आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, असंतुलित खानपान, तनाव और फिजिकल एक्टिविटी की कमी ने युवाओं को भी कई गंभीर बीमारियों की चपेट में ला दिया है। इन्हीं में से एक है हाई यूरिक एसिड की समस्या। पहले जहां यह परेशानी उम्रदराज लोगों में ज्यादा देखने को मिलती थी, वहीं अब कम उम्र में भी लोग इस मेटाबॉलिक डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं। यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन नामक तत्व के टूटने से बनता है, जोकि कुछ खास प्रकार के फूड्स जैसे रेड मीट, सी-फूड, दालें, शराब और शक्कर (uric acid increase cause) में पाया जाता है। जब शरीर से यूरिक एसिड सही से बाहर नहीं निकल पाता, तो यह खून में जमा होने लगता है, जिससे जोड़ों में दर्द, गाठिया और किडनी स्टोन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इस आर्टिकल में हम एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से जानेंगे कि क्या हाई यूरिक एसिड हार्ट अटैक का कारण बन सकता है और इस खतरे से कैसे बचा जा सकता है।
क्या यूरिक एसिड से हार्ट अटैक हो सकता है? - Can high uric acid cause a heart attack
जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, या गुर्दे यानी किडनी उसे पूरी तरह बाहर नहीं निकाल पाती, तो यह ब्लड में जमा होने लगता है। हाई यूरिक एसिड के कारण गाउट (गठिया), गुर्दे की पथरी और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। हाई यूरिक एसिड और दिल की बीमारियों के बीच संबंध को लेकर वैज्ञानिक अध्ययन लगातार हो रहे हैं। कई रिसर्च में पाया गया है कि हाई यूरिक एसिड हाई ब्लड प्रेशर, धमनियों की जकड़न और दिल की धड़कन में गड़बड़ी जैसी समस्याओं को बढ़ावा देता है। ये सभी फैक्टर्स हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। यूरिक एसिड की अधिकता से शरीर में सूजन बढ़ती है, जो दिल की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है।
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हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि केवल यूरिक एसिड ही सीधे हार्ट अटैक का कारण है। यह आमतौर पर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मोटापा, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के साथ मिलकर जोखिम बढ़ाता है। इसलिए, यूरिक एसिड हाई होने पर इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है।
यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? - high uric acid symptoms in hindi
अधिकतर लोगों में हाई यूरिक एसिड के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन कुछ सामान्य संकेत मिल सकते हैं। जैसे कि जोड़ों में दर्द और सूजन, अचानक तेज दर्द होना, खासकर अंगूठे के जोड़ों में, गुर्दे में पथरी या पेशाब में समस्या, थकावट या कमजोरी महसूस होना। यदि ये लक्षण दिखें तो जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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यूरिक एसिड कंट्रोल कैसे करें? - how to control uric acid in hindi
- प्यूरीन से भरपूर फूड्स का सेवन कम करें, जैसे लाल मांस, सी-फूड, शराब और हाई प्रोटीन वाले फूड। इसके बजाय ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज को प्राथमिकता दें।
- शरीर से यूरिक एसिड को निकालने के लिए खूब पानी पीना जरूरी है। दिन में कम से कम 8-10 ग्लास पानी पिएं।
- मोटापा यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ाता है और हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ाता है। नियमित एक्सरसाइज और बैलेंस डाइट से वजन कंट्रोल रखें।
- शराब खासकर बियर यूरिक एसिड को बढ़ाती है। शराब से परहेज करें।
निष्कर्ष
हाई यूरिक एसिड को दिल की बीमारी और हार्ट अटैक से जोड़ने वाली कई रिसर्च मौजूद हैं, पर यह अकेले हार्ट अटैक का कारण नहीं होता। यह अक्सर अन्य जोखिमों के साथ मिलकर समस्या बढ़ाता है। इसलिए यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल रखना और साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना दिल की सेहत के लिए जरूरी है। यदि आपको यूरिक एसिड या हार्ट की कोई समस्या हो तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें।
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FAQ
क्या यूरिक एसिड को केवल डाइट से कंट्रोल किया जा सकता है?
हल्के मामलों में यूरिक एसिड को केवल डाइट से कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन ज्यादा बढ़ने पर दवा की जरूरत होती है।यूरिक एसिड की जांच कितने समय पर करानी चाहिए?
अगर रिस्क फैक्टर हैं तो साल में 2 बार, अन्यथा साल में एक बार जांच करवाना उचित है।यूरिक एसिड में क्या नहीं खाना चाहिए?
हाई यूरिक एसिड की समस्या में कुछ खास चीजों से परहेज करना जरूरी होता है, ताकि यह और न बढ़े। इस दौरान रेड मीट, राजमा, चना, मटर, दालें, शराब, अधिक फ्रक्टोज वाले जूस, और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनानी चाहिए। ये चीजें शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ाती हैं, जिससे यूरिक एसिड और ज्यादा बनता है। इसके अलावा चीनी, बेकरी प्रोडक्ट्स, और डीप फ्राइड स्नैक्स जैसे बिस्किट, नमकीन आदि से भी बचना चाहिए।