आधुनिक जीवनशैली और भागमभाग भरी जिंदगी लोगों में तनाव को बढ़ा रही है। आलम यह है कि अब बड़े ही नहीं बल्कि उम्र के बीसवें पड़ाव पर ही कई लोग गंभीर तनाव की गिरफ्त में आने लगे हैं। यह बात ब्रिटिश मीडिया कंपनी 'इंटरटेनमेंट वन' के हालिया सर्वे में सामने आई है।
शोधकर्ताओं ने तनाव को मनस्थिति से पैदा होने वाला विकार माना है। उनके अनुसार मनस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। साथ ही कम उम्र में तनाव पैदा होने के लिए तीन वजहों को सबसे ज्यादा जिम्मेदार बताया है। इसमें अार्थिक चिंता, काम का दबाव और नींद की कमी शामिल है। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और शारीरिक व मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होती है।
विशेषज्ञों ने यह बात भी मानी है कि आज के समय में युवाओं में जितना तनाव पैदा हो रहा है, उतना किसी भी दौर में नहीं रहा है। इस वजह से कई बार युवाओं को सिगरेट, शराब और ड्रग्स की लत लग जाती है। साथ ही कम उम्र में स्ट्रेस से एक खास किस्म के हॉर्मोन की संवेदनशीलता बढ़ जाती है, जो ब्लड प्रेशर बढ़ाने के लिए कसूरवार होता है। सर्वे में शामिल अधिकांश लोगों ने माना कि दिन भर में वे कम से कम तीन बार तनावग्रस्त महसूस करते हैं।
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