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World Cancer Day 2024: भारत में बच्चों में सबसे आम हैं ये 4 तरह कैंसर, डॉक्टर से जानें इनके लक्षण

बच्चों में होने वाला ल्यूकेमिया सबसे आम कैंसर है। यह अधिकतर दो से चार साल तक के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है।
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World Cancer Day 2024: भारत में बच्चों में सबसे आम हैं ये 4 तरह कैंसर, डॉक्टर से जानें इनके लक्षण

World Cancer Day 2024: कैंसर जैसी घातक बीमारी से हर साल करोड़ों लोगों की जान चली जाती है। भारत में भी बीते कुछ समय से कैंसर के मामले तेज से बढ़ रहे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डाटा के अनुसार देश में हर साल करीब 14 लाख कैंसर के मामले सामने आते हैं। इनमें से 8 लाख लोग इस बीमारी की वजह से अपनी जान गवां देते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि भारत में व्यस्कों के साथ-साथ बच्चों में भी कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डाटा के अनुसार भारत में 4 प्रतिशत कैंसर के मामले बच्चों में पाए जाते हैं। यही वजह है कि कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day 2024) मनाया जाता है। आज इस लेख में हम आपको बच्चों में पाए जाने वाले कैंसर और उसके लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिरला अस्पताल के डॉक्टर विनय सैमुअल गायकवाड से बातचीत की। 

गुरुग्राम स्थित सीके बिरला अस्पताल के डॉक्टर विनय सैमुअल गायकवाड का कहना है कि व्यस्कों के मुकाबले बच्चों में कैंसर के प्रति आज भी जागरूकता कम देखने को मिल रही है। बच्चों में ल्यूकेमिया, ब्रेन ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा और लिम्फोमा जैसे  कैंसर होते हैं।

1. ल्यूकेमिया

बच्चों में होने वाला ल्यूकेमिया सबसे आम कैंसर है। यह अधिकतर दो से चार साल तक के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है। यह खून और बोन मैरो (हड्डी के अंदर जहां खून बनता है) में होने वाला कैंसर है। हड्डी और जोड़ों में दर्द, थकान, कमजोरी, रक्तस्राव, लंबे समय तक बुखार और लगातार वजन कम होने पर ल्यूकेमिया कैंसर होने की संभावना हो सकती है। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 12 हजार से अधिक बच्चों में यह कैंसर पाया जाता है।

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2. ब्रेन ट्यूमर

ये बच्चों में होने वाला दूसरा सबसे प्रमुख कैंसर है। आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर जेनेटिक सिंड्रोम या हानिकारक रेडिएशन के कारण होता है। ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं और उन सभी की विशेषताएं और ट्रीटमेंट अलग-अलग है। यह बच्चों और बड़ों में बहुत अलग प्रकार का होता है। यह सिरदर्द, चक्कर आना, संतुलन में समस्या, देखने, सुनने या बोलने में समस्या, लगातार उल्टियां होने के कारण हो सकता है।

3. न्यूरोब्लास्टोमा

यह कैंसर आमतौर पर पांच साल या उससे कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है। न्यूरोब्लास्टोमा शरीर में पाए जाने वाली इमैच्योर नर्व सेल्स से विकसित होता है। यह अधिकतर एड्रेनल ग्लैंड यानी अधिवृक्क ग्रंथि से शुरू होती है। यह पेट, छाती और स्पायनल के पास के किसी भी भाग में हो सकता है, जहां नर्व सेल्स मौजूद होते है।

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4. लिम्फोमा

यह कैंसर बच्चों और बड़ों में एक जैसा होता है। यह 5 साल तक के बच्चों में नहीं पाया जाता है। यह शरीर में सबसे पहले इम्यून सिस्टम के लिम्फोसाइट सेल्स में फैलता है। यह सेल्स इंफेक्शन से लड़ते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। लिम्फोमा कैंसर शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करता है।

Image Credit: freepik.com

 

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