डायबिटीज के कारण अब नहीं काटने पड़ेंगे शरीर के अंग, घाव भरने के लिए BHU में बनाई गई खास दवा

डायबिटीज रोगियों में घाव होने पर बहुत मुश्किल से भरता है, जिसके कारण इंफेक्शन से बचने के लिए अक्सर शरीर का अंग काटना पड़ता है। मगर बीएचयू के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने ऐसी दवा खोज ली है, जो घाव को तेजी से भरेगी।
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डायबिटीज के कारण अब नहीं काटने पड़ेंगे शरीर के अंग, घाव भरने के लिए BHU में बनाई गई खास दवा


डायबिटीज रोगी के शरीर में किसी तरह का घाव होने पर ये आसानी से भरता नहीं है, जिसके कारण इंफेक्शन होने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। यही कारण है कि डायबिटीज के रोगियों में घाव होने पर अक्सर उनके अंग को काटना पड़ता है, ताकि घाव पूरे शरीर में न फैल हो जाए। मगर अब जल्द ही डायबिटीज रोगियों को इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। दरअसल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IMS) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने एक खास दवा बनाने में सफलता प्राप्त की है, जो डायबिटीज के मरीजों के घाव भरने में मदद करेगी। इस दवा के प्रयोग से इंफेक्शन ठीक हो जाएगा, जिससे डायबिटीज रोगी के शरीर का अंग नहीं काटना पड़ेगा।

वैज्ञानिकों ने खोजा खास बैक्टीरियोफेज

नवभारत टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार बीएचयू के वैज्ञानिकों ने गंगाजल में एक खास बैक्टीरियोफेज (Bacteriophage) की खोज की है, जो घाव को भरने में मदद करता है। फिलहाल इसका प्रयोग खरगोश और चूहों पर किया गया है और ये प्रयोग सफल रहा है। इंसानों पर इसके प्रयोग की अनुमति मिलने पर इस बैक्टीरियोफेज का इंजेक्शन और स्प्रे बाजार में बेचा जा सकेगा। वैज्ञानिकों के शोध में इस बैक्टीरियोफेज को एंटीबायोटिक से कहीं ज्यादा असरकारी पाया गया है।

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2005 से चल रहा था शोध

रिपोर्ट के अनुसार बीएचयू के Microbiology विभाग में इस दिशा में 2005 से ही रिसर्च की जा रही थी। मगर अब वैज्ञानिकों को इस दवा को बनाने में सफलता मिल गई है। गंगाजल में मिलने वाले इस बैक्टीरियोफेज को वैज्ञानिकों ने घाव के बैक्टीरिया से कल्चर कराया, जिसके बाद देखा गया कि घाव जल्दी भरने लगा। अब इस बैक्टीरियोफेज के सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए स्प्रे और इंजेक्शन के तौर पर बनाने की अनुमति का प्रस्ताव इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पास भेजी गई है।

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रूस में भी की जा चुकी है रिसर्च

रशियन फेडरेशन के इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी एंड फंडामेंटल मेडिसिन द्वारा इसी विषय पर एक रिसर्च पहले भी की जा चुकी है, जिसे National Center for Biotechnology Information में छापा गया है। इस रिसर्च पेपर के अनुसार घावों को ठीक करने के लिए बैक्टीरियोफेज थेरेपी एक वैकल्पिक तरीका है। डायबिटीज के मरीजों में पैरों के घाव (Diabetic foot ulcers) को ठीक करने में ये थेरेपी प्रभावी हो सकती है।

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