
रेडियोएक्टिव पदार्थों के विखंडन से अल्फा, बीटा और गामा किरणें निकलती हैं। ये किरणें शरीर पर खासे दुष्प्रभाव डालती हैं। हमारे घरों के आस पास भी कई रेडिएशन के कारक होते है।
रेडियोधर्मी पदार्थों से निकलने वाले मैग्नेटिक तरंगों से न केवल हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है वरन् परमाणु संयंत्रों से फैलने वाले विकिरण से गंभीर बीमारियों की आशंका दिखाई देने लगी है।यूं तो रेडिएशन को मुख्यत परमाणु संयंत्र से ही जोड़कर देखा जाता रहा है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हम रोजमर्रा की जिंदगी में कहीं ज्यादा रेडिएशन झेल रहे हैं।
घरों मे विकिरण के स्रोत
मोबाइल, माइक्रोवेव, सिगरेट, सीटी स्कैन, वॉशिंग मशीन, डिश वॉशर, वैक्यूम क्लीनर, लैपटॉप से लेकर साधारण से दिखने वाले हेयर ड्रायर से भी इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक तरंगे निकलती हैं। यहां तक कि अपने शरीर और केला खाने से भी हम विकिरण को अपने शरीर पर झेल रहे हैं। रेडिएशन यानी रेडियोधर्मी पदार्थों से निकलने वाली मैग्नेटिक तरंगों से होने वाला विकिरण है। यह विकिरण हमारे शरीर के लिए खतरनाक है। रेडिएशन के कारण रेडियोधर्मी तत्व मिट्टी पर बैठ जाते हैं और पानी में घुल जाते हैं। इसके प्रभाव वाले इलाके में पौधे नहीं पनप पाते। दुनिया में गर्मी बढ़ जाती है। अर्थात् रेडिएशन से ग्लोबल वार्मिंग की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
किस मात्रा मे रेडिएशन
वैज्ञानिक रेडिएशन की मात्रा को Millisieverts यानी mSv1 में मापते हैं। केले - .0001,डेंटल एक्स - रे - 0.005,एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र के 50 मील की दूरी के भीतर रहते हैं - 0.01 (प्रति वर्ष),लॉस एंजिल्स के लिए न्यूयॉर्क से उड़ान - 0.04,सिगरेट का एक पैक - 0.08,चेस्ट एक्स रे - 0.1
समुद्र के स्तर पर रहते हैं - 0.25 (प्रति वर्ष),मेमोग्राम - 0.3,एबडॉमिनल (पेट का) सीटी स्कैन - 14 मे रेडिएशन की मात्रा पायी जाती है।
इससे होने वाली बीमारियां
मोबाइल के रेडिएशन से कैंसर, आर्थराइटिस, अल्जाइमर और हार्ट डिसीज का खतरा बढ़ गया।रेडिएशन की लगातार ज्यादा मात्रा स्वास्थ्य को गंभीर रूप से खराब कर सकती है। इसके दुष्प्रभावों में कैंसर से लेकर तो बांझपन और गर्भपात तक होने के प्रारंभिक सबूत हैं। जिस तरह माइक्रोवेव ओवन में पकाए जाने वाले भोजन में मौजूद पानी इस विकिरण के असर से सूख जाता है, उसी तरह मोबाइल फोन का रेडिएशन खून की क्वालिटी और दिमाग की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। यही नहीं मोबाइल टॉवरों के नजदीक रहने वाली गर्भवती महिलाओं के होने वाले बच्चों पर भी रेडिएशन का गहरा असर पड़ता है। रेडिएशन के कारण सेल्स और टिश्यूज़ का विकास प्रभावित होता है और इसका सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं, नवजात और बढ़ते बच्चों पर पड़ता है।
सावधानी ही रेडिएशन का बचाव होती है।घर के बेहद नजदीक लगे मोबाइल टॉवरों से निकलने वाला रेडिएशन लोगों को बीमार बना रहा है।
Image Source- Getty Images
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