क्‍या ये सच है कि ब्रेड खाने से बढ़ता है वजन

अक्‍सर जल्‍दबाजी में या शौक के चलते हम ब्रेकफास्‍ट में ब्रेड का सेवन करना पसंद करते हैं, लेकिन क्‍या आप जानते हैं यह किना अनहेल्‍दी है, आइए हम आपको बताते हैं।
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क्‍या ये सच है कि ब्रेड खाने से बढ़ता है वजन


सुबह-सुबह नाश्ते में ब्रेड खाना अक्सर लोगों की पहली पंसद होती तो कुछ लोग जल्दबाजी के चलते ब्रेड का नाश्ता करना पंसद करते हैं। हालांकि एक शोध के मुताबिक अगर मोटापे और बुढ़ापे को खुद से दूर रखना चाहते हैं तो कैंडी, ब्रेड और इस जैसे सिंपल कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों के सेवन में कमी लानी पड़ेगी।  ह्वाइट ब्रेड में पोटैशियम ब्रोमेट (potassium bromate), बेंजॉयल पेरोक्साइज (benzoyl peroxide) और क्लोरीन डाइऑक्साइड (chlorine dioxide) गैस जैसे तत्वों से ब्लीच किया जाता है। इन तत्वों की वजह से बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इनके बारे में विस्‍तार से जानें।

शोध के अनुसार

कोपनहेगन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की एक शोध के अनुसार सिंपल कार्बोर्हाइड्रेट वाली कैंडी और ब्रेड हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स की चीजें हैं। वहीं, रेशे वाली सब्जियां और अनाजों में जटिल काबोर्हाइड्रेट पाया जाता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स में ये निचले पायदान पर होते हैं। सिद्धांत तौर पर कहें तो हाई ग्लाइसेमिक चीजें खाने से लोगों को भूख जल्दी-जल्दी लगती है और वह बहुत खाते हैं। नतीजा मोटे हो जाते हैं। अगर नॉर्मल वेट की कोई महिला ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला खाना खाती हैं तो छह साल में वह काफी मोटी हो जाएंगी। गौरतलब है कि जिन चीजों को खाने से खून में शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ती है, ग्लाइसेमिक इंडेक्स में वे चीजें ऊंचे पायदान पर होती हैं।जो महिलाएं ज्यादा शारीरिक परिश्रम नहीं करती थीं, उनमें ज्यादा मोटापा देखा गया।


वाइट ब्रेड की तुलना में ब्राउन ब्रेड बेहतर

होल ग्रेन से तैयार की जाने वाली ब्राउन ब्रेड में वाइट ब्रेड से अधिक पोषण होता है। उसनें उच्च मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। साथ ही, ब्राउन ब्रेड में विटामिन बी-6, विटामिन ई, मैग्नीशियम, फॉलिक एसिड, ज़िंक, क़ॉपर और मैगनीज़ शामिल होता है। वहीं दूसरी तरफ, वाइट ब्रेड में कम फाइबर होता है लेकिन कैल्शियम की मात्रा ब्राउन ब्रेड से अधिक होती है। वाइट ब्रेड में एडिक्टिव शुगर होती हैं और इसी वजह से ब्राउन ब्रेड की तुलना में इसमें कैलोरी बहुत अधिक होती है।एक स्लाइस ब्रेड में 80-90 कैलोरी होती है।ब्राउन ब्रेड में वाइट ब्रेड की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका मतलब है कि ये आपके ब्लड शुगर स्तर को प्रभावित नहीं करता। इसे खाने से डायबिटीज़, मोटापा और अन्य दिल की बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है।


अगर सामग्री में केरेमल है तो इसका मतलब ये होगा कि वाइट ब्रेड ब्राउन में बदल गई है। जिस ब्रेड में कम से कम सामग्री होती है वही अधिक हेल्दी होती है। अगर आप अपनी डाइट में वाइट ब्रेड शामिल करते हैं तो ध्यान रखें कि दिन में दो से ज्यादा स्लाइज़ न लें।

 

Image Source-Getty

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