समय पर भोजन करने से नहीं होते मानसिक विकार

मोंट्रियल के डगलस मेंटल हेल्थ यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट तथा मैकगिल यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये शोध के अनुसार समय पर भोजन न करने से मानसिक विकार होने की संभावना बढ़ जाती है।
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समय पर भोजन करने से नहीं होते मानसिक विकार


स्‍वस्‍थ खानपान का सेवन जितना जरूरी है उसकी कहीं अधिक जरूरी इसका सही समय पर सेवन। हाल ही में हुए एक शोध की मानें तो समय पर भोजन करने से मानसिक विकार होने की संभावना कम हो जाती है।
Mental Issues in Hindi हमारा शरीर एक एसी मशीन है, जो संतुलित ढंग से काम करती है। समय पर भोजन तथा समय पर सोने से न केवल जीवन बेहतर होता है, बल्कि इससे दिमाग भी अधिक सक्रिय रहता है।

सारकाडियन रिदम्‍स (शरीर के अंदर मौजूद जैविक घड़ी) 24 घंटे के चक्र का पालन करती है और हार्मोन तथा स्वभाव सहित शरीर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करती है।

मोंट्रियल के डगलस मेंटल हेल्थ यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट तथा मैकगिल यूनिवर्सिटी ने खानपान के सही समय और इससे दिमाग पर पड़ने वाले असर के संबंध में शोध किया। मैकगिल यूनिवर्सिटी की काई-फ्लोरियन स्टॉर्च की मानें तो, "इस बात के भी सबूत हैं कि रोज की गतिविधियां शरीर में 24 घंटे के अलावा, 4 घंटे के एक चक्र से प्रभावित होती हैं, जिसे अल्ट्रेडियन रिदम्‍स कहते हैं।"

4 घंटे का अल्ट्रेडियन रिदम्‍स मस्तिष्क में मौजूद एक मुख्य रसायन 'डोपामाइन' से प्रेरित होता है। शरीर में जब इसका स्तर अनियंत्रित हो जाता है, तो चार घंटे का रिदम्‍स 48 घंटे तक खिंच सकता है।

अनुवांशिक रूप से संशोधित चूहों पर किए गए अध्ययन में स्टॉर्च के दल ने इस बात का खुलासा किया कि नींद आने में दिक्कत, अल्ट्रेडियन रिदम्‍स जेनरेटर में असंतुलन का परिणाम है, जबकि यह पहले सर्काडियन रिदम्‍स में गड़बड़ी का परिणाम माना जाता था। यह शोध 'ईलाइफ' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

 

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