शरीर को फिट और हेल्दी रखने के लिए रोजाना योगासनों का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। एक पाद उत्तानासन का अभ्यास करने से आपको पेट और पाचन तंत्र से जुड़ी परेशानियों में फायदा मिलता है। इसका अभ्यास पेट के साथ-साथ जांघ की मांसपेशियों को मजबूत और हेल्दी रखने के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर भी एक पाद उत्तानासन का अभ्यास करना उपयोगी होता है। आइए जानते हैं एक पाद उत्तानासन का अभ्यास करने के फायदे और सही तरीका।
एक पाद उत्तानासन का अभ्यास करने के फायदे (Eka Pada Uttanasana Benefits in Hindi)
पेट, पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या के अलावा एक पाद उत्तानासन का अभ्यास करने से अस्थमा की समस्या में भी फायदा मिलता है। इस योगासन के अभ्यास से फेफड़ों के डायफ्राम खुलते हैं, और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है। एक पाद उत्तानासन का रोजाना अभ्यास करने से आपको ये फायदे मिलते हैं-
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1. शरीर को लचीला और संतुलित बनाने में एक पाद उत्तानासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है।
2. अस्थमा की समस्या और सांस लेने में तकलीफ होने पर इस योगासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है।
3. थकान और तनाव कम करने में एक पाद उत्तानासन का अभ्यास बहुत उपयोगी है।
4. शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने में एक पाद उत्तानासन का अभ्यास फायदेमंद माना जाता है।
5. मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए भी एक पाद उत्तानासन का अभ्यास फायदेमंद होता है।
6. पेट और पाचन तंत्र से जुड़ी परेशानी जैसे कब्ज की समस्या, गैस आदि में इसका अभ्यास फायदेमंद है।
7. नींद से जुड़ी परेशानियों में एक पाद उत्तानासन का अभ्यास उपयोगी होता है।
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एक पाद उत्तानासन का अभ्यास कैसे करें? (Eka Pada Uttanasana Steps in Hindi)
एक पाद उत्तानासन का अभ्यास करने के लिए आप इन स्टेप्स को फॉलो करें-
- सबसे पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को समान दूरी पर रखकर खड़े हो जाएं।
- इसके बाद शरीर को नीचे झुकाते हुए दोनों हाथों को पैरों के पास ले जाएं।
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए हथेलियों को पैरों पर रखें।
- सांस छोड़ते हुए एक पैर को ऊपर उठाएं।
- इस दौरान शरीर का संतुलन बनाए रखें।
- कुछ देर इसी स्थिति में रहें और वापस सामान्य मुद्रा में आएं।
एक पाद उत्तानासन का अभ्यास करते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इस दौरान आपका पेट खाली होना चाहिए और भोजन करने के 6 घंटे के बाद तक इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिला, गठिया या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या में इस योगासन का अभ्यास करने से बचें।
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