क्यों हो जाता है मिसकैरेज, जानें कारण, लक्षण और सावधानियां

हर महिला चाहती है कि उसका शिशु स्वस्थ और बिना किसी तकलीफ के इस दुनिया में आए, लेकिन कभी-कभी शारीरिक समस्याओं के चलते कुछ महिलाएं गर्भपात का शिकार हो जाती हैं। आइए हम आपको देते हैं गर्भपात से जुड़ी कुछ जानकारियां।
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क्यों हो जाता है मिसकैरेज, जानें  कारण, लक्षण और सावधानियां


गर्भपात का कोई निश्चित कारण नहीं होता है। हर महिला में इसके अलग लक्षण हो सकते हैं। गर्भवती महिला के लिए गर्भपात दुखद और डरावना शब्द है। लेकिन कभी-कभी शारीरिक समस्याओं के चलते कुछ महिलाएं गर्भपात का शिकार हो जाती हैं। गर्भपात जितना शारीरिक रूप से तकलीफ देता है, उतना ही मानसिक रूप से महिला को कमज़ोर बना देता है। अकसर इन समस्याओं की पहचान नहीं हो पाती है लेकिन कुछ सामान्य कारण होते हैं जो गर्भपात के लिए जिम्मेदार होते हैं। आमतौर पर गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में क्रोमोसोमल आनुवंशिक असामान्यता होने के कारण होता है। यह एक जटिल समस्या है।  एक बच्चे का डीएनए जीन्स में थोड़ी सी त्रुटि के कारण भी यह समस्या भी पैदा हो सकती है। जीन्स में थोडी सी त्रुटि के कारण दोषपूर्ण अंडा या शुक्राणु या भ्रूण के विकास के समय असमान्य विभाजन होना भी इसका एक कारण हो सकता है। 

PREGNANCY

गर्भपात कई तरह के होते हैं और यह आपकी प्रेग्नेंसी की अवस्था पर निर्भर करता है। जैसे-

मिस्ड गर्भपात : इसमें गर्भावस्था खुद से खत्म हो जाती है। इस दौरान न ही कोई ब्लीडिंग होती है और न ही किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। कुछ मामलों में तो गर्भपात होने के बाद भी भ्रूण गर्भ में ही रहता है और इसका पता तब चलता है जब गर्भ में भ्रूण का विकास रुक जाता है। 

अधूरा गर्भपात: इस तरह के गर्भपात में महिला को भारी ब्लीडिंग और पेट के निचले हिस्से में तेज़ दर्द होता है। इसमें भ्रूण का कुछ ही भाग बाहर आ पाता है। यही कारण है कि इसे अधूरा गर्भपात कहा जाता है। इ

पूर्ण गर्भपात : यह गर्भपात पूरी तरह से होता है। इसमें गर्भाशय से भ्रूण पूरी तरह से बाहर आ जाता है। पेट में तेज़ दर्द होना और भारी ब्लीडिंग होना पूर्ण गर्भपात के लक्षण हो सकते हैं।

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गर्भपात  के लक्षण

गर्भपात में महिला के शरीर से भ्रूण का कुछ हिस्सा प्लेसेंटा और शिशु के आसपास का तरल पदार्थ बाहर निकल जाता है। लगभग 15 से 20 प्रतिशत तक गर्भावस्था का अंत गर्भपात ही होता है। कई बार यह एक औरत के पहचानने से पहले की वो गर्भवती है, उससे पहले ही उसका गर्भपात हो जाता है। जानें गर्भपात का निदान कैसे किया जा सकता है।

यदि गर्भपात का संदेह हो तो डॉक्टर पेल्विक का परीक्षण गर्भाशय के आकर कि जांच करेगा ताकि पता लग सके कि ग्रीवा खुला है या बन्द है। यदि गर्भपात होने वाला है तो ग्रीवा आमतौर पर खुला होता है और भ्रूण के ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएगा। यदि गर्भपात पहले ही हो चुका है तो ग्रीवा या खुला या बंद हो सकता है, यह इस पर निर्भर करता है कि गर्भावस्था के सभी ऊतक बच्चेदानी से बाहर निष्कासित हो गए हों।

आपके खून की जांच खून के प्रकार को जांचने के लिय कि जाती है और मानव क्रोनिक गोनाएडो ट्रओपीन ( बीटा- एच सी जी ) , जब आप गर्भवती होती हैं तो एक हार्मोन प्लासेन्टा से आपके शरीर में मौजूद होता है। अगर आपके सिस्टम में हार्मोंस कि मात्रा कम है और तो यह संकेत है कि आपका गर्भपात हो सकता है। अल्ट्रा साउंड से हर मामले में भ्रूण के होने की पहचान की जा सकती है , इससे यह पता लगाया जा सकता है कि भ्रूण के दिल कि धड़कन है या भ्रूण की मृत्यु हो चुकी है।

यदि ऊतक आपकी योनी से बाहर चला गया है तो उसे आप किसी ग्लास या प्लास्टिक के कंटेनर में सील करके अपने डॉक्टर के पास ला सकती हैं इससे डॉक्टर को ऊतक का परीक्षण करने में मदद मिलेगी। कई मामलों में ऊतक को माइक्रोस्कोप के द्वारा परीक्षण करने के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है। इससे गर्भपात के कारणों का पता लगाया जा सकता है।

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गर्भपात को रोकने के तरीके

  • फोलिक एसिड और प्रसव पूर्व विटामिन लें
  • नियमित टीकाकरण
  • नियमित रूप से व्यायाम करें 
  • सिगरेट व तंबाकू से दूर रहें 

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