दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है, इसकी वजह से जन-जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो रखा है। हर तरफ, हर कोई डरा हुआ सा महसूस कर रहा है। देशभर में भी कोरोना वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है, जिसकी वजह से आए दिन इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ते जा रही है। सरकारें और डब्ल्यूएचओ की तरफ से बार-बार कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय बताएं जा रहा हैं। हमने भी लोगों के मन में उठ रहे कई सवालों का एम्स में प्रोफेसर ऑफ कार्डियोलॉजी, डॉक्टर सुनदीप मिश्रा से जवाब लिया।
प्रश्न: अस्पतालों में स्थिति क्या है और कैसे आप इतनी मुश्किल घड़ी में काम कर रहे हैं?
एम्स अस्पताल में हमने अपने वार्ड और गंभीर हृदय रोगियों को रखा है ताकि कोविड-19 (COVID-19) रोगियों का प्रबंधन अलग से किया जा सके। अस्पताल में एक अलग जगह बनाई गई है जहां कोविड-19 यानी कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों को आईसोलेशन में रखा गया है। अब तक COVID-19 ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय यात्रा के कारण बीमारी के लक्षणों के संपर्क में रहने वालों के लिए हो रहा है।
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प्रश्न: डब्ल्यूएचओ ने कार्डियोवस्कुलर के मरीज को ज्यादा खतरे वाली श्रेणी में रखा है, ऐसा क्यों?
सबूत दिखाते हैं कि जो लोग 60, 70 और 80 की उम्र से ऊपर हैं उन्हें इस संक्रमण का ज्यादा खतरा हो सकता है। इसके साथ ही दूसरी श्रेणियों की भी पहचान की गी है, जो इस संक्रमण के काफी खतरनाक स्तर पर हैं। जिन्हें ह्दय रोगी मरीज और जो लोग ब्लड प्रेशर की परेशानी से पीड़ित हैं आदि। एक अध्ययन है, जो मुख्य रूप से इन दो लोगों को अधिक जोखिम में डालता है, उनकी बीमारी अधिक है। लेकिन इन दोनों ही श्रेणी के लोगों के लिए जरूरी है कि वो ज्यादा इस संक्रमण से बचें और स्वस्थ रहें, इसके साथ ही 60 से ज्यादा उम्र वालों के लिए भी ये महत्वपूर्ण है।
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प्रश्न: ह्दय रोग से पीड़ित लोग कहते हैं कि उन्हें रेगुलर चेकअप कराना है लेकिन लॉकडाउन के कारण ये मुश्किल है। ऐसे में क्या किया जाना चाहिए?
ऐसे समय में मरीजों को हमेशा डॉक्टरों के संपर्क में रहना चाहिए। कई लोग रेगुलर चेकअप के लिए अस्पताल नहीं आ रहे हैं। ह्दय संबंधित रोगियों के लिए मेरी एक सलाह है कि वो हमेशा अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और हल्के से भी गंभीर लक्षण नजर आते के साथ ही डॉक्टर से जांच कराएं। कोरोना वायरस के लक्षण ह्दय संबंधित बीमारी से मिलते-जुलते हैं। इसके मुख्य लक्षण हैं:
- सांस लेने में परेशानी होना।
- बुखार।
- छाती में दर्द होना।
- गले में खराश होना।
- बहुत ज्यादा थकावट होना और नींद आना।
प्रश्न: किस तरह के ह्दय रोगियों को कोविड-19 का ज्यादा खतरा है?
ऐसे मरीजों को अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है: ‘बहुत ज्यादा खतरा’, ‘ज्यादा खतरा’। जो लोग पहली श्रेणी में आते हैं उन्हें बहुत ज्यादा ध्यान रखना चाहिए और साथ ही अगर कोई लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत इससे संबंधित जांच कराएं। इसमें ट्रांसप्लांट वाले मरीज भी शामिल हैं क्योंकि वे पहले से ही काफी गंभीर स्थिति पर हैं, जो वायरल संक्रमणों के लिए काफी संवेदनशील बनाता है। वहीं, एक गर्भवती महिला जो ह्दय रोगी है उन्हें भी इसका काफी खतरा है। ऐसे ही ज्यादा खतरे में वो लोग हैं जो 70 से ज्यादा या आसपास के हैं, फेफड़ें संबंधित रोगी आदि। ये श्रेणी इसलिए बनाई गई है जिससे की लोगों को ये समझ आ सके कि उन्हें ज्यादा अपने आपको सुरक्षित रखने की जरूरत है।
प्रश्न: ह्दय रोगियों में कोई भी गतिविधि से उन्हें कोविड-19 के लिए ज्यादा खतरा होता है?
जो लोग बहुत ज्यादा खतरे वाली श्रेणी में आते हैं उन्हें दूसरे की ओर से की जाने वाली चीजें नहीं करनी चाहिए।
- बिना किसी मतलब के किसी से नहीं मिलना चाहिए।
- बार-बार अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं वो भी करीब 20 सेकेंड तक।
- हमेशा मास्क लगाएं रखें।
प्रश्न: क्या बाहर से ऑर्डर किया हुआ खाना सुरक्षित है?
अगर खाना बनाते हुए सभी सावधानियां बरती जाएं और गर्म और ताजा हो, तब ये पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके साथ ही आपको पता होना चाहिए कि जहां से खाना आ रहा हो वो साफ-सुथरी जगह का खाना हो।
प्रश्न: बहुत से लोग COVID-19 एहतियात के लिए घरेलू उपचार का सहारा ले रहे हैं, जिनमें गर्म पानी आदि शामिल हैं। क्या आप जैसे एलोपैथिक डॉक्टर प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए ऐसे घरेलू उपचारों की सलाह देते हैं?
हमारे डॉक्टर हमेशा वैज्ञानिक चीजों पर ही भरोसा करते हैं। अगर हमे कुछ इस तरह का पता चलता है तो हम जरूर इसकी सलाह देंते हैं। लेकिन पारंपरिक ज्ञान सदियों से हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है और हम उन्हें नकार नहीं सकते। हम मानते हैं कि यह सच है लेकिन यह सिद्ध नहीं है।
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प्रश्न: इन दिनों आपके सामने किस तरह के सवाल आएं?
हमें ऐसे सवाल मिलते हैं, जिनमें 'हमें बेहद बीमार पेटेंट की मालिश करनी चाहिए'। ऐसे मामलों में, मैं डॉक्टरों से कहता हूं कि वो मरीजों को मुंह से सांस न दें क्योंकि यह डॉक्टर के वायरस को उजागर करता है। इसके अलावा, हृदय और कोरोनोवायरस लक्षण प्रकृति में बहुत समान हैं। इसलिए, कोई भी लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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