प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने में कुत्ते सामान्य जांच के मुकाबले चार गुना अधिक प्रभावी होते हैं। चिकित्सीय जांच में पता चला है कि कुत्ते प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने में नब्बे फीसदी कामयाबी पाते हैं। वहीं परंपरागत पीएसए जांच कई बार गलत पुष्टि भी कर देती है। चार में तीन बार जांच के नतीजे सकारात्मक आने के बाद भी गलत साबित होते हैं। परिणामस्वरूप मरीज को कई गैरजरूरी जांच करवानी पड़ती हैं।
कैंसर की पहचान के लिए खासतौर पर तैयार किये गए कुत्ते मूत्र के नमूनों में कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर लेते हैं। इस कुत्तों को ट्रेनिंग देने वाली बर्किंघमशायर स्थित मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स भी इन नतीजों से खासी उत्साहित है। उनका कहना है कि कुत्तों द्वारा आए ये परिणाम बहुत असाधारण हैं।
संस्था का कहना है कि बीते कई बरसों से प्रोस्टेट कैंसर के परंपरागत तरीकों पर हजारों पाउण्ड खर्च किये गए हैं, लेकिन बावजूद इसके नतीजे बहुत अधिक उत्साहित करने वाले नहीं हैं। इससे न केवल संसाधनों की बर्बादी हुई है, बल्कि साथ ही इस बीमारी से प्रभावित लोगों को भी मानसिक रूप से तनाव का सामना करना पड़ा है।
'और तो और, कुत्तों को इस प्रक्रिया में शामिल करने से जांच की एक वैकल्पिक पद्धति सामने आयी है, जो लगातार बेहतर नतीजे देती है। यदि कैंसर का पता लगाने वाले हमारे कुत्ते मशीन होते, तो उनकी भारी मांग होती।'
'कुत्ते किसी मिश्रण के हजारवें हिस्से की गंध भी पहचान लेते हैं। सूंघने की उनकी बेहतरीन शक्ति के बारे में तो सब जानते हैं। तो फिर आखिर उनकी इस शक्ति का फायदा क्यों न उठाया जाए।'
बहरे और नेत्रहीन लोगों की मदद के लिए कुत्ते काफी समय मददगार साबित होते आ रहे हैं। और अब उनकी इस क्षमता और प्रतिभा के बारे में पता चला है। एमडीडी के ये प्रशिक्षित कुत्ते कैंसर के लक्षण सामने आने से पहले ही उसका पता लगा लेते हैं। इसके अलावा वे डायबिटीज के कम स्तर का भी पता लगाने के लिए प्रशिक्षित हैं। कुत्तों को लोगों का जीवन बचाने के लिए दी जाने वाली इस ट्रेनिंग काफी मददगार साबित हो सकती है। इससे पहले भी यह बात सामने आयी है कि कुत्ते ब्लैडर, ओवेरियन और स्तन कैंसर का भी पता लगा सकते हैं।
Source- Daily Mail
Image Courtesy- Getty Images
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