हाल ही में रिलीज हुई अजय देवगन की फिल्म ‘Drishyam 2’ में एपिलेप्सी की बीमारी को दिखाया गया है। फिल्म में विजय की भूमिका निभा रहे अजय देवगन की बड़ी बेटी अंजू को मिर्गी या एपिलेप्सी की बीमारी होती है। इस बीमारी में मरीज को दौरे पड़ते हैं, जिसकी झलक फिल्म में भी देखने को मिली है। ये तो रही रील लाइफ की बात, लेकिन रियल लाइफ में दंगल फिल्म की एक्ट्रेस फातिमा सना शेख को भी मिर्गी की बीमारी है। हाल ही में उन्होंने खुलासा किया कि दंगल फिल्म की शूटिंग के दौरान ही उन्हें मिर्गी से पीड़ित होने का पता चला। मिर्गी या एपिलेप्सी एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इस बीमारी में दिमागी संतुलन खो देने के कारण मरीज को बार-बार दौरे पड़ते हैं। मिर्गी को लेकर लोगों के मन में कई भ्रम भी हैं। इस लेख में हम मिर्गी की बीमारी से जुड़े 5 तथ्य जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. मिर्गी कोई संक्रामक बीमारी नहीं है
कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि छूने से मिर्गी फैलता है। मिर्गी मरीज के आसपास रहने से किसी अन्य व्यक्ति को इस बीमारी का असर नहीं होता। लोग मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति से दूरी बना लेते हैं लेकिन ये सही नहीं है। ग्रामीण इलाकों में मिर्गी से जुड़ी जानकारी के अभाव में लोग इसे मंत्र-तंत्र से जोड़कर देखते हैं, लेकिन वास्तव में ये केवल एक मानसिक विकार है।
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2. मिर्गी अनुवांशिक बीमारी नहीं है
मिर्गी किसी तरह की अनुवांशिक बीमरी है। ऐसा जरूरी नहीं है किसी व्यक्ति को मिर्गी की बीमारी हो और उसके परिवार में भी किसी को ये बीमारी हो। डॉक्टरों की मानें, तो अब तक मिर्गी की बीमारी अनुवांशिक होने के मामले बहुत कम रहे हैं। मिर्गी की बीमारी होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे- मस्तिष्क का कोई असामान्य विकास, सिर में अंदरूनी चोट, गहरा सदमा या हादसा का शिकार होना आदि।
3. मिर्गी के मरीज मानसिक रूप से कमजोर नहीं होते
ये बात सही है कि मिर्गी की बीमारी दिमाग में असंतुलन के कारण होती है। लेकिन दिमाग की कोशिकाएं, कुछ समय के लिए ही प्रभावित होती हैं। मिर्गी का दौरा पड़ने के कुछ समय बाद मरीज शांत और सामान्य हो जाता है। इसका मतलब ये नहीं है कि उसे किसी तरह की मानसिक बीमारी है। न ही ये बीमारी केवल उन लोगों को होती है जो मानसिक रूप से कमजोर होते हैं।
4. मिर्गी के मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं
मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति में केवल कुछ देर के लिए बदलाव आता है। दौरा पड़ने पर व्यक्ति की सूझबूझ चली जाती है। लेकिन वो एक सामान्य जीवन जी सकते हैं। मिर्गी के मरीज को कोई भी बात ट्रिगर कर सकती है जो उससे जुड़ी हो। जैसे कोई बड़ा हादसा या घटना। लेकिन ऐसे मरीज अगर बच्चे हैं, तो वो बाकि बच्चों के साथ स्कूल जाकर पढ़ सकते हैं। ऐसे मरीज अगर एडल्ट हैं, तो वो शादी कर सकते हैं और सामान्य दिनचर्या जी सकते हैं।
5. किसी भी उम्र या व्यक्ति को हो सकती है बीमारी
मिर्गी की बीमारी किसी खास उम्र में हो ऐसा जरूरी नहीं है। छोटे शिशु से लेकर किसी बुजुर्ग तक को ये बीमारी हो सकती है। मिर्गी का रोग महिला, पुरुष या बच्चे किसी को भी हो सकता है। मिर्गी का दौरा आने पर व्यक्ति बेहोश हो जाता है। दौरा पड़ने पर उसके मुंह से झाग भी निकल सकता है।
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