ओवेरियन कैंसर के खतरे के बारे में क्‍या कहती है आपकी उम्र

उम्र ओवेरियन कैंसर को कई तरह से प्रभावित करती है। उम्र के साथ ओवेरियन कैंसर में वृद्धि हीं नहीं होती, बल्कि कई प्रकार के जोखिम कारक महिलाओं की उम्र के साथ प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करने लगते हैं।
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ओवेरियन कैंसर के खतरे के बारे में क्‍या कहती है आपकी उम्र


ओवेरियन कैंसर के विकास और उम्र के बीच कई तरह से संबंध होता है। उम्र के साथ ओवेरियन कैंसर में वृद्धि हीं नहीं होती, बल्कि कई प्रकार के जोखिम कारक महिलाओं की उम्र के साथ प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने लगते हैं।

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बढ़ती उम्र से संबंधित जोखिक कारक

अमेरिकन कैंसर सोसायटी (एसीएस) के अनुसार, ओवेरियन कैंसर 40 वर्ष की आयु की महिलाओं में बहुत कम देखने को मिलता है। ओवेरियन कैंसर के सभी मामलों में से पचास प्रतिशत 63 प्रतिशत या उससे अधिक आयु की महिलाएं शामिल है। और सबसे अधिक मामले 55 से 64 उम्र की महिलाओं के बीच देखने को मिलते है। कैंसर के ज्‍यादातर मामले रजोनिवृत्ति तक पहुंचने वाली महिलाओं में होने की संभावना अधिक होती है। यहां उम्र के हिसाब से नए मामलों की जानकारी दी गई है।
   
आयु समूह     नए केस का प्रतिशत
20 तक             1.2 प्रतिशत  
20-34              3.7 प्रतिशत  
35-44              7.2 प्रतिशत  
45-54             18.6 प्रतिशत  
55-64             23.9 प्रतिशत
65-74             20.7 प्रतिशत
75-84             16.6 प्रतिशत
84 से ऊपर          8.1 प्रतिशत


प्रजनन क्षमता से संबंधित जोखिम कारक

जिस उम्र में महिलाएं प्रजनन क्षमता तक पहुंचती है, वह भी ओवेरियन कैंसर के विकास में एक अहम भूमिका निभाता है। पहला उम्र का पहलू मासिक धर्म से जुड़ा है। अगर आपको पीरियड्स 12 साल की उम्र से पहले होते है, तो आप थोड़ा देर से शुरू होने वाले पीरियड्स की तुलना में ओवेरियन कैंसर का खतरा अधिक होता है। इस तरह 50 के बाद रजोनिवृत्ति होने वाली महिलाओं में जल्‍द रजोनिवृत्ति होने की तुलना में कैंसर का खतरा अधिक होता है।


देर से गर्भवती होने से बढ़ता है जोखिम

दो अन्‍य कारण भी उम्र से प्रभावित होते हैं, जैसे आप पहली बार कब गर्भवती हुई और आपने कितने गर्भधारण किये। अगर आपने 26 साल से पहले बच्‍चे किये है, तो देर से बच्‍चे पैदा करने वाली महिलाओं की तुलना में आपमें ओवेररियन कैंसर का खतरा कम होता है। इसके साथ ही गर्भावस्‍था की पूरी अवधि भी जोखिम को थोड़ा कम करती है। 35 वें जन्‍मदिन के बाद पहला बच्‍चा, या बच्‍चा न होना, आपके जोखिम को बढ़ा सकता है।

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ओवेरियन कैंसर के लिए अन्य जोखिम कारक

  • आयु एक बड़ा कारक है, लेकिन यह ओवेरियन कैंसर के लिए अकेला जोखिम कारक नहीं है। पारिवारिक इतिहास भी इसमें अहम भूमिका निभाता है। अगर आपकी मां, बहन, बेटी को ओवेरियन कैंसर है तो आपमें भी इसके विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।  
  • ब्रेस्‍ट कैंसर का निदान होने पर महिलाओं में ओ‍वेरियन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। साथ ही मोटापा भी इसकी वजह है, अगर आपकी बॉडी मास इंडेक्‍स (बीएमआई) 30 या इससे अधिक है, तो भी ओवेरियन कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
  • इंफर्टिलिटी या फर्टिलिटी दवाओं के उपयोग से भी इसका खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोंन रिप्‍लेसमेंट, खासकर तब अगर आप पांच साल या उससे अधिक के लिए अकेले एस्‍ट्रोजन ले रही है।

जोखिम कारकों को कम करें

कुछ महिलाओं को विशेष जीनों बीआरसीए1 और बीआरसीए2 में परिवर्तन पारिवारिक इतिहास के कारण विरासत में मिलते हैं। इन जीन संबंधी परिवर्तनों के कारण उनमें ओवेरियन कैंसर पनपने का जोखिम काफी अधिक होता है। इन महिलाओं को ज्‍याद बार जल्दी-जल्दी स्क्रीनिंग एमआरआई कराने की जरूरत होती है। कुछ महिलाएं बाइलेटरल मास्टेक्टॉमी कराने का विकल्प चुन सकती हैं और अपने ओवरी को निकलवा सकती हैं क्योंकि यह ओवेरियन कैंसर से बचाव का सर्वश्रेष्ठ उपाय है।

Image Source : Getty

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