जब किसी को छाती में अचानक दर्द होता है तो परिवार के सदस्य या वह व्यक्ति खुद स्पष्ट तौर पर किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाते कि यह हार्ट अटैक के कारण हुआ है या फिर पैनिक अटैक के कारण। इसलिए हम आगे क्या कदम उठाना है यह भी नहीं जान पाते। जिससे मरीज को काफी नुकसान पहुंच सकता है। इन दोनों ही स्थितियों के लक्षण तो काफी समान हैं लेकिन इनके उपचार काफी अलग अलग होते हैं। इसलिए आपको किसी भी ऐसी स्थिति से बचने के लिए पैनिक अटैक और हार्ट अटैक के बीच का अंतर पता होना चाहिए। सिबिया मेडिकल सेंटर के कार्डियोलॉजिस्ट एंड डायरेक्टर डा. एस.एस. सिबिया बताते हैं कि जब आपको एकदम से किसी चीज से बहुत अधिक डर लगता है तो आप उस भय से बहुत चिंतित हो जाते हैं। तब उसे पैनिक अटैक कहा जाता है। यह कुछ मिनट से लेकर घंटों तक रह सकता है। अक्सर इस पैनिक अटैक के मरीज अस्पतालों में यह मानकर भर्ती होते हैं कि उन्हें हार्ट अटैक आया है।
हार्ट अटैक और पैनिक अटैक में क्या अंतर होता है
छाती में दर्द एक ऐसा लक्षण है जो दोनों ही स्थितियों में देखने को मिलता है इसलिए दोनों में दुविधा होना आम है। पैनिक अटैक के दौरान आपको एक ऐसी फीलिंग आएगी मानो आप इस स्थिति से कहीं भाग जाएं या इसे छोड़ कर कहीं उड़ सकें। हार्ट अटैक में ऐसा महसूस होता है मानो आप अंदर ही अंदर घुट रहे हों।
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पैनिक अटैक का कारण
जब आप अधिक स्ट्रेस लेते हैं या फिर आपके परिवार में पहले कभी किसी सदस्य को पैनिक अटैक हुआ हो तो आपमें भी इस स्थिति का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। अगर आप के मस्तिष्क के काफी फंक्शन बार बार बदलते रहते हैं तो भी आपको पैनिक अटैक महसूस हो सकता है।
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पैनिक अटैक के कुछ लक्षण
- छाती में दर्द होना
- हाइपो ग्लाइसीमिया (शुगर लेवल सामान्य से बहुत कम हो जाना)
- सांस लेने में तकलीफ
- सिर दर्द
- पसीना आना
- ब्लड प्रेशर अधिक बढ़ जाना
- मसल्स में दर्द होना
- सीजर (कंपकंपी)
हार्ट अटैक का कारण
अगर आपको हृदय से जुड़ी कोई बीमारी हैं जैसे- अधिक ब्लड प्रेशर रहना, अधिक कोलेस्ट्रॉल होना आदि तो आपको हार्ट अटैक आने की संभावना रहती है। वहीं अगर आप अधिक धूम्रपान करते हैं, ड्रग्स का सेवन करते हैं और स्ट्रेस आदि भी अधिक लेते हैं तो भी हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है।
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हार्ट अटैक के लक्षण
- सांस लेने में दिक्कत महसूस होना
- छाती में अकड़न व कसाव महसूस होना और बहुत अधिक दर्द होना,
- साथ ही बाएं बाजू में, गर्दन, कमर और जबड़े में भी काफी अधिक दर्द होना।
- हार्ट बर्न, जी घबराना, पाचन अच्छे से न हो पाना
- पेट में दर्द होना
- ठंडा पसीना आना
- सिर हल्का होना या चक्कर आना
- थकान महसूस होना
पैनिक अटैक और हार्ट अटैक के अंतर का कैसे लगाएं पता?
पैनिक अटैक में आप एकदम से अपना आपा खो देते हैं और आपको बहुत अधिक डर लगता है। मानो आपका सब कुछ खो जायेगा। लेकिन असल में खतरा आस पास नहीं होता है। इसमें आपकी शारीरिक प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिलती हैं। लोगों को पैनिक अटैक के दोबारा आने के बारे में सोच कर ही काफी डर लगता है।
वहीं हार्ट अटैक तब आता है जब आपके हृदय तक पहुंचने वाले रक्त का प्रवाह ब्लॉक हो जाता है। यह ब्लॉकेज कोलेस्ट्रॉल, फैट, और काफी अन्य चीजों के जमा होने के कारण हो सकती है। इस प्रकार की प्लेक समय के साथ अधिक कठोर हो सकती हैं और टूट भी सकती हैं। इससे आपकी हार्ट मसल डैमेज भी हो सकती हैं। हार्ट अटैक में मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाना चाहिए नहीं तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
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आपको स्ट्रेस कम करने की तकनीक जैसे योग और मेडिटेशन करने चाहिए। आपको अपनी सांसों पर नियंत्रण करना सीखना चाहिए। पैनिक डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए आप दवाइयों का सहारा भी ले सकते हैं।
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