कहते हैं कि व्यक्ति को अपना खान-पान अच्छा रखना चाहिए। रोज सुबह उठकर एक्सकरसाइज, जैसे, ब्रिस्कं वॉकिंग, रनिंग, जॉगिंग या स्वीमिंग करना चाहिए। इससे हार्ट फेल में कार्डिक प्रोटीन क्वॉ लिटी कंट्रोल सिस्टरम को रिस्टोखर करने में मदद मिलती है। हार्ट फेल हो जाना, एक गंभीर बीमारी है और इसका इलाज होना असंभव है।
यह सिंड्रोम, कार्डिक आउटपुट की कमी के द्वारा सामने आती है, जिससे मरीज को सांस लेने में समस्याड होने लगती है और दिल रूक जाता है व उसकी मृत्युम हो जाती है। शोधकर्ताओं ने बताया है कि हार्ट फेल हो जाने के बावजूद, यह मल्टीस-फैक्टो रियल सिंड्रोम की तरह दिखता देता है। कई अध्यययनों के द्वारा एक कॉमन प्वा,इंट को हार्ट फेल होने वाले इंसानों और जानवरों दोनों ही में कार्डिक सेल्सय में पाया गया है कि उनमें 'बैड प्रोटीन' का संचय था।
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डाइट में प्रोटीन लेना हा आवश्यक
प्रोटीन, कार्यकर्ताओं की तरह होते हैं, जो शरीर में कई रासायनिक प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेकदार होते हैं और इनकी आवश्यलकता शरीर की कोशिकाओं को स्व,स्थट रखने में होती है। प्रोटीन, अमीनो एसिड के क्रम के द्वारा गठित होती हैं जो कि गठन के बाद प्रोटीन बन जाती है और शरीर के लिए कार्य करना शुरू कर देती हैं।
विकास प्रक्रिया के दौरान, हमारी कोशिकाएं, एक प्रोटीन क्वॉललिटी कंट्रोल सिस्टएम का विकास करती हैं, जो कि शरीर में सिर्फ अच्छेक प्रोटीन को ही रहने देता है और बुरे प्रोटीन को खत्मए कर देती है। ब्राजील में साओ पाओलो विश्वविद्यालय से लुइज़ एच एम बोज़ी ने इस पूरे अध्यीयन को किया और पाया कि जिन चूहों की मृत्युव, हार्ट फेल होने से हुई है उनमें बैड प्रोटीन पाया गया यानि कहीं न कहीं उनके प्रोटीन क्वॉ लिटी कंट्रोल सिस्टरम में कमी आ गई थी।
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फार्मालॉजिकल थेरेपी
कोई भी फार्मालॉजिकल थेरेपी, प्रोटीन क्वॉलिटी कंट्रोल सिस्टोम को टारगेट नहीं करेगा। इसके अलावा कार्डिक प्रोटीन क्वॉथलिटी कंट्रोल को रिस्टो र करने के लिए पाया गया, जो कि शरीर में संचित बेकार की प्रोटीन में कमी करने से संबंधित था।
इसके अलावा पूरी दुनिया में कुल 20 मिलियन लोगों को हार्ट फेल की समस्याग होती है और दिनों-दिन यह स्थिति गंभीर ही होती जा रही है। जनसंख्याय के साथ-साथ इस समस्या का बढ़ना भी लाज़मी है क्योंंकि लोग, अपने स्वाैस्य् ल के बजाय प्रतिस्प्र्धा पर ध्या न देंगे। बेहतर है कि सही प्रोटीन और एक्सरसाइज की मदद से अपने स्वास्थ्य और दिल को बेहतर बनाया जाएं।
डाइट में प्रोटीन जितना ले सकते हैं, उतना लें। लेकिन इसके लिए विशेषज्ञ की सलाह लेनी भी बहुत जरूरी है।
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