फिटनेस का मतलब एक छरहरा या सिक्स पैक ऐब्स वाला शरीर नहीं है। आज के दौर में स्वस्थ शरीर और फिटनेट के मायने एब्स और पैक्स में तब्दील हो गए हैं। स्वस्थ होने के लिए आपको एब्स बनाने की जरूरत नहीं बल्कि संतुलित जीवन जीने की जरूरत होती है। आपका रहन-सहन, खान-पान संतुलित होना चाहिए ताकि आप लंबे समय तक स्वस्थ रह सकें, जिंदगी जी सकें।
मन या शरीर की अवस्था
फिटनेस मन या शरीर की स्थिति है। यह आपकी मानसिक शांति, अपने ऊपर विश्वास और अपने शरीर से संतुष्टि की बात है। यह अपने रोज़ाना के कार्यों को बिना थके और ऊर्जा के साथ करने से सम्बन्धित है। यह निरोग रह कर जीवन व्यतीत करना है। स्वास्थ्य लाभ के साथ ही साथ एक अच्छा शरीर बोनस के समान है।
फिटनेस आपकी रोज की शारीरिक गतिविधि है
सरल शब्दों में कहा जाए तो फिटनेस बिना हांफे और बिना टांगों में दर्द महसूस किये सीढ़ियां चढ़ने की क्षमता है। यह लम्बे समय तक कार्यालय कुर्सी या ड्राइवर की सीट पर पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस करे बिना बैठने की क्षमता है। यह लंबे समय के लिए मेज पर गर्दन में दर्द की शिकायत के बिना काम करने की क्षमता है।
यह घर, कार्यालय, परिवार और दोस्तों को बिना थके मैनेज करने की क्षमता है। यह पूरे दिन के काम के बाद घर वापस लौटने पर बिना चिढ़े अपने बच्चे के साथ खेलने के लिए सक्षम होना है। यह बुढ़ापे में भी आत्म-निर्भर होना है।
फिटनेस स्वस्थ और निरोग रहना है
जो लोग दिन भर बैठ कर काम करते हैं उन लोगों में आसीन जीवन शैली के कारण रोगों का खतरा बढ़ जाता है। आसीन जीवन शैली का मतलब है वो लोग जो नियमित रुप से व्यायाम नहीं करते और हर रोज या हफ्ते में 30 मिनट भी एक्सरसाईज़ के लिए नहीं देते।
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