कुछ लोग फुल क्रीम दूध (होल फैट मिल्क) पीने से परहेज़ करते हैं। इसके उनके अलग अलग कारण हो सकते हैं : कुछ लोग लैक्टोस इंटोलेरेंट होते हैं तो कुछ लोग नहीं चाहते कि फुल क्रीम दूध की वजह से उनका वजन बढ़े। बचपन से लेकर आज तक आपने दूध पीने के बहुत लाभों के बारे में सुना होगा। सबसे बड़ा लाभ है कैल्शियम। कैल्शियम हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। लेकिन फुल क्रीम दूध में अधिक फैट होता है। इसलिए वजन कम करने वाले लोग अक्सर इसे नहीं पीते हैं या लो फैट मिल्क का विकल्प चुनते हैं। अगर आप भी इस दुविधा में हैं कि क्या आपको फुल क्रीम दूध (होल फैट मिल्क) पीना चाहिए या वजन कम करने के लिए इसे छोड़ देना चाहिए तो इसका साधारण सा जवाब है : हां, आपको फुल क्रीम दूध अवश्य पीना चाहिए।
आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल डाइटिशियन अनुजा गौर के अनुसार फुल क्रीम दूध में विटामिन ए, बी, सी, डी और ई साथ में पोटेशियम होता है। जब दूध में से फैट की कुछ मात्रा कम की जाती है तो उस दूध से विटामिन ए, विटामिन बी12 और डी भी निकल जाते हैं। यही नहीं दिल को स्वस्थ रखने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड की भी मात्रा घट जाती है। जो हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।
1. फुल क्रीम दूध (होल फैट मिल्क) मिल्क में पौष्टिक तत्त्व मात्रा
दूध में काफी आवश्यक तत्त्व जैसे विटामिन ए, ई, डी और सी, कैल्शियम, पोटेशियम आदि होते हैं। अगर आप लो फैट मिल्क का चुनाव करते हैं तो उसमें होल फैट मिल्क के मुकाबले काफी कम मात्रा में यह पौष्टिक तत्त्व पाए जाते हैं। लो फैट मिल्क में अधिकतर फैट हटा दिया जाता है और उसके साथ ही बहुत से जरूरी तत्त्व भी दूध से निकल जाते हैं। इसलिए अगर आप होल फैट मिल्क पीते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए अधिक बेहतर होगा।
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2. फुल क्रीम दूध (होल फैट मिल्क) से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की चिंता
दूध में सैचुरेटेड फैट होते हैं जोकि कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ाते हैं और हृदय रोगों से भी जुड़े हुए हैं। होल फैट मिल्क में 3.5% फैट, लो फैट मिल्क में 1% फैट और स्किम्ड मिल्क में केवल 0.5% फैट होते हैं। इसलिए ज्यादातर लोग स्किम्ड और लो फैट दूध पीना ही अधिक पसंद करते हैं। लेकिन अगर आप होल फैट मिल्क भी पीते हैं तो इसके नकारत्मक परिणामों को साबित करने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं। इसलिए पूरी तरह से यह नहीं कहा जा सकता है कि फुल क्रीम दूध (होल फैट मिल्क) से आपको हृदय रोग हो सकते हैं।
3. मेटाबॉलिक सिंड्रोम का रिस्क होता है कम
होल फैट मिल्क में विटामिन और मिनरल काफी अधिक होते हैं और इसका सेवन करने से आपका मेटाबॉलिक सिंड्रोम का रिस्क कम हो सकता है। अगर आप होल फैट मिल्क पीते हैं तो इससे आपका इंसुलिन रेजिस्टेंस का रिस्क भी कम होता है। इससे आपका मोटापा बढ़ने का खतरा भी कम होता है। सुरक्षित रहने के लिए एक दिन में केवल एक गिलास दूध का ही सेवन करें। अगर आप किसी ऐसे शेक या स्मूदी का सेवन कर रहे हैं जिसमें दूध शामिल होता है। तो आपको केवल एक गिलास का ध्यान रखना चाहिए।
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4. विटामिन डी की कमी होती है पूरी
होल मिल्क आपकी हड्डियों के लिए ज्यादा लाभदायक होता है क्योंकि इसमें कैल्शियम के साथ साथ विटामिन डी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। आजकल विटामिन डी की कमी बहुत देखने को मिल रही है। इसलिए आपको ऐसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए जिनमें विटामिन डी मौजूद हो। अगर आप सीमित मात्रा में फुल क्रीम दूध (होल फैट मिल्क) का सेवन करेंगे तो इससे आप को कोई हानि नहीं पहुंचने वाली।
फुल क्रीम दूध (होल फैट मिल्क) में काफी सारे अच्छे गुण होते हैं लेकिन इसमें अधिक फैट और कैलोरीज़ होते हैं। इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता है। इसलिए आप को रोजाना इसकी मात्रा का जरूर ध्यान रखना चाहिए। जब तक आप इसका सेवन सीमा में कर रहे हैं तब तक आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचने वाले हैं।
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