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क्या पेरिमेनोपॉज फेज में थकान या सुस्ती होना सामान्य है? डॉक्टर से जानें

Perimenopause: पेरिमेनोपॉज फेज में थकान या सुस्ती होना सामान्य है। ऐसे हार्मोनल चेंजेस के कारण होता है। जरूरी हो, तो इस संबंध में एक्सपर्ट से मिलें।
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क्या पेरिमेनोपॉज फेज में थकान या सुस्ती होना सामान्य है? डॉक्टर से जानें


Can Perimenopause Cause Fatigue In Hindi: पेरिमेनोपॉज यानी मेनोपॉज से पहले वाला चरण। पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। कुछ शारीरिक समस्याएं भी उन्हें परेशान रखती हैं। इसमें हॉट फ्लैशेज, हार्मोनल परिवर्तन आदि होना शामिल हैं। पेरिमेनोपॉज का फेज कई सालों तक चल सकता है। ऐसे में मूड स्विंग्स भी काफी ज्यादा देखे जाते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो ऐसा हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। खासकर, पीरियड्स का फ्लो कभी कम या कभी ज्यादा होने के कारण महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने लगता है। ऐसे में मूड पर इसका निगेटिव असर दिख सकता है। बहरहाल, सवाल ये है कि क्या इस पेरिमेनोपॉज के फेज में महिलाओं को थकान या सुस्ती भी बनी रहती है? क्या ऐसा होना सामान्य है? आइए, वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता की राय जानते हैं।

क्या पेरिमेनोपॉज फेज में थकान या सुस्ती होना सामान्य है?- Does Perimenopause Cause Fatigue In Hindi

Does Perimenopause Cause Fatigue In Hindi

जैसा कि आप जानते हैं कि पेरिमेनोपॉज फेज में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इसमें हार्मोनल परिवर्तन मुख्य रूप से नोटिस किए जा सकते हैं। जहां तक बात इस सवाल का है कि क्या आखिर पेरिमेनोपॉज फेज के दौरान सुस्ती और थकान होना सामान्य है? इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है, ‘जीं, हां! ऐसा हो सकता है। कहने का मतलब है कि पेरिमेनोपॉज फेज में महिलाओं को सुस्ती, डल फील करना और थकान बनी हर सकती है। ऐसा क्यों है? क्योंकि हार्मोनल  परिवर्तन के कारण कई बार महिलाओं को रात-रात भर नींद नहीं आती है। ऐसे महिलाएं रात को अच्छी नींद नहीं लेती है, तो उन्हें थकान और सुस्ती बनी रहती है। इसी तरह, कई बार हॉट फ्लैशेज के कारण भी उनकी नींद बाधित हो सकती है। इसके अलावा, पेरिमेनोपॉज फेज में अगर किसी महिला के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाए, तो भी उनमें सुस्ती और थकान की समस्या देखी जा सकती है।

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पेरिमेनोपॉज फेज में थकान और सुस्ती कैसे दूर करें- How Can I Get My Energy Back During Perimenopause In Hindi

How Can I Get My Energy Back During Perimenopause In Hindi

शारीरिक रूप से एक्टिव रहें

पेरिमेनोपॉज फेज में अक्सर महिलाएं डल और लो फील करती हैं। ऐसे में वे शारीरिक गतिविधियां यानी वर्कआउट या एक्सरसाइज कम कर देती हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से फील गुड हार्मोन रिलीज होता है, जो कि डलनेस दूर भगाने में मदद कर सकता है।

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बुरी आदतों को छोड़ दें

पेरिमेनोपॉज फेज में महिलाओं को बुरी आदतें, जैसे शराब का सेवन करना, स्मोकिंग करना आदि आदतों को पूरी तरह छोड़ देना चाहिए। इनका हेल्थ पर निगेटिव असर पड़ता है जिससे डलनेस या सुस्ती बढ़ सकती है।

डॉक्टर से मिलें

अगर आपको पेरिमेनोपॉज फेज में अपनी कंडीशन को समझ नहीं पा रही हैं, कुछ भी करने का मन नहीं करता है, तो बेहतर है कि इस संबंध में एक बार डॉक्टर से मिलें। संभवतः वह आपको हार्मोनल थेरेपी लेने क सलाह दें। आप उनके बताई सलाह को फॉलो करें। पेरिमेनोपॉज फेज में डलनेस और सुस्ती को दूर भगाने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष- Conclusion

पेरिमेनोपॉज फेज में कई तरह के शारीरिक बदलाव होते हैं। ध्यान रखें कि यह नेचुरल फेज है। इससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। इसलिए, अपनी स्थिति को लेकर ज्यादा परेशान न हों। हर बदलाव को सहजता से लें। मानसिक रूप से परेशान हों, तो कभी अपने लिए समय निकालें, कहीं घूम आएं और दोस्तों से अपने मन की बात कहें। इससे भी समस्या का निवारण न हो, तो बेहतर होगा कि एक्सपर्ट की मदद लें।

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