किसी टेस्ट से नहीं बल्कि, लड़कियां अपने पीरियड्स से जानें उन्हें इनफर्टिलिटी है या नहीं

चाहे कोई व्यक्ति कितना भी मॉर्डन क्यों न हो जाए, शादी के बाद हर कोई चाहता है कि उसे संतान सुख प्राप्त हो। वैसे तो इनफर्टिलिटी यानि माता या पिता न बनने की कमी किसी भी व्यक्ति में हो सकती है। लेकिन पुरुषों की तुलना में इनफर्टिलिटी की समस्या महिलाओं में अधिक देखी जाती है। यह समस्या आपके निजी जीवन को प्रभावित करने के साथ साथ परिवार में भी कई तरह के उतार चढ़ाव लाती है। इस समस्या के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं। 
  • SHARE
  • FOLLOW
किसी टेस्ट से नहीं बल्कि, लड़कियां अपने पीरियड्स से जानें उन्हें इनफर्टिलिटी है या नहीं


चाहे कोई व्यक्ति कितना भी मॉर्डन क्यों न हो जाए, शादी के बाद हर कोई चाहता है कि उसे संतान सुख प्राप्त हो। वैसे तो इनफर्टिलिटी यानि माता या पिता न बनने की कमी किसी भी व्यक्ति में हो सकती है। लेकिन पुरुषों की तुलना में इनफर्टिलिटी की समस्या महिलाओं में अधिक देखी जाती है। यह समस्या आपके निजी जीवन को प्रभावित करने के साथ साथ परिवार में भी कई तरह के उतार चढ़ाव लाती है। इस समस्या के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं। अगर महिलाओं की बात करें तो उनके शारीरिक अंग ही नहीं बल्कि मस्तिष्क के हार्मोंस भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनफर्टिलिटी को चेक कराने के लिए आजकल कई तकनीकी उपकारण मौजूद हैं साथ ही इसके लिए कई टेस्ट भी होते हैं। इनसे अलग आप अपनी पीरियड की साईकिल से भी अपनी फर्टिलिटी को चेक कर सकते हैं।

पीरियड्स भी बताते हैं इनफर्टिलिटी है या नहीं

डॉक्टर्स और एक्सपर्ट का मानना है कि लड़कियां अपनी पीरियड्स साईकिल से भी इनफर्टिलिटी है या नहीं चेक कर सकती हैं। यदि किसी महिला के पीरियड्स आने का अंतराल 25 से 30 दिन से ज्यादा हैं तो यह संकेत हो सकता है कि आॅव्यूलेशन नियमित नहीं हैं। माउंट सिनाई के असिस्टेंट प्रोफेसर फाहिमेह सासन ने अध्ययन के बारे में बताया कि जिनके चक्र 25 दिनों से कम रहे उनमें 27 से 29 दिनों तक रहने वालों की अपेक्षा कंसीव करने की क्षमता कम होती है। अगर आप 30 की उम्र के करीब हैं और अनियमित मासिक चक्र हैं तो यह पेरिमेनोपाॅज का संकेत हो सकता है।

सही होना चाहिए आपका वजन

लगभग 12 प्रतिशत इनफर्टिलिटी के मामले वजन को लेकर होते हैं। इसका कारण ये है कि चूंकि आपका बाॅडी फैट एस्ट्रोजेन प्रोड्यूस करता है, तो ज्यादा वजन या बहुत कम वजन आपके सामान्या आॅव्यूलेशन में बाधा डाल सकता है।

एक्सरसाइज का क्या महत्व है

रिसर्च में सामने आया है कि ब्रिस्क वाॅकिंग अच्छी फर्टिलिटी से जुड़ी होती है। पसीना बहाओ लेकिन बहुत ज्यादा नहीं। बोस्टन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पाया गया कि सप्ताह में चार घंटे रनिंग या एरोबिक्स जैसी गतिविधि करने वाली सामान्य वजनी महिला का इन गतिविधियों को न करने वालों की तुलना में प्रेगनेंट होने की संभावना 47 प्रतिशत कम होती है। अगर आप ज्याद वर्कआउट करते हैं तो आपका शरीर इन गतिविधियों को गंभीर तनाव या ऊर्जा की कमी के रूप में लेता है और प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है।

पिल्स लेना चाहिए या नहीं?

बोस्टन यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक ओरल काॅन्ट्रासेप्टिव्स महिलाओं की फर्टिलिटी को नुकसान नहीं पहुंचाती बल्कि इसका लगातार उपयोग फर्टिलिटी में लाभ भी पहुंचाता है। महिलाएं जो चार साल से ज्यादा समय से पिल्स ले रही थीं, उनके प्रेगनेंट होने की अधिक संभावना थी बजाए उन महिलाओं के जिन्होंने केवल दो सालों से कम समय तक पिल्स ली। अध्ययन के मुताबिक ये पिल आॅव्यूलेशन को रोकता है जो कि कुछ एग सप्लाई को प्रिजर्व करने में मदद करता है।

जेनेटिक भी हो सकता है मामला

अगर आपकी मम्मी को मेनोपाॅज जल्दी या देर से हुआ है तो संभावना है कि आपका भी होगा। पूरी फर्टिलिटी जीन से भी जुड़ी हो सकती है। कुछ संबंधित स्थितियों जैसे फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस इनहेरिटेड हो सकते हैं।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Women Health In Hindi

Read Next

महिलाओं में खतरनाक रोग है सर्वाइकल इरोज़न, बार-बार पेशाब जाना भी है इसका लक्षण

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version