जिन लोगों को मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) होता है उनको हार्ट अटैक और स्ट्रोक (Stroke) आने का रिस्क दो गुना बढ़ जाता है। अगर आप इस स्थिति को बिना ठीक करवाए ऐसे ही छोड़ देते हैं तो खतरा दिनोंदिन बढ़ता जाता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर (High BP) अधिक रहता है, आपकी ब्लड शुगर लेवल अधिक रहता है या आपका पेट भी बाहर निकला जा रहा है तो समझें आपको अपनी डाइट में बदलाव करने की बहुत जरूरत है। खासकर कि जब आपको मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) हो। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल की डायटीशियन डॉक्टर अदिति शर्मा का कहना है कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति होती है जो कई बीमारियों को एक साथ ले कर आती है। इस स्थिति में आपका हृदय रोगों का खतरा (Heart Risk) बढ़ता है, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ता है। आमतौर पर मेटाबॉलिक सिंड्रोम का शिकार वो लोग होते हैं, जो बहुत खराब लाइफस्टाइल जी रहे होते हैं। यही कारण है कि आज के समय में इस समस्या के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में जरूरत होती है कि आप अपनी डाइट और लाइफस्टाइल को बदलें।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम का कारण (Causes of Metabolic Syndrome)
मेटाबॉलिक सिंड्रोम का पहला और मुख्य कारण इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है और यह आपको डायबिटीज की ओर भी धकेलता है। अगर आपका पेट बड़ा हो रहा है तो यह एक इंसुलिन रेजिस्टेंस का भी लक्षण हो सकता है। अगर आपको इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है तो इससे आपकी ब्लड वेसल में भी इंफ्लेमेशन होने लग जाता है। जिससे आपका हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है।
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मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लिए डाइट (Metabolic Syndrome Diet Tips)
कार्ब्स को मेटाबोलाइज होने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है। अगर आप ब्रेड का एक छोटा सा टुकड़ा भी खाते हैं तो आपकी इंसुलिन की आवश्यकता बढ़ती है और इससे शरीर को फैट रोकने का एक सिग्नल मिलता है। इसलिए आपको लो कार्ब डाइट का ही सेवन करना चाहिए।
- आप लीन मीट और लो कार्ब फल जैसे बैरी और खरबूजा खा सकते हैं। इससे आपको वजन कम करने में मदद मिलती है।
- हॉट डॉग, बैकन, रेडमीट हाई सोडियम डाइट खाने से बचें।
- प्रोसैस्ड फूड, फास्ट फूड, रिफाइंड कार्ब्स, एडिड शुगर यह आपकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होते हैं।
- मेडिटेरियन डाइट लें जो कि फलों, सब्जियों व ऑलिव ऑयल और सी फूड से युक्त हो
- हरी सब्जियों का सेवन करें जैसे कि ब्रोकली केल ,सलाद। साथ में फाइबर युक्त डाइट, बींस, चने और दालें भी अपनी डाइट में शामिल करें।

- फल विटामिंस और मिनरल्स का एक अच्छा स्रोत होते हैं इनमें नेचुरल शुगर होती है इसलिए इनको अपनी डाइट में शामिल करें खासकर कि रसभरी, ब्लैकबेरी, नाशपाती आदि।
- ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त डाइट और होल ग्रेंस भी आप शामिल करें।
- कीटो डाइट भी मेटाबॉलिक सिंड्रोम में फायदेमंद है।
- किसी भी प्रकार का सोडा युक्त पेय आपको नुकसान कर सकता है। उसमें शुगर की भी अत्यधिक मात्रा होती है। इसलिए उसके सेवन से बचें।
एक्सरसाइज जरूर करें (Exercise Regularly)
- अगर आप एक मेटाबॉलिक सिंड्रोम के मरीज हैं तो आपको रोजाना कम से कम आधे घंटे तक तो एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।
- आपको हफ्ते में 5 दिन तो एक्सरसाइज करनी ही चाहिए और कोशिश करें कि दो दिन वेट लिफ्टिंग भी जरूर करें।
- 10 किलो के डम्बल भी आप ले सकते हैं।
- अगर आपका वजन कम होगा तो ही आपका ब्लड प्रेशर लेवल और आप का ब्लड शुगर लेवल कम होगा।
- इससे आप के बॉडी लिपिड लेवल सामान्य होने शुरू हो जायेंगे और ऐसे ही धीरे धीरे समय के साथ साथ आपका मेटाबॉलिक सिंड्रोम गायब होना शुरू हो जायेगा।
- आप केवल इन दो चीजों को ही पहले अपने लाइफस्टाइल में शुरू करें और कुछ दिनों बाद आप भारी बदलाव देख पाएंगे।
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अगर आप समय रहते ही अपने लाइफस्टाइल को नहीं सुधारते हैं तो आपको काफी भरी मात्रा में नुकसान हो सकता है। आप इस नुकसान के बारे में इतनी सारी बीमारियों को एक साथ अपने शरीर में महसूस करके ही इसका अंदाजा लगा सकते है ।
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