Doctor Verified

मेनोपॉज की शुरुआत बिना लक्षणों के भी हो सकती है? जानें डॉक्टर से

आमतौर पर शरीर में मेनोपॉज के कई लक्षण नजर आते हैं। मगर क्या कभी ऐसा भी हो सकता है कि महिलाओं में बिना लक्षणों के मेनोपॉज की शुरुआत हो जाए?
  • SHARE
  • FOLLOW
मेनोपॉज की शुरुआत बिना लक्षणों के भी हो सकती है? जानें डॉक्टर से

महिलाओं की बॉडी में हर दिन कुछ बदलाव होते हैं। कई बार यह बदलाव बड़े होते हैं, जो नजर आ जाते हैं। वहीं, कई बार यह बदलाव छोटे-छोटे भी होते हैं। इन बदलावों में सबसे आम हार्मोनल बदलाव है। इससे स्किन, बाल और मेंस्ट्रुएशन साइकिल या यूं कहें कि ओवरऑल हेल्थ पर असर हो सकता है। पीरियड्स अपने आप में कोई समस्या नहीं होते हैं, लेकिन इनकी वजह से महिलाओं को कई अन्य छोटी-बड़ी परेशानियां हो सकती हैं। कई लड़कियों को पीरियड्स की शुरुआत होने का आईडिया नहीं लगता है। हालांकि, पीरियड्स के बंद होते समय महिलाओं में कई लक्षण नजर आते हैं। उन्हें मेनोपॉज की स्टेज तक पहुंचने के लिए भी पहले पेरिमेनोपॉज का सामना करना पड़ता है। मगर क्या मेनोपॉज से पहले शरीर में इसके शुरुआती लक्षण नजर आना जरूरी है? अगर आप के मन में भी यह सवाल उठ रहा है, तो आइए गयनेकोलॉजिस्ट डॉ. आस्था दयाल के इंस्टाग्राम वीडियो से इस बारे में जानते हैं।

मेनोपॉज क्या है?

menopause

किसी महिला को लगभग 12 महीने यानी साल भर तक पीरियड्स या स्पॉटिंग नहीं होती, तो उसे मेनोपॉज कहा जाता है। यह एक नेचुरल प्रक्रिया है, जो ज्यादातर महिलाओं में 45 से 55 साल की उम्र के बीच शुरू होती है। अगर मेनोपॉज की शुरुआत 40 साल से पहले हो रही है, तो इसे 'प्रीमेच्योर मेनोपॉज' कहा जाता है। बता दें कि मेनोपॉज से पहले 5 से 10 साल तक पेरिमेनोपॉज का स्टेज चलता है। मेनोपॉज से पहले, महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का बनना कम हो जाता है। इससे एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आती है। यह स्थिति मेनोपॉज के दौरान दिखने वाले ज्यादातर लक्षणों के लिए जिम्मेदार होती है।

बिना लक्षणों के भी हो सकती है मेनोपॉज की शुरुआत?

 
 
 
View this post on Instagram

A post shared by Newmi Care (@newmicare)

जी हां, डॉ. आस्था दयाल के मुताबिक, 15 परसेंट महिलाओं में मेनोपॉज के शुरुआती लक्षण नजर नहीं आते हैं। मगर इसका मतलब यह नहीं होता है कि  उनमें मेनोपॉज की शुरुआत नहीं हुई है। आइए अब महिलाओं में दिखने वाले मेनोपॉज के शुरुआती लक्षणों के बारे में जानते हैं। शरीर में दिखने वाले इन्हीं लक्षणों को पेरिमेनोपॉज कहा जा सकता है।
- इंसोम्निया
- हॉट फ्लैशेज
- बाल झड़ना
- रूखी त्वचा
- वेजाइनल ड्राइनेस
- बाल झड़ना
- थकान
- मूड स्विंग  

कैसे करें मेनोपॉज की समस्याओं से बचाव?

डाइट का ध्यान रखें

मेनोपॉज की स्थिति में महिलाओं को डाइट का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में आप  फलों और पत्तेदार सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, साबुत अनाज में आप रोटी, जौ, क्विनोआ, बाजरा, और राई खा सकते हैं। इस दौरान प्रोटीन का सेवन भी फायदेमंद होता है। प्रोटीन बढ़ाने के लिए आप अंडा, मछली, चिकन आदि का सेवन कर सकते हैं।

रोजाना एक्सरसाइज करना है फायदेमंद  

आपको इस दौरान रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे वजन मेंटेन रहता है और मूड अच्छा होता है। ऐसे में आप मेनोपॉज के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, कार्डियो और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने वाली एक्सरसाइज कर सकते हैं।

स्ट्रेस मैनेज करें

मेनोपॉज के दौरान आपको स्ट्रेस कम से कम लेना चाहिए। इसके लिए आप योग, मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग और तनाव कम करने वाली अन्य हॉबीज को डेली रूटीन का हिस्सा बना सकते हैं।

इसे भी पढ़ें- भावनाओं और स्ट्रेस को नहीं करते हैं व्यक्त तो शरीर में दिख सकते हैं ये 5 संकेत, जरूर दें ध्यान

बॉडी को हाइड्रेटेड रखें  

मौसम सर्दी हो या गर्मी बॉडी का हाइड्रेट रहना जरूरी होता है। बॉडी की सही फंक्शनिंग के लिए हाइड्रेटेड रहें। ऐसे में आप नींबू पानी और नारियल पानी जैसे ड्रिंक्स का सेवन कर सकते हैं।

स्मोकिंग और शराब के सेवन से बचें

मेनोपॉज के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए महिलाओं को स्मोकिंग और शराब से दूर रहना चाहिए। इससे ओस्टियोपोरोसिस और हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है।

इसे भी पढ़ें- प्रदूषण के दौरान भी कर रहे हैं स्मोकिंग? डॉक्टर से जानें इसका आपके फेफड़ों पर क्या असर पड़ता है

कई महिलाओं में मेनोपॉज के शुरूआती लक्षण नहीं नजर आते हैं। इसका मतलब है कि उन्हें पेरिमेनोपॉज का सामना नहीं करना पड़ा है। हालांकि, ज्यादातर महिलाओं को पेरिमेनोपॉज की समस्या का सामना भी करना पड़ता है। अगर आप भी इन लक्षणों का सामना कर रही हैं, तो ऊपर बताई टिप्स को फॉलो कर सकती हैं। अगर इसके बाद भी आपको अपनी सेहत में सुधार नजर नहीं आता है, तो आपको किसी गयनेकोलॉजिस्ट की सलाह लेनी चाहिए।

Read Next

क्या प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज होना बुरा होता है? जानें डॉक्टर से

Disclaimer