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आयुर्वेद के अनुसार इन 9 फूड्स को खा सकते हैं कच्चा, जानें सेहत को होने वाले फायदे

आयुर्वेद के अनुसार, कई ऐसे कच्चे फूड्स हैं, जिनका सेवन शरीर को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेहद लाभकारी हो सकता है।
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आयुर्वेद के अनुसार इन 9 फूड्स को खा सकते हैं कच्चा, जानें सेहत को होने वाले फायदे


आयुर्वेद में ऋतुचर्या का विशेष महत्व है, जिसमें मौसम के अनुसार लाइफस्टाइल, खान-पान और दिनचर्या में बदलावों के बारे में बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार, मौसम में बदलाव का सीधा प्रभाव हमारे शरीर और मन पर पड़ता है और इस बदलाव से संतुलन बनाए रखने के लिए ऋतुचर्या का पालन करना जरूरी होता है। दरअसल, ऋतुचर्या का आधार यह है कि मौसम के बदलाव के साथ हमारे शरीर के दोषों वात, पित्त और कफ पर भी प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, सर्दियों में कफ दोष बढ़ता है, जबकि गर्मियों में पित्त दोष हावी रहता है। इसलिए, आयुर्वेद प्रत्येक ऋतु में खान-पान और दिनचर्या को दोषों के संतुलन के अनुसार बदलने की सलाह देता है। कच्चे फूड्स का सेवन शरीर में तीन दोषों वात, पित्त और कफ का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

कच्चे फल, सब्जियां और जड़ी-बूटियों का सेवन विशेष रूप से गर्मियों और बदलते मौसम में किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह शरीर को ठंडक और ताजगी प्रदान करते हैं और इम्यूनिटी को भी बढ़ाते हैं। इसके अलावा, कच्चे फूड्स शरीर को डिटॉक्स करने और विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने का काम करते हैं, जिससे त्वचा साफ होती है। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानिए, आयुर्वेद के अनुसार किन-किन फूड्स को कच्चा खा सकते हैं।

1. प्याज

कच्चे प्याज का सेवन पाचन को बेहतर बनाता है और शरीर में गर्मी को संतुलित करता है। इसके एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। कच्चा प्याज सलाद में या चटनी के रूप में खाया जा सकता है।

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2. अदरक

अदरक का कच्चा सेवन पेट की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। यह पाचन को तेज करता है और शरीर में मौजूद विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है। अदरक का टुकड़ा खाने से भूख बढ़ती है और सर्दी-खांसी से राहत मिलती है। 

3. तुलसी

तुलसी के पत्ते सीधे कच्चे खाए जा सकते हैं। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। आयुर्वेद में तुलसी को पवित्र और औषधीय पौधा माना जाता है, जो सर्दी-जुकाम से लेकर तनाव तक में राहत देता है।

4. लहसुन

लहसुन का कच्चा सेवन शरीर में गर्मी पैदा करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है। आयुर्वेद में लहसुन को रोगनाशक और शक्तिवर्धक माना गया है। कच्चा लहसुन नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में रक्त संचार सही रहता है। हालांकि, लहसुन का सबसे ज्यादा लाभ इसे घी में भूनकर खाने से मिलता है।

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5. मूली

मूली का कच्चा सेवन पाचन के लिए फायदेमंद होता है। यह फाइबर से भरपूर होती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देती है। मूली का सलाद के रूप में सेवन किया जा सकता है।

6. गाजर

गाजर विटामिन-ए से भरपूर होती है, जो आंखों की रोशनी के लिए बेहद फायदेमंद है। यह त्वचा को भी बेहतर बनाता है और इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। गाजर का सलाद या जूस के रूप में सेवन करने से शरीर में एनर्जी बनी रहती है।

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7. अजवाइन

अजवाइन के कच्चे बीज पेट की समस्याओं जैसे गैस, अपच और एसिडिटी से राहत दिलाने में मदद करते हैं। आयुर्वेद में अजवाइन को गर्म और उत्तेजक माना जाता है, जो पाचन को सुधारने में सहायक होती है। एक छोटी चम्मच कच्ची अजवाइन खाने से पेट के दर्द में तुरंत आराम मिलता है।

8. धनिया

धनिया के पत्तों का कच्चा सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह पेट की गर्मी को शांत करता है और अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करता है। धनिया का रस या पत्तों का सलाद के रूप में सेवन करना लाभकारी होता है।

9. मोरिंगा

मोरिंगा के पत्तों का कच्चा सेवन इम्यूनिटी को मजबूत करने और शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक होता है। इसमें विटामिन-सी और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। आयुर्वेद में मोरिंगा को सुपरफूड माना गया है।

निष्कर्ष

कच्चे फूड्स आयुर्वेद के अनुसार शरीर को शुद्ध और स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इनके सेवन से शरीर को प्राकृतिक पोषक तत्व मिलते हैं जो पाचन को बेहतर बनाने और रोगों से लड़ने में सहायक होते हैं। हालांकि, कुछ फूड्स के सेवन में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है ताकि शरीर में ज्यादा गर्मी या ठंडक न हो। 

All Images Credit- Freepik

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