केमिकल के संपर्क से जल्‍द मेनोपॉज की संभावना अधिक

अमेरिका के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन द्वारा किये गये शोध की मानें तो सामान्‍य केमिकल के संपर्क में आने से महिलाओं में समय से पहले मेनोपॉज की संभावना 6 गुना अधिक हो रही है।
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केमिकल के संपर्क से जल्‍द मेनोपॉज की संभावना अधिक


मेनोपॉज होना कोई समस्‍या नहीं है, यह हर महिला के जीवन में घटने वाली एक शारीरिक स्थिति है। अधिकांश महिलाओं को 45-50 वर्ष की उम्र में पीरियड्स बंद हो जाता है। इस अवस्था को मेनोपॉज कहते हैं। लेकिन कुछ महिलाओं को इस समय से पहले भी मेनोपॉज हो जाता है। कई केमिकल के संपर्क में आने के कारण यह समस्‍या होती है। एक शोध की मानें तो 15 केमिकल ऐसे हैं जो महिलाओं की एंडोक्राइन ग्रंथि को प्रभावित करते हैं। इस लेख में विस्‍तार से जानिये कि कैसे सामान्‍य केमिकल के संपर्क में आने से महिलाओं में पहले मेनोपाज की समस्‍या होती है।
Menopause in Hindi

शोध के अनुसार

अमेरिका के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन की मानें तो कई ऐसे सामान्‍य केमिकल ऐसे हैं, जिनके संपर्क में आने से 45-50 साल के पहले ही अमेरिकी महिलायें मेनोपॉज की स्थिति में पहुंच रही हैं, इन केमिकल के संपर्क में रहने से यह जल्‍द मेनोपॉज की संभावना 6 गुना अधिक हो रही है। ये केमिकल प्‍लास्टिक, सौंदर्य उत्‍पादों और रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग की जानें वाली वस्‍तुओं के संपर्क में आने से हो रहा है।

रक्‍त और खून की जांच से पता चला

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन ने इसके लिए महिलाओं के खून और यूरीन की जांच की। इस जांच में ऐसे 111 केमिकल की पहचान की गई जिसके संपर्क में आने से महिलाओं में हार्मोन का उत्‍पादन प्रभावित हुआ। हालांकि इससे पहले हुए शोधों में भी केमिकल और मेनोपॉज के संबंधों में आशंका जताई गई थी, लेकिन इस शोध में यह बात साबित हुई, कि इन दोनों के बीच गहरा संबंध है।

कैसे होता है प्रभाव

इस शोध में यह बात सामने आयी कि इन केमिकल के संपर्क में आने से डिंबग्रंथि की प्रतिक्रिया पूरी तरह प्रभावित होती है, इसके कारण बांझपन के साथ दूसरी समस्‍यायें जैसे - दिल की बमारियां, ऑस्टियोपोरोसिस और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें भी होने लगती हैं। इसके अलावा इन केमिकल के कारण कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है। अगर बच्‍चे इसके संपर्क में आयें तो इनके कारण यौवन भी समय पूर्व आ जाता है।

सावधानी बरतें

अगर हम नियमित दिनचर्या में थोड़ी सावधानी बरत लें और खानपान के साथ नियमित प्रयोग की वस्‍तुओं के बारे में ध्‍यान दें तो इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। डिब्‍बाबंद आहार का सेवन करने से बचें, प्‍ला‍स्टिक के बॉटल में पानी न पियें, माइक्रोवेव का सही प्रयोग करें, सौंदर्य उत्‍पादों का प्रयोग करते वक्‍त सावधानी बरतें आदि।

Early Menopause in Hindi
मेनोपॉज और समस्‍यायें

मेनोपॉज के कारण महिलाओं को कई प्रकार की समस्‍यायें हो सकती हैं। इसके कारण शरीर में जलन, नींद न आना, दिल का तेजी से धड़कना, इमोशनल बदलाव, घबराहट, स्मरण शक्ति कमजोर होना आदि मेनोपॉज के दौरान होने वाली आप परेशानियां हैं। इनके अलावा झुर्रियों का आना, बालों का रंग सफेद होना और झड़ना, वजन बढ़ना और थकान होना भी प्रमुख समस्‍यायें होती हैं।

इसलिए नियमित व्‍यायाम करें, खानपान में विशेष सावधानी बरतें, ताजी और हरी सब्जियों का प्रयोग करें, सोने से पहले मेकअप हटा लें, इसके अलावा नियमित रूप से चिकित्‍सक से जांच करायें।

 

Image Source - Getty

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