महिलाओं में खतरनाक रोग है सर्वाइकल इरोज़न, बार-बार पेशाब जाना भी है इसका लक्षण

सर्वाइकल इरोज़न यानि कि गर्भाशय ग्रीवा महिलाओं से संबंधित एक ऐसा रोग है जिसके लक्षण बहुत साइलेंट होते हैं। यानि कि इस रोग के होने के बाद भी महिलाओं को को यह पता ही नहीं चलता कि वह सर्वाइकल इरोजन यानि कि गर्भाशय ग्रीवा से पीड़ित हैं। वैसे तो यह एक संक्रमित रोग है जो अक्सर संबंध बनाने से फैलता है। लेकिन इसके होने के और भी कई कारण हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि गर्भाशय ग्रीवा शोथ, क्‍लाइमायडिया अथवा गोनोरहा जैसे यौन संचारित संक्रमणों के कारण हो सकता है।
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महिलाओं में खतरनाक रोग है सर्वाइकल इरोज़न, बार-बार पेशाब जाना भी है इसका लक्षण


सर्वाइकल इरोज़न यानि कि गर्भाशय ग्रीवा महिलाओं से संबंधित एक ऐसा रोग है जिसके लक्षण बहुत साइलेंट होते हैं। यानि कि इस रोग के होने के बाद भी महिलाओं को को यह पता ही नहीं चलता कि वह सर्वाइकल इरोजन यानि कि गर्भाशय ग्रीवा से पीड़ित हैं। वैसे तो यह एक संक्रमित रोग है जो अक्सर संबंध बनाने से फैलता है। लेकिन इसके होने के और भी कई कारण हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि गर्भाशय ग्रीवा शोथ, क्‍लाइमायडिया अथवा गोनोरहा जैसे यौन संचारित संक्रमणों के कारण हो सकता है। इस रोग के होने पर महिलाओं के प्राईवेट पार्ट में सूजन भी आ जाती है। गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाश्‍य के अंत में निचले हिस्‍से में स्थित संकरी सी ग्रीवा होती है, जो योनि में जाकर खुलती है। अगर इसके लक्षणों की बात करें तो उनमें मासिक धर्म के दौरान असामान्‍य रक्‍त स्राव का होना और प्राईवेट पार्ट से निकलने वाले स्राव में बदलाव आना सबसे महत्वपूर्ण हैं। इस रोग के होने पर बार बार पेशाब आने की समस्या भी होती है।

किन कारणों से होता है सर्वाइकल इरोजन

सर्वाइकल इरोजन या गर्भाशय ग्रीवा में दो प्रकार की सेल्स होती हैं। जिन्हें फ्लैट स्किन सेल्स और ग्‍लैंडुलर सेल्स कहते हैं। योनिशोथ के लिए जो तत्‍व उत्तरदायी होते हैं, वही गर्भाशयशोथ के लिए भी उत्तरदायी होते हैं। गर्भाशय ग्रीवा बैक्‍टीरिया और वायरस को गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकती है। जब गर्भाशय ग्रीवा संक्रमित हो जाती है, तो इससे संक्रमण के योनि तक पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर गर्भाशय ग्रीवा शोथ बैक्‍टीरियल और वायरल संक्रमण द्वारा होता है। यह संक्रमण यौन संबंधों द्वारा फैलते हैं। गर्भाशय ग्रीवा शोथ गोनोरेहा और क्‍लाइमायडिया जैसे यौन संक्रमणों द्वारा हो सकता है। इस बात के कोई साक्ष्‍य नहीं मिले हैं कि ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी), जो एक और यौन संचारित संक्रमण है, गर्भाशय ग्रीवाशोथ का कारण हो सकता है।

कई बार एलर्जिक रिएक्‍शन से भी यह समस्‍या हो सकती है। यह संक्रमण गर्भनिरोधक गोलियों, शुक्राणुनाशकों और कण्‍डोम में मौजूद लेटेक्‍स के कारण हो सकता है। बैक्‍टीरिया का अधिक बढ़ना भी इसका एक सम्‍भावित कारण है। योनि में आमतौर पर मौजूद रहने वाले बैक्‍टीरिया भी यदि आवश्‍यकता से अधिक बढ़ जाएं, तो इसके कारण भी गर्भाशय ग्रीवा शोथ हो सकता है।

क्या हैं इसके लक्षण

  • योनि से असामान्‍य स्राव
  • योनि से सामान्‍य से अधिक स्राव होना। यह स्राव सलेटी और पीले रंग का होता है। यह स्राव पस की तरह होता है, जिसमें कभी-कभार दुर्गंध आती है।
  • बार-बार पेशाब जाना और पेशाब के साथ दर्द होना
  • संभोग के दौरान दर्द होना
  • मासिक धर्म के दौरान अथवा मेनोपॉज के दौरान संभोग के दौरान योनि से रक्‍त स्राव होना।  

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डॉक्‍टर से कब संपर्क करें

  • योनि से नियमित असामान्‍य स्राव होने पर
  • यदि मासिक धर्म के बिना भी योनि से रक्‍त स्राव हो
  • संभोग के दौरान दर्द होने पर 
  • गर्भाशय ग्रीवा शोथ के आमतौर पर कोई लक्षण और संकेत नजर नहीं आते। और यह एक सामान्‍य पेप टेस्‍ट से ही सामने आ सकता है। तो, अच्‍छा रहेगा कि आप श्रोणिक (पेल्विक) की नियमित जांच और पेप टेस्‍ट करवाती रहें।

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