍थान पर मुस्‍कुराते हुए अधिक आकर्षक लगीं।



तो, चाहे आप तनाव कम करना चाहते हैं, अपना रिश्‍ता मजबूत करना चाहते हैं, या फिर खुशियां बांटना चाहते हैं, तो बस मुस्‍कुराइये। मुस्‍कुराहट कई लक्ष्‍यों को हासिल करने का जरिया है। और तो और, यह फ्री है, और आप इसे कभी भी हासिल कर सकते हैं। तो, इंतजार किस बात का... मुस्‍कुराइये....

 

Image Courtesy- Getty Images

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