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महिलाओं में प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के क्या कारण होते हैं? डॉक्टर से जानें

महिलाओं के जीवन में प्रेग्नेंसी एक खास पल मना जाता है। लेकिन, कई बार कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के कारण महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। आगे जानते हैं कि महिलाओं को प्रीमेच्योर ओवेरियन फेलियर की समस्या क्यों होती है?
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महिलाओं में प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के क्या कारण होते हैं? डॉक्टर से जानें


महिलाओं को प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्या के चलते प्रेेग्नेंसी प्लान करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसमें फाइब्रोएड, पीसीओएस, सिस्ट, एंडोमेट्रियोसिस आदि को शामिल किया जाता है। ठीक इसी तरह प्रीमेच्योर ओवेरियन फेलियर या प्रीमेच्योर ओवेरियन इंसफिशिएंसी भी एक स्थिति है, जिसमें महिलाओं की गर्भधारण करने की क्षमता समय से पहले ही समाप्त हो जाती है। इसमें महिलाओं के अंडाशय (Ovaries) 40 वर्ष की आयु से पहले ठीक से काम करना बंद कर देते हैं। इस समस्या में ओवरी सही मात्रा में हार्मोन (जैसे एस्ट्रोजन) नहीं बना पाती है और ओव्यूलेशन (Egg Release) अनियमित हो जाते है या पूरी तरह बंद हो जाते हैं। इससे महिलाओं को समय से पहले मेनोपॉज जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है, जिससे महिलाओ को गर्भधारण करने में परेशानी और उनकी हेल्थ पर भी नुकसान पड़ता है। इस लेख में साईं पॉलीक्लिनीक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि प्रीमेच्योर ओवेरियन फेल्योर (POF) के मुख्य कारणों क्या होते हैं?

महिलाओं में प्रीमेच्योर ओवेरियन फेलियर के क्या कारण होते हैं? - Causes of Premature ovarian failure In Hindi

आनुवंशिक कारण (Genetic Factors)

अगर परिवार में पहले किसी महिला को प्रीमेच्योर ओवेरियन फेल्योर हुआ है, तो अगली पीढ़ी में भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ खास जेनेटिक म्यूटेशन इस स्थिति को जन्म दे सकते हैं, इसमें टर्नर सिंड्रोम (Turner Syndrome) और फ्रैजाइल X सिंड्रोम (Fragile X Syndrome) को शामिल किया जाता है।

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ऑटोइम्यून रोग (Autoimmune Disorders)

ऑटोइम्यून बीमारियों में शरीर की इम्यून सिस्टम (Immune System) गलती से अपने ही अंगों को नुकसान पहुंचान शुरू कर देती है। जब इसका प्रभाव ओवरी पर होता है, तो एग्स डैमेज होते हैं और ओवरी समय से पहले कार्य करना बंद कर सकती है। इसमें थायरॉयड डिसऑर्डर, एड्रेनल ग्लैंड डिसऑर्डर, और रुमेटॉयड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) को शामिल किया जाता है। 

कैंसर का इलाज से ओवरी को नुकसान होना (Cancer & Its Treatment)

कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी ओवरी को गंभीर रूप से डैमेज कर सकती है। यह कोशिकाओं को नष्ट कर सकती हैं, जिससे एग्स की संख्या में भारी गिरावट आ सकती है।

हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)

शरीर में हार्मोनल असंतुलन होने से भी ओवरी समय से पहले कमजोर हो सकते हैं। इसमें PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया,  एस्ट्रोजन लेवल कम होना और विषैले पदार्थों और लाइफस्टाइल फैक्टर्स को शामिल किया जा सकता है। 

संक्रमण (Infections)

कुछ वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण भी ओवरी को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे प्रीमेच्योर ओवेरियन फेलियर हो सकता है। इसमें मम्प्स, टीबी, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज को शामिल किया जाता है। 

इसे भी पढ़ें: महिलाओं में ये 5 प्रजनन (रिप्रोडक्टिव) समस्याएं हैं आम, जानें इनके लक्षण और बचाव के उपाय

प्रीमेच्योर ओवेरियन फेल्योर (POF) एक गंभीर स्थिति है, जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है। महिलाओं को प्रजनन अंगों से जुड़ी किसी भी तरह के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। साथ ही, समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


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