अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपने देखा होगा कि शुरुआत में आपका वजन काफी जल्दी-जल्दी कम होता है। लेकिन एक समय बाद या कहें एक लिमिट के बाद आ कर वह अटक सा जाता है। अब आप चाहे कितनी ही मेहनत कर लें आपको महसूस होता है कि वजन वहीं का वही हैं। ये जितना तेजी से पहले कम हुआ था, अब नहीं हो रहा है। अगर ऐसा है तो संभव है कि शुरुआती मेहनत में आपने केवल वॉटर वेट (पानी के कारण बढ़ने वाला वजन) कम किया है न कि फैट यानी चर्बी घटाया है। अगर आपका वजन जल्दी-जल्दी कम-ज्यादा होता रहता है यानी कुछ समय के बाद कम हो कर दोबारा से बढ़ जाता है और तेजी से घट भी जाता है तो आप को यह समझ लेना चाहिए कि यह वॉटर वेट है। इसकी बजाए अगर आप लंबे समय से एक्सरसाइज और हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन कर रहे हैं जिसमें आपका वजन काफी देर से कम हो रहा है और आप शरीर से पतले भी दिखने लगे हैं तो यह आप का फैट कम हो रहा है।
वॉटर वेट क्या है (What Is Water Weight)
आप को यह जानकर काफी हैरानी हो सकती है कि आप के शरीर का अधिकतर वजन वॉटर वेट ही होता है और पानी ही आपके शरीर में सबसे भारी चीज होती है, अगर आपकी हड्डियों के वजन को छोड़ दिया जाए तो। जब आपका वजन शुरुआत में कम होना शुरू होता है तो वह वॉटर की फॉर्म में होता है। जब आप कैलोरीज़ कम कर देते हैं और वर्क आउट करने से शरीर में मौजूद कैलोरीज़ को बर्न करते हैं तो आपका शरीर ग्लाइकोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने लगता है। ग्लाइकोजन शुगर और ग्लूकोज को स्टोर करने की एक फॉर्म होती है। जो कि लीवर में स्टोर होती है। यह तब तक स्टोर होती रहती है जब तक आपका शरीर इसको प्रयोग करने के लिए तैयार नहीं हो जाता है। आपकी मसल्स में मौजूद एक ग्राम ग्लाइकोजन में लगभग तीन ग्राम पानी होता है। जब आप कैलोरी कम करने या एक्सरसाइज करने के माध्यम से वजन कम करते हैं तब आप इस ग्लाइकोजन का ही प्रयोग कर रहे होते है। अगर दोबारा से आपके शरीर में ग्लाइकोजन जमा होने लगता है तो आप का यह वॉटर वेट दोबारा से बढ़ने लगता है।
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फैट वेट क्या है(What Is Fat Weight)
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, सीनियर डाइटिशियन डॉक्टर अनिका बग्गा के अनुसार फैट वेट शरीर में एकत्र फैट का वजन होता है जो वक्त के साथ-साथ आपके शरीर में इकट्ठा होने लगता है। आगे चलकर आपको बहुत सी शारीरिक परेशानियां या गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। जबकि ज्यादा नमक खाने या कम सोने आदि जैसे कारणों की वजह से शरीर में वॉटर रिटेंशन की समस्या होती है। यही वॉटर वेट है। वॉटर वेट 1-2 दिन में कम हो सकता है जबकि फैट वेट को कम होने में समय लगता है। यदि आप शरीर से फिट होंगे तो आपके शरीर में वसा (फैट) का स्तर अधिक नहीं होगा। वैसे भी एक स्वस्थ महिला में कम से कम 12% से 18% वसा यानी फैट और एक स्वस्थ पुरुष में 10% से 14 प्रतिशत फैट की मात्रा होती है। ये अनुपात इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपका शरीर कितना फिट और किस आकार का है।
हेल्दी रहने के लिए क्या करें (What To Do To Stay Healthy)
हर कोई अपना वजन कम करना चाहता है और वजन कम करने से मतलब फैट को कम करना है। अगर आप वाकई टोन्ड बाडी चाहते हैं तो आप अपने फैट लॉस पर ध्यान दें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आप जब भी फैट लॉस कर रहे हों तो आपका मसल लॉस या ऑर्गन मास लॉस नहीं होना चाहिए। हेल्दी डाइट, हेल्दी प्रोटीन का सेवन आपको फैट लॉस करने में मदद करेगा। लेकिन यदि आप बिल्कुल परफेक्ट बॉडी चाहते हैं तो ज्यादा से ज्यादा कसरत की तरफ ध्यान दें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि आपके फैट लॉस से मसल गेन होता है और मसल लॉस से फैट बढ़ता है।
उम्मीद है अब आप वॉटर वेट और फैट वेट में अंतर जान गए होंगे। इस अंतर को ध्यान में रखते हुए ही आप अपने स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देंगे।