फिट रहने और वजन कम करने के लिए लोग तरह-तरह की डाइट अपनाते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें 39 वर्षीय फूड इंफ्लुएंसर पर स्ट्रिक्ट डाइटिंग करना भारी पड़ गया। दरअसल, रशिया की मशहूर फूड इंफ्लुएंसर, झन्ना सैमसोनोवा की भूख के कारण 21 जुलाई को मौत हो गई। वे पिछले कई सालों से कच्चा खाना यानि रॉ वीगन डाइट ही ले रही थीं। वे डाइट में सूरजमुखी के अंकुरित बीज, फल और कच्ची सब्जियों का ही सेवन करती थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केवलल लंबे समय से फलाहार पर निर्भर रहने से उनकी मौत हो गई। हालांकि, अब तक इसपर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
शारीरिक रूप से आ गई थी कमजोरी
झन्ना की मां और उनके दोस्त के मुताबिक उनका स्वास्थ्य केवल शाकाहारी कच्चा खाना खाने के चलते कुपोषण की वजह से खराब हुआ। उन्हें शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस होने लगी थी। रिपोर्ट के मुताबिक झन्ना के दोस्त उनसे कुछ महीने पहले श्रीलंका में मिले थे। उन्होंने बताया कि झन्ना के पैरों में सूजन थी और वे काफी सुस्त और थकी हुई रहती थीं, जिसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया था।
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लंबे समय से फॉलो कर रही थीं डाइट
झन्ना खुद को फिट रखने के लिए लंबे समय से इस डाइट को फॉलो कर रही थीं। वे सोशल मीडिया पर अक्सर लोगों को भी शाकाहारी खाना खाने की सलाह देती थीं। वे चाहती थीं कि लोग उनकी इस डाइट को फॉलो करें। रॉ वीगन डाइट पर हुई एक रिसर्च के मुताबितक इसका सख्ती से पालन करना शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
रॉ वीगन डाइट के नुकसान
इस विषय पर विस्तार से जानने के लिए हमने तबाता फिटनेस की मैनेजर, न्यूट्रिशनिस्ट और फिटनेस एक्सपर्ट पायल अस्थाना से बातचीत की। उन्होंने बताया कि यह डाइट सभी के लिए नहीं है। इससे शरीर को कई नुकसान भी हो सकते हैं। इसे लंबे समय तक खाने से शरीर में विटामिन बी 12 की कमी हो सकती है। इस डाइट को बनाते समय सब्जियों और फलों को नहीं धोने से पेट में बैक्टीरिया पनप सकते हैं। अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है तो इसे खाना नुकसानदायक साबित हो सकता है।