कैसे की जाती है ओवेरियन कैंसर की जांच

ओवरी कैंसर की जांच महिलाओं में दिखने वाले लक्षणों पर निर्भर करता है। कैंसर की पुष्टि करने से पहले डॉक्टर कई तरह के जांच करवाते हैं। जानें इन जांचों के बारें में विस्तार से।
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कैसे की जाती है ओवेरियन कैंसर की जांच


ओवरी (अंडाशय) महिलाओं के प्रजनन अंग का एक हिस्सा है। ओवरी के जरिए महिलाओं के शरीर में अंडो व हार्मोंन का निर्माण होता है। ओवरी का आकार बादाम के आकार का होता है।


महिला की स्वास्थ्य जांच करती हुई डॉक्टरमहिलाओं में ओवरी का कैंसर एक गंभीर समस्या है। अगर इस बीमारी को गंभीरता से ना लिया जाए तो इससे कई महिलाओं की जान का खतरा हो सकता है। शुरुआती अवस्था में ओवरी कैंसर का पता चलने पर इसका इलाज संभव है। लेकिन शुरुआती दौर में होने पर महिलाओं में इसके लक्षण बहुत कम दिखाई देते हैं जिसके कारण पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है।

 

ओवरी कैंसर के लक्षण

  •   पेट में दर्द होना, मरोड़ उठना, गैस या सूजन
  •   डायरिया, कब्ज़ की समस्या
  •   बार बार पेट खराब होना
  •   भूख न लगना, ज्यादा भोजन ना कर पाना
  •   अचानक वजन कम होना या बढ़ना
  •   मासिक धर्म ना होने पर भी योनि से खून बहना

 

[इसे भी पढ़ें: ओवरियन कैंसर और सिस्ट]

 

ओवरी कैंसर की जांच

ओवरी के कैंसर की जांच का पता लगाने के लिए डॉक्टर कई तरह के टेस्ट कराने को कह सकते हैं। जिनमें शारीरिक जांच, लैब टेस्ट, अल्ट्रासांउड आदि शामिल होते हैं।  


श्रोणी की जांच

श्रोणी की जांच के समय डॉक्टर बड़ी ही सावधानी के साथ रोगी के जननेन्द्रिय के बाहरी हिस्से की जांच करती है फिर वह वजाइना की जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकती हैं। जांच के लिए डॉक्टर किसी यंत्र का भी प्रयोग कर सकती जिससे वह रोगी के गर्भाशय में होने वाली असामान्यताओं को समझ सकती है।   

अल्ट्रासाउंड

अल्ट्रासाउंड में एक हाई फ्रीक्वेंसी साउंड वेव निकलती है जिसके जरिए रोगी के शरीर के अंदर की पूरी तस्वीर डॉक्टर अपने मॉनिटर पर देख सकता है। इससे महिला की ओवरी का आकार व उसमें होने वाली समस्याओं के बारे में जाना जा सकता है जो कि इलाज में काफी लाभदायक होता है।   

[इसे भी पढ़ें: क्या ओवरी कैंसर अनुवांशिक होता है]

 

सर्जरी

अगर महिला में अंडाशय के लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर इसे सुनिश्चित करने के लिए सर्जरी का सहारा ले सकते हैं। सर्जरी के दौरान डॉक्टर रोगी के पेट में एक चीरा लगाता है जिससे वो पेट की कैविटी के बारे में पता लगता है और कैंसर के होने की पुष्टि करता है। कुछ मामलों में सर्जन छोटे से चीरे के जरिए कुछ सर्जिकल यंत्रों को अंदर डालता है जिनका काम पेट में मौजूद द्रव्यों को सैंपल के तौर पर लेना होता है। इसके बाद इस द्रव्य को लैब में टेस्ट के लिए भेजा जाता है। अगर कैंसर की पहचान हो जाने पर अगर संभव होता है तो सर्जन इसे तुरंत हटा देता है।

रक्त की जांच

सीए 125 एक तरह का प्रोटीन है जो ओवरी कैंसर की कोशिकाओं व कुछ स्वस्थ ऊतकों की सतह पर पाया जाता है। कई महिलाएं जिन्हें ओवरी कैंसर होता है उनके रक्त में सीए 125  का स्तर काफी ज्यादा होता है। इसलिए डॉक्टर ओवरी कैंसर को सुनिश्चित करने से पहले रक्त की जांच करवाने को कह सकते हैं।




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