
Fish for high cholesterol: मछली खाना कुछ लोगों को बहुत पसंद होता है और नॉन वेज खाने वालों की डाइट का तो ये अहम हिस्सा है। मछली खाने के फायदे भी खास हैं क्योंकि इसमें जो विटामिन और पोषक तत्व मिल सकते हैं वो आपको कहीं और नहीं मिलेंगे। मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ कुछ हद तक विटामिन डी भी होता है जो कि ब्रेन के लिए बहुत फायेमंद माना जाता है। मछली खाने वालों की आंखें तेज होती हैं और बाल लंबे समय तक काले रहते हैं। इसके अलावा भी मछली का सेवन सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद माना जाता है लेकिन आज हम बात करेंगे कि हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए मछली खाना कैसे फायदेमंद है और इसका सेहत पर कैसे असर होता है? जानते हैं इस बारे में Ms. Edwina Raj, Head of Services - Clinical Nutrition & Dietetics, Aster CMI Hospital, Bangalore की राय।
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क्या मछली खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है-Does eating fish increase cholesterol
Ms. Edwina Raj बताती हैं कि अगर आप सही प्रकार की मछली चुनें, तो आमतौर पर मछली खाने से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता। सैल्मन, सार्डिन और मैकेरल जैसी वसायुक्त मछलियां ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।

गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में कैसे मददगार है मछली-How fish can increase good cholesterol
PubMed में छपी इस रिपोर्ट की मानें तो शोध बताते हैं कि वसायुक्त मछली का अधिक सेवन, लेकिन दुबली मछली का नहीं, स्वस्थ, सामान्य वजन वाले वयस्कों में TAG और HDL-कोलेस्ट्रॉल की सीरम सांद्रता को प्रभावित करता है। मछली ओमेगा-3 का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मददगार साबित हुआ है। कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि मछली खाने से बड़े एचडीएल कणों की संख्या बढ़ सकती है, जो धमनी की दीवारों से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने में अधिक प्रभावी होते हैं और हृदय रोग के जोखिम को कम करने से जुड़े होते हैं। इतना ही नहीं, सैल्मन, सार्डिन और मैकेरल जैसी फैटी फिश से प्राप्त ओमेगा-3 ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं जो कि हेल्दी हार्ट के लिए जरूरी है।
तली हुई या प्रोसेस्ड मछली कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकती है
डाइट एक्सपर्ट आगे कहती हैं कि ध्यान रखें कि कुछ ही मछलियां कोलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार है। हालांकि, तली हुई या प्रोसेस्ड मछली में मिलाए गए तेल और घोल के कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। इसलिए हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज हफ्ते में दो से तीन बार ग्रिल्ड, बेक्ड या स्टीम्ड मछली सुरक्षित रूप से खा सकते हैं।
प्रॉन्स और स्क्विड जैसी शेलफिश से बचना बेहतर है, क्योंकि इनमें कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है। कुल मिलाकर, मछली प्रोटीन और हेल्दी फैट का एक स्वस्थ स्रोत है, लेकिन इसे कैसे पकाया जाता है और कितनी मात्रा में खाया जाता है, यह हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत मायने रखता है।
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Dec 28, 2025 14:05 IST
Published By : Pallavi Kumari
